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Ministry of Civil Aviation

समावेशी और तेजी से बढ़ते विमानन क्षेत्र के साथ नयी ऊंचाइयां छूता भारत

2014 में 74 से बढ़ कर 2024 में 157 हुई परिचालित हवाई अड्डों की संख्या

Posted On: 15 SEP 2024 2:11PM

आज, भारत वैश्विक नागरिक विमानन इकोसिस्टम के शीर्ष भागीदारों में से एक है। केवल एक ही दशक में भारत ने एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हासिल किया है। इन 10 वर्षों में, भारत एक विमानन रहित देश से एक विमानन समावेशी देश में विकसित हुआ है।

-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

 

भारत का विमानन क्षेत्र तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है, जिसकी वजह बढ़ती मांग और सरकार की सहायक नीतियों के माध्यम से इसके विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता है। बीते समय की रुकावटों को पार करते हुए तथा एक प्रतिस्पर्धी क्षेत्र के रूप में उभरते हुए, इस उद्योग ने एक उल्लेखनीय परिवर्तन किया है। इस उल्लेखनीय बदलाव ने वैश्विक विमानन इकोसिस्टम में भारत को अग्रणी देशों की श्रेणी में शामिल कर दिया है। अब भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन गया है।

विमानन क्षेत्र में इस अभूतपूर्व विकास को बढ़ावा देने में भारत सरकार की प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण रही है। विमानन उद्योग को सशक्त बनाने और इसकी पूरी क्षमता का अनलॉक करने के लिए रणनीतिक पहलों की एक श्रृंखला लागू और डिज़ाइन की गई है।

नागरिक विमानन पर दूसरा एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन

नागरिक विमानन पर दूसरा एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 12 सितंबर, 2024 को ऐतिहासिक दिल्ली घोषणा को औपचारिक रूप से अपनाने के साथ संपन्न हुआ। दिल्ली घोषणापत्र क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने, विमानन क्षेत्र से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए एक रूपरेखा निर्धारित करता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, "हमारा उद्देश्य हवाई यात्रा को आम लोगों तक पहुंचाना है। हमें हवाई यात्रा को सभी के लिए सुरक्षित, किफायती और सुलभ बनाने की आवश्यकता है। यह घोषणा सभी के प्रयासों के साथ हमें इसे हासिल करने में मदद करेगी।"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिक विमानन में भारत की तकनीकी और बुनियादी ढांचे की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और इस क्षेत्र को महिलाओं के लिए अधिक समावेशी बनाने के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में 15 % पायलट महिलाएं हैं, जो वैश्विक औसत 5 प्रतिशत से काफी अधिक है और इस संख्या को और बढ़ाने के लिए एक परामर्श जारी करने का उल्लेख किया। पिछले दशक में भारत के विमानन क्षेत्र में आए महत्वपूर्ण बदलावों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारत विमानन के एक विशिष्ट परिवेश से एक ऐसे परिवेश में परिवर्तित हो गया है जो समावेशी है, लोगों और संस्कृतियों को जोड़ता है और समृद्धि को बढ़ावा देता है।

उन्होंने कहा कि शुरू में विमानन एक विशिष्ट समूह तक ही सीमित रहा या अच्छी हवाई कनेक्टिविटी वाले बड़े शहरों में मुख्य रूप से अभिजात वर्ग द्वारा उपयोग किया गया केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई और कार्यान्वित की गई विभिन्न पहलों और नीतिगत परिवर्तनों के कारण हवाई यात्रा अधिक सुलभ और समावेशी हो गई है, जिससे विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के अधिक लोग भी अब हवाई यात्रा का अनुभव कर रहे हैं। यह क्षेत्र समाज के एक छोटे, विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग की सेवा करने से बढ़कर अधिक व्यापक और किफायती हो गया है, जिससे सामान्य आबादी, विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों की जनता को लाभ मिल रहा है।

 

 

भारत के विमानन उद्योग में पिछले 10 वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। देश में परिचालित हवाई अड्डों की संख्या 2014 में 74 से दोगुनी होकर 2024 में 157 हो गई है और इसका लक्ष्य 2047 तक इस संख्या को 350-400 तक बढ़ाने का है। पिछले एक दशक में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है, जिसमें अपने बेड़े का विस्तार कर रहे भारतीय एयरलाइंस उल्लेखनीय रूप से शामिल हैं।

इस विकास का आधार केंद्र सरकार की नीतियां और पहल रही हैं। ऐसी ही एक पहल 2016 में शुरू की गई क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना - उड़े देश का आम नागरिक (आरसीएस-उड़ान) है, जिसका उद्देश्य मौजूदा हवाई पट्टियों और हवाई अड्डों को विकसित कर देश के अप्रयुक्त और कम सेवा वाले हवाई अड्डों को कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

