युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय
खेल विभाग (युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय) - वर्ष 2018 के अंत में समीक्षा
Posted On:
10 DEC 2018 11:20AM by PIB Delhi
खेल के क्षेत्र में उपलब्धि के मामले में वर्ष 2018 भारत के लिए ऐतिहासिक रहा है। खेल के लिए सरकार के दो प्रवृत्त दृष्टिकोण- शीर्ष खेल प्रतिभाओं का पोषण और जमीनी स्तर पर नए खेल सितारों की खोज के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। भारत ने इस वर्ष गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में 66 पदकों, जकार्ता एशियन गेम्स में 69 पदकों और पैरा एशियन गेम्स में 72 पदकों के साथ अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का रिकॉर्ड बनाया है। वर्ष 2018 में खेल विभाग की उपलब्धियां निम्नलिखित हैं: -
1. खेलो इंडिया स्कूल गेम्स (केआईएसजी), 2018:
- पहला खेलो इंडिया स्कूल गेम्स, 2018 का आयोजन 31 जनवरी 2018 से 8 फरवरी, 2018 के बीच किया गया था।
- इसमें 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के 3507 खिलाड़ियों ने भाग लिया था।
- पदक टैली- 199 गोल्ड + 199 रजत +275 कांस्य पदक
- सबसे बड़े प्रतियोगी राज्य:
1. महाराष्ट्र- 331 खिलाड़ी
2. हरियाणा - 388 खिलाड़ी
3. दिल्ली - 359 खिलाड़ी
- केआईएसजी में सहायक कर्मचारी: 875 कोच, 578 प्रबंधक
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित तकनीकी अधिकारियों द्वारा 578 प्रकार के तकनीकी कार्यों का निष्पादन।
- एम/एस. थॉमस कुक इंटरनेशनल के माध्यम से विभिन्न होटलों में आवासीय सुविधा प्रदान की गई।
- 868 स्वयंसेवकों ने इसमें भाग लिया।
- प्रतिभा पहचान प्रक्रिया के दौरान लगभग 550 प्रतिभाओं की पहचान की गई।
- समग्र प्रतियोगिता परिणाम:
1. हरियाणा - 38 स्वर्ण, 26 रजत और 38 कांस्य: कुल: 102 पदक
2. महाराष्ट्र - 36 स्वर्ण, 32 रजत 43 कांस्य: कुल: 111 पदक
3. दिल्ली - 25 गोल्ड, 29 रजत 40 कांस्य: कुल: 94 पदक
2. मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस परेड की झांकी में सभी मंत्रालयों के बीच सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया:
युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के गणतंत्र दिवस 2018 परेड की झांकी को भारत सरकार के मंत्रालयों/ विभागों के बीच सबसे अच्छी झांकी घोषित की गई। 28 जनवरी 2018 को नई दिल्ली में आयोजित हुए एक समारोह में, सचिव (खेल) को माननीय रक्षा मंत्री से सर्वश्रेष्ठ झांकी के लिए ट्रॉफी और सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की झांकी की थीम खेलो इंडिया था।
3. खेलो इंडिया स्कूल गेम्स, 2018 की प्रमुख उपलब्धियां:
- 1178 खेल प्रतिभाओं का पहचान किया गया है और उन एथलीटों को अगले 8 वर्षों तक वार्षिक 5 लाख रुपये के खर्च के साथ प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- तैराकी में, कर्नाटक के श्रीहरी नटराज ने 6 स्वर्ण और 1 रजत पदक जीते। उन्होंने केआईएसजी 2018 में सीनियर नेशनल 100 मीटर की बैकस्ट्रोक में रिकॉर्ड को तोड़ा। उनका पिछला समय 57.20 सेकेंड था और उन्होंने केआईएसजी में 56.90 सेकेंड लगाया। उन्होंने एशियाई आयु वर्ग और युवा ओलंपिक खेलों के लिए अर्हता प्राप्त की है।
- निशानेबाजी में, हरियाणा के मनु भाकर ने एयर पिस्तौल महिला योग्यता राउंड मे 387 के स्कोर के साथ नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है। फाइनल में भी, मनु भाकर ने 241.1 के स्कोर के साथ अपना ही खुद का राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिसे उन्होंने केरल में 2017 में बनाया था। वह यूथ ओलंपिक गेम्स, 2018 की कोटा विजेता भी हैं।
- एथलेटिक्स में, उत्तर प्रदेश के अभिषेक सिंह ने 18.73 मीटर की फेंक के साथ शॉटपुट में स्वर्ण जीता और उन्हें सर्वश्रेष्ठ एथलीट बॉय घोषित किया गया। 100 मीटर की बाधाओं में, केरल के अपर्णा रॉय ने 14.02 सेकेंड के समय के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया और उन्हें सर्वश्रेष्ठ एथलीट गर्ल घोषित किया गया।
