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श्रम संहिताओं से बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर संरचना में बदलाव
प्रविष्टि तिथि:
04 DEC 2025 2:17PM by PIB Delhi
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प्रमुख बातें
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- कोई भी नियोक्ता किसी भी कर्मचारी को न्यूनतम वेतन से कम वेतन नहीं देगा।
- न्यूनतम वेतन निर्धारित किया जाएगा और समय पर वेतन भुगतान का प्रावधान होगा।
- निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य जांच, प्रवासी श्रमिकों के लिए लाभों की पोर्टेबिलिटी होगी और लैंगिक भेदभाव समाप्त किया जाएगा।
- नियुक्ति पत्रों के माध्यम से कार्य को औपचारिकता मिलेगी।
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चार संहिताएं, एक सुव्यवस्थित प्रणाली
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नवीनतम श्रम सुधारों के साथ, भारत ने सभी क्षेत्रों में श्रम प्रशासन को सुदृढ़ किया है। श्रम संहिताएं, जैसे वेतन संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020, और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा संहिता 2020 (ओएसएच), भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (बीओसीडब्ल्यू) क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विशेष महत्व रखती हैं, क्योंकि यहां कार्यबल बहुत बड़ा है और निर्माण गतिविधि जटिल और स्थल-आधारित है। ये सुधार वेतन संरक्षण, कार्यस्थल सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और औपचारिक दस्तावेजीकरण को एक एकीकृत दृष्टिकोण में लाते हैं। इसके चलते, निर्माण श्रमिक अधिक सुसंगत कार्य मानकों, कल्याणकारी उपायों तक बेहतर पहुंच और भारत की विकास यात्रा में अपनी भूमिका की बेहतर पहचान की उम्मीद कर सकते हैं।
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बीओसीडब्ल्यू श्रमिकों के लिए सुदृढ़ कल्याण
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श्रम संहिताएं बीओसीडब्ल्यू श्रमिकों के लिए एक सुदृढ़ कल्याण फ्रेमवर्क प्रस्तुत कर, कार्यस्थल की स्थितियों में सुधार कर और अधिक सुरक्षा सुनिश्चित कर भारत के निर्माण कार्यबल के लिए एक समेकित सुरक्षा तंत्र निर्मित करती हैं।
ये सुधार आय स्थिरता को बढ़ाते हैं, समय पर वेतन सुनिश्चित करते हैं, श्रमिकों की कमजोरियों को कम करते हैं और पूरे क्षेत्र में वित्तीय सुरक्षा को बेहतर करते हैं।
- न्यूनतम मजदूरी का सार्वभौमिकरण: कोई भी नियोक्ता किसी भी कर्मचारी को सरकार की ओर से अधिसूचित न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन नहीं देगा। न्यूनतम मजदूरी, जो पहले केवल "अनुसूचित रोजगारों" पर लागू होती थी, अब सभी श्रेणियों के कर्मचारियों पर लागू होगी। सरकार इन दरों को अधिकतम पांच वर्ष के अंतराल पर संशोधित या समीक्षा करेगी। न्यूनतम मजदूरी, श्रमिक के कौशल स्तर और कार्य की प्रकृति के आधार पर, समय-कार्य और खंड-कार्य के लिए प्रति घंटा, दैनिक या मासिक मजदूरी अवधि में निर्धारित की जाएगी।
- न्यूनतम वेतन: सरकार की ओर से कर्मचारी के जीवन स्तर, जैसे भोजन और कपड़े, के आधार पर एक निश्चित न्यूनतम वेतन निर्धारित किया जाएगा और नियमित अंतराल पर इसमें संशोधन किया जाएगा। संबंधित सरकार (केंद्र/राज्य) की ओर से निर्धारित न्यूनतम वेतन दरें 'न्यूनतम वेतन' से कम नहीं होंगी। यदि संबंधित सरकार की ओर से पहले निर्धारित न्यूनतम वेतन दरें "न्यूनतम वेतन" से अधिक थीं, तो उन्हें कम नहीं किया जाएगा।
- ओवरटाइम वेतन: सामान्य कार्य घंटों से अधिक किए गए किसी भी कार्य के लिए नियमित वेतन दर के दोगुने से कम का भुगतान नहीं किया जाएगा।

- मजदूरी भुगतान की समय सीमा: नियोक्ता निम्नलिखित निर्धारित समयसीमा के अंतर्गत मजदूरी का भुगतान करेगा:
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क्रम संख्या
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कर्मचारी का प्रकार
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मजदूरी भुगतान की समय सीमा
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1
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दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी
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पाली की समाप्ति पर
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2
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साप्ताहिक वेतन भोगी कर्मचारी
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साप्ताहिक अवकाश से पहले
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3
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पाक्षिक वेतन भोगी कर्मचारी
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पखवाड़े की समाप्ति के 2 दिन के भीतर
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4
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मासिक वेतन भोगी कर्मचारी
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अगले महीने के 7 दिन के भीतर
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5
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सेवा समाप्ति या त्यागपत्र पर