भारत सरकार स्थिरता पर भी ज़ोर दे रही है। यह दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों की उपलब्धियों से स्पष्ट है, दोनों को प्रतिष्ठित लेवल 4+ कार्बन एक्रीडेशन से सम्मानित किया गया है। यह मान्यता उनके कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने और जिम्मेदार विमानन प्रथाओं को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना-उड़ान

इस विस्तार के केंद्र में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) - उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) है। पिछले सात वर्षों में इस योजना ने सफलता के नए आयाम स्थापित किये गए हैं, जो भारत के अप्रयुक्त और कम सेवा वाले क्षेत्रों को जोड़ने पर केंद्रित है। मौजूदा हवाई पट्टियों और हवाई अड्डों को पुनर्जीवित करके,  उड़ान का लक्ष्य पहले से  समुदायों तक आवश्यक हवाई यात्रा पहुंचाना और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। 10 साल की परिचालन योजना के साथ, उड़ान का इरादा सभी भारतीयों के लिए हवाई यात्रा की समान पहुंच सुनिश्चित करना है।

 

आरसीएस- उड़ान, नागरिक विमानन उद्योग के विकास में योगदान दे रहा है। जैसा की पिछले 7 वर्षों में चार नई और सफल एयरलाइंस सामने आई हैं, इस योजना ने एयरलाइन ऑपरेटरों को परिचालन शुरू करने और एक स्थायी व्यवसाय मॉडल विकसित करने में मदद दी है। इसके अतिरिक्त, यह छोटी क्षेत्रीय एयरलाइनों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने का अवसर प्रदान कर रहा है। उनका सफल संचालन इस तथ्य का प्रमाण है कि यह योजना एयरलाइन व्यवसाय के लिए एक अनुकूल इकोसिस्टम  विकसित कर रही है।

उड़ान 5.3 के लॉन्च की घोषणा विंग्स इंडिया 2024 के उद्घाटन पर की गई थी। एशिया में नागरिक विमानन क्षेत्र का सबसे बड़ा कार्यक्रम, "विंग्स इंडिया 24", 18 जनवरी 2024 को हैदराबाद में शुरू हुआ। वाणिज्यिक, सामान्य और व्यावसायिक विमानन क्षेत्र के इस शो का विषय था "अमृत काल में भारत को विश्व से जोड़ना: भारत नागरिक उड्डयन @2047 के लिए मंच तैयार करना"। इस दौरान की गई अन्य प्रमुख घोषणाएँ थीं:

  • एफआईसीसीआई और केपीएमजी द्वारा नागरिक विमानन पर संयुक्त ज्ञान पत्र का विमोचन,
  • अधिक हवाई जहाजों के खरीद के साथ एयरबस-एयर इंडिया प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ और आने वाले वर्षों में 10 उड़ान सिमुलेटर और 10,000 पायलटों को प्रशिक्षित करने के साथ गुरुग्राम में एक उड़ान प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना
  • टाटा एएसएल और महिंद्रा एयरोस्पेस स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के साथ अधिक पायलटों को बढ़ावा देने के लिए एयरबस विनिर्माण अनुबंध
  • जीएमआर और इंडिगो ने एयरोस्पेस उद्योग में सतत प्रशिक्षण विकसित करने में कई पैटर्न के साथ सहयोग करने के लिए एक कंसोर्टियम पर भी हस्ताक्षर किए
  • जीएमआर स्कूल ऑफ एविएशन का उद्घाटन
  • 17 महीने की अवधि में 200 विमानों के ट्रिपल ऑर्डर के साथ अकासा एयर के डील की घोषणा

आरसीएस-उड़ान: अब तक की प्रगति (31 अगस्त 2024 तक का डेटा)

  1. 583 आरसीएस मार्गों ने अब तक 13 हेलीपोर्ट और 2 वाटर एयरोड्रम सहित 86 हवाई अड्डों को जोड़ने के लिए परिचालन शुरू कर दिया है।
  2. 1.43 करोड़ से अधिक यात्रियों ने योजना का लाभ उठाया है।
  3. उड़ान योजना के तहत अब तक 2.8 लाख से अधिक उड़ानें संचालित हो चुकी हैं।
  4. योजना के तहत देश में हवाई अड्डों के विकास के लिए 4500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें से 3751 करोड़ रुपयों का उपयोग इसकी स्थापना के बाद से किया गया है।

 