4. राष्ट्रीय खेल विकास कोष यानि नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड (एनएसडीएफ) में 10 करोड़ रुपये का योगदान
इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) ने एनएसडीएफ में 10.00 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। यह आईआईएफसीएल द्वारा दिए गए योगदान की तीसरी किस्त है जिससे उसका कुल योगदान 30.00 करोड़ रुपया हो गया है। आईआईएफसीएल के इस योगदान का उपयोग बैडमिंटन, तीरंदाजी और पैरा स्पोर्ट्स जैसे विषयों के प्रचार के लिए तथा इन विषयों के खिलाड़ियों को उनके अनुकूलित प्रशिक्षण और अन्य सेवाओं को प्रदान करने के लिए और इन विषयों में अकादमियों की स्थापना / अकादमियों की सहायता के लिए किया जा रहा है।
राष्ट्रीय खेल विकास कोष यानि नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड (एनएसडीएफ) की स्थापना शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों के समर्थन के माध्यम से खेल में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए की गई थी, जिनके लिए ओलंपिक और अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक की संभावनाएं हैं और जिनके लिए खेल का बुनियादी ढांचे का निर्माण प्राथमिक विषयों में शामिल है। यह फंड निजी / सार्वजनिक कॉर्पोरेट क्षेत्रों से, ट्रस्ट/सोसाइटी जैसे अन्य कानूनी निकायों से और व्यक्तिगत रूप से योगदानों को स्वीकार करता है।
5. 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में प्रदर्शन:
भारत ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 4 से 15 अप्रैल 2018 तक चले राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लिया। राष्ट्रमंडल खेलों में यह भारत की 18 वीं भागेदारी थी। 26 स्वर्ण पदकों और कुल मिलाकर 66 पदकों (26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य) के साथ, भारत ने इस प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त किया। 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के बाद यह भारत का सबसे अच्छा प्रदर्शन था।
6. एलएनआईपीई को श्रेणीकरण में यूजीसी द्वारा प्रथम श्रेणी का विश्वविद्यालय माना जाता है:
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने हाल ही में लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन, ग्वालियर को श्रेणी-1 का अर्थात यूजीसी के [वर्गीकृत स्वायत्तता अनुदान विश्वविद्यालयों का (केवल) वर्गीकरण करने के लिए] विनियम पत्र 19.06.2018 के पत्र के हिसाब से प्रावधानों के अनुसार उच्च श्रेणी के विश्वविद्यालय में वर्गीकृत किया गया है। इससे पहले, इस संस्थान को पहले से ही राष्ट्रीय आकलन और मान्यता परिषद (एनएएसी) के द्वारा ए ++ के रूप में मान्यता प्राप्त है और 11 वें राष्ट्रीय शिक्षा शिखर सम्मेलन 2017 में और विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित कौशल विकास के लिए दूसरे राष्ट्रीय उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन में "भारत में शारीरिक शिक्षा का उत्कृष्ट संस्थान" का खिताब प्राप्त है।
7. मौलाना अब्दुल कलाम आजाद (माका) ट्रॉफी के लिए दिशानिर्देश में संशोधन:
खेल में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय के चयन को मौलाना आब्दुल कलाम आजाद (माका) ट्रॉफी के पुरस्कार के लिए के तर्कसंगत और सरल बनाने के लिए केंद्रीय खेल मंत्री ने 8.6.2018 को माका ट्रॉफी में संशोधन के दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी। संशोधित दिशानिर्देशों के अंतर्गत, विश्वविद्यालयों का आवेदन, जिन्हें अब तक भारतीय विश्वविद्यालयों के संघ (एआईयू) द्वारा आमंत्रण और जांच के लिये बुलाया जाता था अब उन्हें भारत के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय/खेल प्राधिकरण द्वारा आमंत्रित किया जाएगा। आवेदनों की जांच भारत के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय/खेल प्राधिकरण द्वारा भी की जाएगी। माका ट्रॉफी के लिए विश्वविद्यालयों के चयन के लिए अंकों की गणना के मानदंड में संशोधन किया गया है। जिस टूर्नामेंट का आयोजन वर्ष में एक से अधिक बार होता है उन पर अंकों की गणना में विचार नहीं किया जाएगा। पूर्णरूप से चयनित विजेता विश्वविद्यालय के लिए पुरस्कार की राशि बढ़ा दी गई है। विजेता विश्वविद्यालय के ईनाम की राशि अब 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी गई है वहीं प्रथम रनर-अप और दूसरे रनर-अप विश्वविद्यालयों के लिए पुरस्कार की राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7.5 लाख रुपये और 3 लाख रुपये से 4.5 लाख रुपये क्रमशः कर दिया गया है।