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2 कार्य दिवस के भीतर
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- बकाया भुगतान की जिम्मेदारी: नियोक्ता प्रत्येक कर्मचारी को वेतन देने के लिए उत्तरदायी है। यदि नियोक्ता बकाया भुगतान करने में विफल रहता है, तो कंपनी, फर्म, संघ या संस्थान का मालिक कोई अन्य व्यक्ति ऐसे अवैतनिक वेतन के लिए उत्तरदायी होगा।
- समय पर मजदूरी का भुगतान: समय पर वेतन का भुगतान और वेतन से अनधिकृत कटौती के प्रावधान अब सभी कर्मचारियों पर लागू होते हैं, फिर उनका वेतन स्तर कुछ भी हो (पहले यह केवल ₹24,000 प्रति माह तक कमाने वाले कर्मचारियों पर लागू होता था)।
- सीमा अवधि: किसी कर्मचारी की ओर से दावा दायर करने की सीमा अवधि को बढ़ाकर तीन वर्ष कर दिया गया है, जबकि पहले यह अवधि छः महीने से दो वर्ष थी।
काम के घंटों का निर्धारण: अब सामान्य कार्य घंटों की संख्या सीमित कर दी गई है, जिससे कर्मचारियों को बिना पर्याप्त पारिश्रमिक के अत्यधिक काम से बचाया जा सके। किसी भी कर्मचारी को प्रतिदिन 8 घंटे या सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।

कर्मचारी सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कल्याण
कड़े सुरक्षा मानदंड और बेहतर कल्याणकारी प्रावधान सुरक्षित कार्यस्थल और काम के लिए बेहतर परिस्थितियां बनाते हैं, जिससे श्रमिकों का दीर्घकालिक कल्याण और सम्मान सुनिश्चित होता है।
- कर्मचारी मुआवजे में आने-जाने के दौरान होने वाली दुर्घटनाएं शामिल: अपने निवास से कार्यस्थल तक ड्यूटी के लिए आते-जाते समय या ड्यूटी के बाद वापस लौटते समय होने वाली दुर्घटनाएं अब कर्मचारी मुआवजे के अंतर्गत आती हैं।
- निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य जांच: सभी कर्मचारियों की निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य जांच की जाएगी।
- श्रमिकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए सभी प्रतिष्ठानों का सार्वभौमिक कवरेज: ओएसएच संहिता सभी क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रावधानों का विस्तार करती है।
- स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं कल्याण सुविधाएं: सरकार कारखानों/ खदानों (50 या अधिक श्रमिकों को रोजगार देने वाली) में स्वच्छता, पेयजल, शौचालय, विश्राम कक्षों और प्रतिष्ठानों (100 या अधिक श्रमिकों को रोजगार देने वाली) में कैंटीनों (जिसमें ठेका श्रमिक भी शामिल हैं) के लिए समान प्रावधान निर्धारित करेगी।
- कल्याणकारी योजनाएं: असंगठित श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं, जैसे जीवन विकलांगता कवर, स्वास्थ्य एवं मातृत्व लाभ और वृद्धावस्था सुरक्षा आदि।
कर्मचारी अधिकार एवं औपचारिकता
नियुक्ति पत्रों और पारदर्शी अभिलेखों के माध्यम से औपचारिकता की ओर बदलाव, श्रमिकों को स्पष्ट अधिकार और स्वस्थ रोजगार की स्थिति प्रदान करता है।
- नियुक्ति पत्रों के माध्यम से औपचारिकता: प्रत्येक कर्मचारी को निर्धारित प्रारूप में नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे, जिसमें कर्मचारी का विवरण, पदनाम, श्रेणी, वेतन का विवरण, सामाजिक सुरक्षा का विवरण आदि होगा।
- "परिवार" की परिभाषा का विस्तार: महिला कर्मचारी के मामले में, "परिवार" की परिभाषा में सरकार की ओर से निर्धारित आय के आधार पर उसके सास-ससुर (सास और ससुर) भी शामिल हैं।
प्रवासी श्रमिकों का कल्याण
लाभों की बढ़ी हुई पोर्टेबिलिटी प्रवासी श्रमिकों को अधिक समावेशी श्रम संबंधी इकोसिस्टम तक पहुंच सुनिश्चित करती है।
- अंतर-राज्यीय प्रवासी श्रमिक: अंतर-राज्यीय प्रवासी श्रमिकों की परिभाषा का विस्तार किया गया है, जिससे इसमें सीधे या ठेकेदार के माध्यम से नियोजित लोगों को शामिल किया जा सके और इसमें वे श्रमिक भी शामिल हैं, जो खुद प्रवास करते हैं। प्रवासी निर्माण श्रमिकों को बीओसीडब्ल्यू उपकर निधि और पीडीएस राशन के अंतर्गत लाभों की पोर्टेबिलिटी भी मिलेगी।
कड़े गैर-भेदभाव मानदंड कार्यस्थल पर निष्पक्षता को प्रोत्साहन देते हैं, सभी श्रमिकों के प्रति समान व्यवहार को बढ़ावा देते हैं और सम्मान व समान अवसर की संस्कृति को सुदृढ़ करते हैं।
- लिंग भेदभाव का निषेध: नियोक्ता समान या समान प्रकृति के कार्य के लिए भर्ती, वेतन या कार्य की शर्तों से संबंधित मामलों में लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करेंगे।
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एक सुरक्षित, संरक्षित बीओसीडब्ल्यू कार्यबल
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श्रम सुधारों से वेतन में अधिक स्पष्टता, मजबूत स्वास्थ्य और सुरक्षा उपाय, और औपचारिक रोजगार एवं वेलफेयर प्रणालियों तक बेहतर मिली है। इस प्रगति ने देश भर में श्रमिक सुरक्षा को बढ़ाया है, और बीओसीडब्ल्यू क्षेत्र में श्रमिकों के सामाजिक संरक्षण और कल्याण को सुधारा है। प्रणाली में पारदर्शिता, कानूनी जवाबदेही और सार्वभौमिक कवरेज को शामिल कर, ये सुधार सुरक्षित कार्यस्थलों, सशक्त श्रमिकों और कार्यस्थल पर बेहतर सम्मान की दिशा में एक सार्थक कदम हैं।
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पीके/केसी/एमएम
(रिलीज़ आईडी: 2198664)
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