ग्रामीण विकास मंत्रालय
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प्रमुख डिजिटल भूमि सुधारों का शुभारंभ: भूमि संसाधन विभाग शहरी भूमि प्रशासन के लिए नक्शा और लैंडस्टैक पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करेगा

प्रविष्टि तिथि: 02 DEC 2025 12:45PM by PIB Delhi

ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन आने वाला भूमि संसाधन विभाग (डीओएलआर) 3 दिसंबर, 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में शहरी बस्तियों का राष्ट्रीय भू-स्थानिक ज्ञान-आधारित भूमि सर्वेक्षण और लैंडस्टैक (नक्‍शा) पर एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करने जा रहा है। यह संगोष्ठी जियोस्मार्ट इंडिया 2025 सम्मेलन और एक्सपो के अंतर्गत एक समर्पित मंच है जिसका उद्देश्य शहरी भूमि अभिलेखों में सुधार लाने और पूरे देश में नागरिक सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भू-स्थानिक तकनीकों को अपनाने में तेजी लाना है।

इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रमुख नीति निर्माता, भारतीय सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञ, राज्य राजस्व/भूमि अभिलेख अधिकारी और उद्योग जगत के नेता छह महत्वपूर्ण सत्रों में गहन विचार-विमर्श के लिए एक साथ जुटेंगे।

संगोष्ठी की मुख्य विशेषताएं

1.नक्शा पायलट समीक्षा और विस्तार: नक्शा पायलट कार्यक्रम की एक व्यापक समीक्षा की जाएगी जो 157 से ज्यादा शहरों में सटीक भू-मानचित्रण के लिए आधुनिक हवाई उड़ान और फीचर निष्कर्षण तकनीकों का लाभ उठाता है। चर्चाएं तकनीकी चुनौतियों, सघन शहरी परिवेश में डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने और हवाई सर्वेक्षणों को जमीनी हकीकत और मौजूदा भूकर मानचित्रों के अनुरूप बनाने पर केंद्रित होंगी।

2.भविष्य के डिजिटल तंत्र का निर्माण: लैंडस्टैक: इस संगोष्ठी में लैंडस्टैक के विकास पर समर्पित सत्र होंगे जिसकी परिकल्पना देश के एकीकृत डिजिटल भूमि इको-सिस्‍टम के रूप में की गई है। विशेषज्ञ मुख्य आधार परतों, भू-आकृतिक मानचित्रों, भू-स्थानिक डेटा और प्रशासनिक अभिलेखों को एकीकृत करने की वास्तुशिल्प चुनौतियों और निर्बाध डेटा विनिमय सुनिश्चित करने के लिए समान राष्ट्रीय मानकों के अंतर्गत संघीय मॉडलों की आवश्यकता पर चर्चा करेंगे।

3.यूआरप्रो कार्ड और कानूनी ढांचे का संरेखण: मुख्य ध्यान यूआरप्रो कार्ड पर होगा, जो एक प्रस्तावित एकल, विश्वसनीय डिजिटल संपत्ति दस्तावेज है। विचार-विमर्श में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आवश्यक कानूनी और संस्थागत व्‍यवस्‍था के अनुरूप चर्चा की जाएगी ताकि पंजीकरण, उत्परिवर्तन, संपत्ति कर और भवन निर्माण अनुमति प्रणालियों में यूआरप्रो कार्ड को सफलतापूर्वक एकीकृत किया जा सके। इसका उद्देश्‍य नागरिकों को सुरक्षित और हस्तांतरणीय डिजिटल संपत्ति अधिकारों से सशक्त बनाना है।

4.प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और अंतर-संचालनीयता: इस कार्यक्रम में अत्याधुनिक वेबजीआईएस प्लेटफॉर्म और क्लाउड सेवाओं का संपूर्ण प्रदर्शन शामिल है। चर्चाएं शहरी भूमि प्रशासन में पारदर्शिता, सटीकता और जवाबदेही को बढ़ावा देने और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए एआई/एमएल एनालिटिक्स, 3डी मैपिंग और क्लाउड जियोस्पेशियल सेवाओं जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के लाभ उठाने पर केंद्रित होंगी।

इस संगोष्ठी में सरकार की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और 'संपूर्ण सरकार' दृष्टिकोण का उपयोग करने का लक्ष्‍य रखा गया है ताकि पारंपरिक प्रणालियों की जगह पारदर्शी, नागरिक-केंद्रित डिजिटल भूमि प्रशासन अपनाया जा सके जो विकसित भारत के लक्ष्‍य को प्राप्त करने के लिए अत्‍यंत आवश्‍यक है।

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पीके/केसी/बीयू/केके


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