8. मेधावी खिलाड़ियों के पेंशन में संशोधन:
खिलाड़ियों के कल्याण के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए, केंद्रीय खेल मंत्री ने 7.6.2018 को मेधावी खिलाड़ियों के पेंशन में संशोधन को मंजूरी दे दी। इस संशोधन के अंतर्गत, अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पदक जीतने वाले खेलाड़ियों के पेंशन की मौजूदा दर दोगुनी कर दी गई है। पेंशन के सीमा की नई दरों को न्यूनतम 12,000 रुपया प्रति माह तथा अधिकतम 20,000 रुपया प्रतिमाह रखा गया है पैरा-ओलंपिक खेलों और पैरा एशियाई खेलों में पदक विजेताओं की पेंशन की दरें क्रमश: ओलंपिक खेलों और एशियाई खेलों में पदक विजेताओं के बराबर होगी। पेंशन की दरों में संशोधन को 1 अप्रैल 2018 से प्रभावी कर दिया गया है।
9. खेलो इंडिया के अंतर्गत छात्रवृत्ति कार्यक्रम:
खेलो इंडिया स्कूल गेम्स की सफलता से उत्साहित होकर, खेल विभाग ने दिनांक 22.7.2018 को खेल के विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए खेलो इंडिया टैलेंट आइडेंटिफिकेशन डेवलपमैंट स्कीम के अंतर्गत आने वाले छात्रवृत्ति कार्यक्रम के लिए 1178 खिलाड़ियों को मंजूरी दे दी। इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम को उनके खर्चों पर ध्यान रखने के लिए तैयार किया गया है जिसमें प्रशिक्षण, विकास, बोर्डिंग और आवास और टूर्नामेंट एक्सपोजर के साथ उनका पॉकेट खर्च का भत्ता भी शामिल है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, खिलाड़ियों को जेब खर्च के अलावा 1.2 लाख रुपये वार्षिक अनुदान तिमाही रूप में दिया जाएगा, जिससे वे अपने चोटों का इलाज करा सकेंगे और यहां तक कि अपने छोटे लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व जैसे कि अपने माता-पिता/परिवार के सदस्यों के लिए स्थानीय स्तर की यात्रा का प्रबंध कर सकेंगे।
10. राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग एजेंसी (एनएडीए):
इस वर्ष की शुरुआत में ही, एनएडीए ने अपने प्रयास की शुरुआत दिल्ली में आयोजित हुए प्रथम खेलो इंडिया स्कूल गेम्स, के दौरान ही कर दी थी जिससे खेल की अखंडता का पालन किया जा सके और प्रतियोगी खिलाड़ियों को खेल की अखंडता के अंतर्राष्ट्रीय मानकों से अवगत कराया जा सके और स्कूल खेल को डोप से मुक्त करने के लिए एनएडीए द्वारा कुल 377 डोप परीक्षण का आयोजन किया गया। 2018 के मध्य में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों से पहले, एनएडीए ने एशियाई खेलों के आयोजन से पहले 498 भारतीय एथलीटों का परीक्षण किया, जो कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेल से पहले एनएडीए द्वारा आयोजित किया गया सबसे बड़ा परीक्षण था। इनमें से, 54 भारतीय एथलीट जिन्हें एशियाई खेलों की तैयारी के लिए विदेशों में प्रशिक्षण मिल रहा था, उनका परिक्षण एनएडीए द्वारा चेक गणराज्य, नीदरलैंड, फिनलैंड, जर्मनी, थाईलैंड और भूटान सहित विभिन्न देशों में किया गया था। कोड अनुपालन गतिविधियों की निगरानी करने के लिए, वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) की ऑडिट टीम ने पिछले साल भारत में एनएडीए की एंटी डोपिंग कार्यक्रम का ऑडिट किया था। वाडा की ऑडिट टीम के अनुशंसित सुधारक कार्य रिपोर्ट का पालन करते हुए भारत के नाडा ने अपने मुख्य संहिता अनुपालन बनाए रखने के लिए और विभिन्न क्षेत्रों में सुधारात्मक कार्रवाई को लागू करने के लिए कदम उठाया है। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) के द्वारा प्रकाशित वार्षिक आंकड़ों की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एंटी डोपिंग नियमों के उल्लंघन की संख्या में कमी हुई है। डोपिंग के घटनाओं की संख्या में इस प्रकार की कमी से भारत वैश्विक स्तर पर तीसरे से छठवें स्थान पर पहुंच गया है।
