श्रम और रोजगार मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

डॉ. मनसुख मांडविया 4 से 6 नवंबर 2025 तक दोहा में द्वितीय विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे


डॉ. मांडविया दोहा में सामाजिक न्याय वैश्विक गठबंधन में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की मंत्रिस्तरीय वार्ता में भारत का समावेशी और समान विकास दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे

केंद्रीय श्रम मंत्री दोहा यात्रा के दौरान द्विपक्षीय बातचीत द्वारा वैश्विक साझेदारी  सुदृढ़ करेंगे

डॉ. मांडविया श्रम और रोजगार मंत्रालय और भारतीय व्यापार एवं व्यावसायिक परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय करियर सेवा पोर्टल कार्यक्रम में भाग लेंगे

Posted On: 03 NOV 2025 4:54PM by PIB Delhi

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया 4 से 6 नवंबर 2025 तक कतर की राजधानी दोहा में आयोजित होने वाले द्वितीय विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे ।

डॉ. मांडविया सम्मेलन की पूर्ण उद्घाटन बैठक में भाग लेंगे। वे भारत का राष्ट्रीय पक्ष रखेंगे और विश्व नेताओं के साथ दोहा राजनीतिक घोषणापत्र स्वीकार करेंगे। वे गरीबी उन्मूलन, पूर्ण और उत्पादक रोजगार तथा सबके लिए सम्मानजनक कार्य और सामाजिक समावेशन संबंधी सामाजिक विकास के तीन स्तंभों को सुदृढ़ करने पर उच्च-स्तरीय गोलमेज बैठक को भी संबोधित करेंगे। इसमें वे समावेशी और डिजिटल सक्षम विकास की दिशा में भारत की परिवर्तनकारी यात्रा को साझा करेंगे, जो सम्मानजनक कार्य और सामाजिक सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।

दोहा में सामाजिक विकास पर आयोजित होने वाले द्वितीय विश्व शिखर सम्मेलन में भारत वैश्विक मंच पर एक ऐसे राष्ट्र के रूप में उभर रहा है जिसने गरीबी उन्मूलन में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। वर्ष 2011 और 2023 के बीच, 24.8 करोड़ भारतीयों को बहुक्षेत्रीय गरीबी से बाहर निकाला गया, जिससे 2022-23 में अंतर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या घटकर मात्र 2.3 प्रतिशत रह गई है। ये उपलब्धियां प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और जन धन वित्तीय समावेशन पहल जैसे प्रमुख कार्यक्रमों से हासिल हुई हैं।

भारत की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली का तेज विस्तार भी उल्लेखनीय है, जो अब विश्व की सबसे बड़ी प्रणालियों में से एक है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा सत्यापित, भारत का सामाजिक सुरक्षा दायरा 2015 में 19 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 64.3 प्रतिशत हो गया है, जिससे 94 करोड़ से अधिक व्यक्ति लाभान्वित हुए हैं। यह जन धन-आधार-मोबाइल त्रिसंरचना द्वारा संभव हो सका है, जिससे लाखों परिवारों तक कुशल, पारदर्शी और प्रत्यक्ष लाभ पहुंचना सुनिश्चित हुआ है।

नीति आयोग द्वारा 5 नवंबर 2025 को आयोजित कार्यक्रम में भी भारत की भागीदारी होगी, जिसका विषय रहेगा - गरीबी से मुक्ति के रास्ते: अंतिम व्यक्ति तक को सशक्त बनाने में भारत का अनुभव। इस सत्र में गरीबी उन्मूलन, स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों द्वारा महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और सब के लिए सामाजिक सुरक्षा के विस्तार में भारत की उपलब्धियां प्रदर्शित की जाएगी।

इस कार्यक्रम में ब्राजील, मालदीव और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन सहित अंतर्राष्ट्रीय साझेदार देश शामिल होंगे, जो सतत विकास 2030 के एजेंडे के प्रति भारतीय प्रतिबद्धता और मार्गदर्शक सिद्धांत- कोई भी पीछे न छूटे को रेखांकित करेंगे।

डॉ. मांडविया सामाजिक न्याय वैश्विक गठबंधन में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की मंत्रिस्तरीय वार्ता में भी भाग लेंगे, जहां वे समान विकास और सम्मानजनक कार्य के प्रणेता के रूप में भारत की भूमिका दोहराएंगे।

शिखर सम्मेलन से इतर श्री मांडविया क़तर, रोमानिया, मॉरीशस और यूरोपीय संघ के मंत्रियों के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक और संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। इन बैठकों से श्रम गतिशीलता, कौशल विकास, सामाजिक सुरक्षा और रोज़गार सृजन पर सहयोग और प्रगाढ़ होने की संभावना है।

श्री मांडविया श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और भारतीय व्यापार एवं व्यावसायिक परिषद द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रीय करियर सेवा पोर्टल पर आयोजित एक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे। यह पोर्टल नौकरी चाहने वालों और नियोक्ताओं के बीच महत्वपूर्ण सेतु के रूप में सामने आया है, जो पारदर्शी और समावेशी श्रम बाजार पहुंच को बढ़ावा देता है।

इसके अतिरिक्त, खेल प्रबंधन और युवा सहभागिता में सर्वोत्तम प्रचलन साझा करने के क्रमब में श्री मांडविया का क़तर के एस्पायर जोन कॉम्प्लेक्स का दौरा और प्रमुख खेल अवसंरचना सुविधा स्थल दौरा भी निर्धारित है।

दोहा में विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन, 1995 में कोपेनहेगन में आयोजित शिखर सम्मेलन के उद्देश्यों - गरीबी उन्मूलन, पूर्ण एवं उत्पादक रोज़गार, और सामाजिक समावेशन - को आगे बढ़ाने के वैश्विक प्रयासों में काफी अहम है। दोहा शिखर सम्मेलन देशों को इन साझा लक्ष्यों की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने, अनुभव साझा करने और समावेशी एवं सतत सामाजिक प्रगति के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग सुदृढ़ करने का मंच प्रदान करेगा।

डॉ. मनसुख मांडविया की यात्रा सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के वैश्विक सहयोग के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। विकसित भारत @2047 के दृष्टिकोण से प्रेरित  भारत प्रदर्शित करता रहा है कि डिजिटल नवाचार, वित्तीय समावेशन और सामुदायिक भागीदारी मिलकर गरीबी से मुक्ति और प्रत्येक नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए सशक्त बना सकते हैं।

***

पीके/केसी/एकेवी/जीआरएस


(Release ID: 2185994) Visitor Counter : 78