हवाई यात्रियों की संख्या में वृद्धि

भारत तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है और भारत में विमानन क्षेत्र ने पर्याप्त वृद्धि देखी है, भारत में हवाई यात्रियों की संख्या में साल दर साल 15% की वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 2024 में 37.6 करोड़ तक पहुंच गई है।

  • वित्तीय वर्ष 2024 में, घरेलू हवाई यात्री यातायात साल दर साल 13 प्रतिशत बढ़कर 30.6 करोड़ हो गया है और अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्री यातायात सालाना 22 प्रतिशत बढ़कर 7 करोड़ हो गया है
  • वित्त वर्ष 2024 में भारतीय हवाई अड्डों पर संभाले जाने वाली एयर कार्गो साल दर साल 7 प्रतिशत से बढ़कर 33.7 लाख टन हो गई है।
  • सरकार ने देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को मंजूरी दी है और एक ठोस पूंजीगत व्यय योजना द्वारा समर्थित यात्री प्रबंधन क्षमता बढ़ाने के लिए नए टर्मिनल भवनों का संचालन किया है।

 

कार्बन न्यूट्रैलिटी पहल

नागरिक विमानन मंत्रालय (एमओसीए) ने भारतीय हवाई अड्डों के कार्बन अकाउंटिंग और रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क को मानकीकृत करके देश में हवाई अड्डों पर कार्बन न्यूट्रैलिटी और कुल शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने की दिशा में पहल की है। इस प्रयोजन के लिए, निर्धारित परिचालन वाले हवाईअड्डा संचालकों को सलाह दी गई है कि वे अपने संबंधित हवाईअड्डों पर कार्बन उत्सर्जन का मानचित्रण करें और चरणबद्ध तरीके से कार्बन न्यूट्रैलिटी और कुल शून्य उत्सर्जन की दिशा में काम करें।

एमओसीए नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के विकासकों और संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से उनकी विकास योजनाओं में कार्बन न्यूट्रैलिटी और कुल शून्य उत्सर्जन को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। वर्ष 2014 से 25 जुलाई 2024 तक 12 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का निर्माण/परिचालन किया गया है। 2014 से एएआई द्वारा 48 हवाई अड्डों/हवाई पट्टियों का निर्माण किया गया है। भारत सरकार के प्रयासों से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु ने लेवल 4+ के साथ-साथ उच्चतर एयरपोर्ट्स इंटरनेशनल काउंसिल (एसीआई) मान्यता प्राप्त कर ली है और वे कार्बन न्यूट्रल बन गए हैं।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) सहित हवाईअड्डा संचालकों ने हवाई अड्डों पर हरित ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए हरित और नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन और स्वयं-उपभोग के लिए विभिन्न स्थानों/हवाई अड्डों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं। इसके अलावा, कुछ हवाई अड्डे ओपन एक्सेस के माध्यम से हरित ऊर्जा भी प्राप्त कर रहे हैं। साल 2014 से कुल 73 हवाई अड्डों ने 100 % हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया है ।[5]

निष्कर्ष

भारत का विमानन क्षेत्र बुनियादी ढांचे के विकास, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और स्थिरता प्रयासों में महत्वपूर्ण प्रगति के साथ परिवर्तनकारी पथ पर अग्रसर है। आरसीएस-उड़ान जैसी +पहल की सफलता से वंचित क्षेत्रों में हवाई यात्रा तक पहुंच बढ़ी है, आर्थिक विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिला है। घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय यात्री संख्या में प्रभावशाली वृद्धि के साथ, भारत वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए तैयार है। भारत में क्षेत्र कार्बन न्यूट्रैलिटी हवाई अड्डों और सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के कारण विमानन क्षेत्र का भविष्य केवल निरंतर विकास को  बल्कि देश और पर्यावरण के लिए स्थायी रूप से दीर्घकालिक लाभ को सुनिश्चित करता है।

संदर्भ:

  1. https://www.civilaviation.gov.in/
  2. https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2040416
  3. https://pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=2053964
  4. Unstarred Question No: 1456 Dated 5th August 2024
  5. Unstarred Question No: 475 Dated 25th July 2024  
  6. https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1997295
  7. https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2034919
  8. https://www.civilaviation.gov.in/sites/default/files/2023-11/Monthly%20Summary%20October%202023%20English%20version.pdf
  9. https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1982288
  10. https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1918943
  11. https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1982287
  12. https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1971506
  13. https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1773045
  14. https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2022/oct/doc20221012116801.pdf
  15. https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1920389
  16. https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1943211
  17. https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2054335

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संतोष कुमार/सरला मीना/अश्वथी नायर/एस.जी

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