11. मणिपुर में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय:
देश में खेल के प्रति समर्पित के भावना के विकास को ध्यान में रखते हुए मणिपुर में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए लोकसभा में दिनांक 10.08.2017 को राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय विधेयक, 2018 को प्रस्तुत किया गया, जिसे 2018 के मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में पारित करवाया गया। राष्ट्रपति से अनुमोदन प्राप्त हो जाने के बाद, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय अधिनियम, 2018 का प्रकाशन 17 अगस्त, 2018 को भारत के राजपत्र में किया गया।
मणिपुर का राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय खेल विज्ञान, खेल प्रौद्योगिकी, खेल प्रबंधन और खेल कोचिंग के क्षेत्रों में खेल के शिक्षा को बढ़ावा देने वाला अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय होगा जहां पर इसके अलावा सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं को अपनाते हुए चुनिंदा खेल विषयों के लिए एक राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी कार्य करने का प्रावधान होगा।
यह विश्वविद्यालय स्पोर्ट्स कोचिंग, स्पोर्ट्स साइंसेज और शारीरिक शिक्षा के विभिन्न विषयों में बैचलर, मास्टर और डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान करेगा। भविष्य में विभिन्न खेल शिक्षा और कोचिंग विषयों में विशिष्ट डिग्री कार्यक्रमों को प्रदान करने की परिकल्पना की गई है।
माननीय प्रधानमंत्री ने 16.3.2018 को इम्फाल में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय ने खुमानलंपक खेल परिसर, इम्फाल में एक अस्थायी परिसर के रूप में काम करना शुरू कर दिया है।
बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स (बीपीईएस) और बीएससी (स्पोर्ट्स कोचिंग) के प्रभावी पाठ्यक्रमों के प्रथम अकादमिक सत्र दिनांक 15.01.2018 से शुरू किया है।
अकादमिक सत्र 2018-19 के लिए भी प्रवेश प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। बीपीईएस और बीएससी (स्पोर्ट्स कोचिंग) के अलावा एक नए स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम जैसे एमए (स्पोर्ट्स साइकोलॉजी) की शुरुआत की गई है।
12. राष्ट्रीय खेल और साहसिक पुरस्कार 2018:
भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने 25 सितंबर, 2018 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रीय खेल और साहसिक पुरस्कार 2018 को प्रदान किया। इस राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की श्रेणी में, सबसे प्रतिष्ठित राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से एस. मिराबाई चानू (भारोत्तोलन) और विराट कोहली (क्रिकेट) को सम्मानित किया गया, जबकि द्रोणाचार्य पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कारों से 32 खिलाड़ियों/ कोचों को विभिन्न क्षेत्रों में सम्मानित किया गया।
टेनज़िंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड से लैंड एडवेंचर, वॉटर एडवेंचर के क्षेत्र में 10 लोगों को सम्मानित किया गया जबकि इसमें से एक पुरस्कार लाइफ टाइम अचीवमेंट श्रेणी में भी शामिल था। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर को मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कारों का वितरण तीन इकाइयों में किया गया अर्थात राष्ट्रीय इस्पत निगम लिमिटेड को युवा प्रतिभा वर्ग की पहचान और पोषण करने के लिए, जेएसडब्लू स्टील को कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से खेल को प्रोत्साहन देने के लिए और ईशा फाउंडेशन को खेल के क्षेत्र में प्रोत्साहन देने के लिए दिया गया।
13. अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भारतीय खो-खो टीम को वित्तीय सहायता प्रदान करना:
केंद्रीय खेल मंत्री ने भारत सरकार के द्वारा वित्तीय सहायता के साथ 1 से 4 सितंबर, 2018 को इंग्लैंड में हुए प्रथम अंतर्राष्ट्रीय खो-खो चैंपियनशिप के लिए भारत के खो-खो टीम की भागीदारी को मंजूरी दी। मंत्रालय के मौजूदा दिशानिर्देशों में इसे पहली बार छूट के साथ मंजूरी दी गई थी, अब तक खो खो जैसे खेलों को "अन्य" विषयों के रूप में वर्गीकृत किया जाता रहा है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय खेल की स्पर्धा में भागीदारी लेने के लिए वित्तीय सहायता के योग्य नहीं माना जाता रहा है।
14. भारतीय खिलाड़ियों द्वारा एशियाई खेलों, 2018 में और पैरा एशियाई खेलों, 2018 में सराहनीय प्रदर्शन:
18 अगस्त से लेकर 2 सितंबर, 2018 तक जकार्ता और पालेम्बैंग (इंडोनेशिया) में आयोजित किए गए एशियाई खेलों 2018 में भारतीय खिलाड़ियों और टीमों ने बहुत ही सराहनीय प्रदर्शन किया। भारत ने 69 पदक जीते (15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य) और पदक तालिका में 8 वें स्थान पर रहा।
माननीय प्रधानमंत्री ने 5 सितंबर, 2018 को एशियाई खेलों 2018 के पदक विजेताओं को सम्मानित किया।
एशियाई खेलों 2018 के पदक विजेताओं को सम्मानित करने के लिए मंत्रालय द्वारा 4 सितंबर, 2018 को आयोजित किए गए एक अलग समारोह में पदक विजेता खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार भी प्रदान किए गए। स्वर्ण पदक विजेताओं को 30 लाख रुपये, रजत पदक विजेताओं को 20 लाख रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 10 लाख रुपये प्रदान किए गए।
भारत ने एशियाई पैरा गेम्स (एपीजी) में 72 मेडलों (15 स्वर्ण, 24 रजत और 33 कांस्य पदक) के साथ पदक तालिका में 9 वां स्थान हासिल किया, जो कि पिछले पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से संख्या के मामले में बहुत आगे था।
15. यूथ ओलंपिक गेम्स:
यह भारत को ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में हुए युवा ओलंपिक गेम (वाईओजी) में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन हैं जहां भारत ने 13 (3 स्वर्ण, 9 रजत और 1 कांस्य पदक) पदकों के जीत के साथ ही 14 वां स्थान प्राप्त किया।
16. खिलाड़ियों को वित्तीय सहायताः
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के द्वारा राष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए कल्याण के लिए पंडित दीनदयाल अपध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष (पीडीयूएनडब्लूएफएस) का संचालन किया जाता है जिससे के माध्यम से भूतपूर्व उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सहायता की जा सके और वे अपने जीवन को सुखद परिस्थिति में जी सकें, जिन्होंने अपने खेल से देश का गौरव बढ़ाया था।
2018-19 के दौरान, पीडीयूएनडब्ल्यूएफएस के माध्यम से निम्नलिखित वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी :-
- जिमनास्ट कोच श्री एन. बृज किशोर को 6 लाख रुपये चिकित्सा उपचार के लिए।
- पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी श्री सुमित्राभा के परिवार को 5 लाख रुपये चिकित्सा उपचार के लिए।
- सुश्री खैडिम कालंबिया चानू (फैंसिंग) को 5 लाख रुपये चिकित्सा उपचार के लिए।
- श्री लक्ष्मी कांत दास को 2 लाख रुपये चिकित्सा उपचार के लिए।
- श्री लिम्बा राम (तीरंदाजी) को 5 लाख रुपये चिकित्सा उपचार के लिए।
- श्री गोहेला बारो (तीरंदाजी) को 5 लाख रुपये चिकित्सा उपचार के लिए।
- श्री अशोक सोरेन (तीरंदाजी) को 5 लाख रुपये चिकित्सा उपचार के लिए।
- सुश्री गरिमा जोशी (एथलीट) को 5 लाख रुपये चिकित्सा उपचार के लिए।
- श्री प्रेम लाल, पूर्व पहलवान को 5 लाख रुपये चिकित्सा उपचार के लिए।
- श्री हकम सिंह, पूर्व एथलीट को 10 लाख रुपये चिकित्सा उपचार के लिए।
- सुश्री वंदना सूर्यवंशी, पूर्व जूडो खिलाड़ी को 2 लाख रुपये वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए।
- श्री जी. लक्ष्मण, पूर्व एथलीट को 10 लाख रूपये वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए।
17. एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप 2018:
एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2018 का आयोजन भारत के नई दिल्ली के केडी जादव इंडोर स्टेडियम में 15 से 24 नवंबर, 2018 के दौरान किया गया। लाइट फ्लाईवेट श्रेणी के फाइनल में भारत की मैरीकॉम ने यूक्रेन की मुक्केबाज हाना अखोटा को हराकर स्वर्ण पदक जीतकर, एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में छह स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला मुक्केबाज बनने का इतिहास रचा। भारत एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
18. बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा खेल में:
देश के अंदर खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता का विकास करने के लिए, इस मंत्रालय ने 2 साल का कोर्स शुरू करने के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), रोहतक को वित्त-पोषित और दिशा-निर्देशित किया है। अकादमिक वर्ष 2018-19 में अन्य बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स के साथ ही खेल में बिजनेस मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर डिप्लोमा संस्थान के द्वारा प्रारंभ किया जा चुका है।
19. एनसीएसएसआर योजना के अंतर्गत विश्वविद्यालयों और मेडिकल कॉलेजों को समर्थन
नेशनल सेंटर ऑफ स्पोर्ट्स साइंसेज एंड रिसर्च (एनसीएसएसआर) नामक योजना की शुरुआत की गयी, जिसका उद्देश्य उच्च श्रेणी के एथलीटों के अच्छे प्रदर्शन के संबंध में उच्च स्तरीय शोध, शिक्षा और नवाचार का समर्थन करना है। इस योजना के दो घटक हैं: पहला, एनआईएस, पटियाला में एनसीएसएसआर की स्थापना करना है जबकि अन्य का चुनिंदा विश्वविद्यालयों में खेल विभागों और चुनिंदा मेडिकल कॉलेजों/संस्थानों/ अस्पतालों में खेल चिकित्सा विभागों के निर्माण को समर्थन देने पर केंद्रित है। एमवाईएएएस चयनित विश्वविद्यालयों को 25 करोड़ रुपये और चयनित मेडिकल कॉलेज/संस्थान/ अस्पतालों को 12.5 करोड़ रुपये 5 साल की अवधि के लिए देगा और बाद में उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। मेडिकल कॉलेजों के खेल चिकित्सा पोस्ट एमबीबीएस डिग्री दी जाएगी यानी एमडी इन स्पोर्ट्स मेडिसिन और डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स मेडिसिन। विश्वविद्यालयों के खेल विज्ञान विभागों द्वारा खेल फिजियोलॉजी में एमएससी, स्पोर्ट्स बायोकैमेस्ट्री, स्पोर्ट्स न्युट्रीशन, स्पोर्ट्स बायोमेकॅनिक्स, खेल प्रशिक्षण के तरीके; खेल में एमपीटी; खेल मनोविज्ञान में एमए और स्पोर्ट्स एंथ्रोपोमेट्री में सर्टिफिकेट जैसे कोर्स करवाए जाएंगे।
इस योजना के दूसरे घटक के रूप में, देश के विभिन्न हिस्सों में खेल विज्ञान और खेल चिकित्सा विभागों की स्थापना के लिए 6 विश्वविद्यालयों और 6 मेडिकल कॉलेज/ संस्थान/ अस्पताल का चयन किया गया है।
खेल विज्ञान विभाग का वित्त पोषण करने के लिए चुने गए विश्वविद्यालयों/ संस्थानों की सूची: (i) गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर (ii) लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फीजिकल एजुकेशन,ग्वालियर (iii) नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ न्युट्रीशन, हैदराबाद (iv) अन्नामलाई विश्वविद्यालय, तमिलनाडु (v) राजस्थान केन्द्रिय विश्वविद्यालय, अजमेर, राजस्थान और (vi) कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता, पश्चिम बंगाल।
खेल चिकित्सा विभाग का वित्त पोषण के लिए चयनित विश्वविद्यालयों/ अस्पतालों/ मेडिकल कॉलेजों की सूची: (i) किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ (ii) वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली (iii) पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक, हरियाणा (iv) बैंगलोर मेडिकल कॉलेज और रिसर्च इंस्टीट्यूट, बेंगलुरू, कर्नाटक (v) केईएम अस्पताल और सेठ जी. एस. मेडिकल कॉलेज, मुंबई और (vi) रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, इम्फाल।
20. अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदक विजेताओं और उनके कोच को विशेष (नकद) पुरस्कार देने की योजना:
इस योजना के अंतर्गत 2018-19 के दौरान विजेता खिलाड़ियों को 11.02 करोड़ रुपये अब तक दिया जा चुका है।
आर.के.मीणा/अर्चना/अभय-1
(Release ID: 1555504)
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