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अटल पेंशन योजना में हुए नामांकन 8.34 करोड़ के पार; महिलाओं की हिस्सेदारी 48%

प्रविष्टि तिथि: 01 DEC 2025 8:14PM by PIB Delhi

जागरूकता अभियान, स्थानीय भाषाओं तक पहुंच, क्षमता निर्माण पहल और डिजिटल ऑनबोर्डिंग चैनल देश भर में अटल पेंशन योजना को सशक्त करने में अपना योगदान दे रहे हैं

अटल पेंशन योजना (एपीवाई) 09.05.2015 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य सभी भारतीयों, विशेषकर गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली बनाना है। यह योजना 18-40 वर्ष की आयु के सभी भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है, जिनका बैंक या डाकघर में बचत खाता हो। इस योजना के अनुसार, ग्राहक को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पेंशन लाभ मिलेगा। इसलिए, एपीवाई के अंतर्गत पेंशन लाभ 2035 से शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि, 31.10.2025 तक अटल पेंशन योजना के तहत कुल नामांकन 8,34,13,738 है।

सरकार और पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों सहित पूरे देश में एपीवाई के बारे में जागरूकता और कवरेज बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

  1. जागरूकता पैदा करने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में समय-समय पर विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं।
  2. एपीवाई सब्सक्राइबर सूचना ब्रोशर 13 स्थानीय भाषाओं में।
  3. पात्र लाभार्थियों के बीच एपीवाई का प्रचार-प्रसार करने के लिए बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) और बैंकों के क्षेत्रीय कर्मचारियों, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) की बैंक-सखियों के लिए वर्चुअल क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
  4. भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय, राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षा केंद्र (एनसीएफई), राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) और एसआरएलएम, एपीवाई के बारे में जागरूकता फैलाने और इसके कवरेज के लिए कार्यरत हैं।
  5. आसान ऑनलाइन ऑनबोर्डिंग के लिए ई-एपीवाई, नेट-बैंकिंग, मोबाइल ऐप और बैंक के वेब-पोर्टल जैसे ऑनलाइन चैनलों को सक्रिय किया जा रहा है।
  6. भारतीय स्तर पर बैंकों और एसएलबीसी/ एलडीएम के सहयोग से एपीवाई आउटरीच कार्यक्रम नियमित आधार पर आयोजित किए जाते हैं।
  7. हाल ही में, पेंशन के लिए पूरे भारत में वित्तीय समावेशन अभियान चलाए गए।

31 अक्टूबर 2025 तक, एपीवाई के अंतर्गत महिलाओं का नामांकन 4,04,41,135 है, जो कुल नामांकन का 48% है। एपीवाई का डाक विभाग (डीओपी) और पब्लिक सेक्टर बैंकों, प्राइवेट बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों, सहकारी बैंकों सहित बैंकिंग संस्थानों के जरिए किया जा रहा है। ये संस्थान पीएफआरडीए के साथ प्वॉइंट्स ऑफ प्रेजेंस - एपीवाई (पीओपी-एपीवाई) के रूप में पंजीकृत हैं और एपीवाई के वितरण और एपीवाई ग्राहकों की सेवा के लिए जिम्मेदार हैं।

यह जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।

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पीके/केसी/एमएम


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