संचार मंत्रालय
सरकार ने एम2एम सिम स्वामित्व हस्तांतरण के लिए रूपरेखा को अंतिम रूप दिया
यह फ्रेमवर्क सेवा में व्यवधान के बिना सिम स्वामित्व के सुचारू परिवर्तन को सक्षम बनाता है
Posted On:
29 OCT 2025 11:51AM by PIB Delhi
संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया है जिसमें एक सेवा प्रदाता लाइसेंसधारी से दूसरे सेवा प्रदाता लाइसेंसधारी को सिम स्वामित्व के हस्तांतरण की रूपरेखा अधिसूचित की गई है। प्रचलित दिशा-निर्देशों के तहत वर्तमान में सिम के स्वामी के नाम में परिवर्तन का कोई प्रावधान नहीं है इसलिए, जब भी ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी जिसमें परिवर्तन आवश्यक होगा, प्रभावित अंतिम उपभोक्ताओं के लिए सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
नया ढांचा एम2एम सिम स्वामित्व हस्तांतरण के लिए एक औपचारिक प्रक्रिया स्थापित करता है ताकि सेवा में रुकावट के बिना एक सुचारू, अनुपालन सुनिश्चित हो सके। यह सभी एम2एम सेवा प्रदाताओं (एम2एमएसपी)/लाइसेंसधारियों पर लागू होता है।
एम2एम सिम स्वामित्व हस्तांतरण के लिए सुव्यवस्थित प्रक्रिया
इस प्रक्रिया में निम्नलिखित प्रमुख चरण शामिल होंगे:
- एम2एम सेवा उपयोगकर्ता/तृतीय पक्ष द्वारा किया जाने वाला स्थानांतरण अनुरोध: एम2एम सेवा के उपयोगकर्ता को मौजूदा एम2एम एसपी/लाइसेंसधारी ('हस्तांतरक') को एक औपचारिक लिखित अनुरोध प्रस्तुत करना होगा, जिसमें एम2एम सिम का विवरण दिया जाएगा तथा इच्छित हस्तान्तरितकर्ता एम2एम एसपी/लाइसेंसधारी का उल्लेख किया जाएगा।
- हस्तान्तरणकर्ता (मौजूदा एम2एमएसपी/लाइसेंसधारक) द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी): उपयोगकर्ता के अनुरोध प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर, हस्तान्तरणकर्ता को संबंधित एक्सेस सेवा प्रदाता(ओं) को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करना होगा, बशर्ते कि एम2एम सेवा उपयोगकर्ता पर कोई बकाया राशि न हो।
- हस्तांतरिती (नए एम2एमएसपी/लाइसेंसधारी) द्वारा वचनबद्धता: हस्तांतरिती एम2एमएसपी/लाइसेंसधारी को एक्सेस सेवा प्रदाता(ओं) को एक औपचारिक वचनबद्धता/घोषणा प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें यह उल्लेख हो कि वह हस्तांतरित एम2एम सिम के लिए केवाईसी और संबंधित दिशा-निर्देशों के अनुपालन सहित सभी जिम्मेदारियों, देनदारियों और कर्तव्यों को स्वीकार करता है।
- एक्सेस सेवा प्रदाता (एएसपी) द्वारा सत्यापन, केवाईसी और अद्यतन: एएसपी एम2एम सेवा उपयोगकर्ता द्वारा किए गए स्थानांतरण अनुरोध की जांच करेगा, उसके बाद हस्तांतरणकर्ता से एनओसी और हस्तांतरिती से वचनपत्र का सत्यापन करेगा। सफल सत्यापन के बाद एएसपी को पुनः केवाईसी करना होगा और नए स्वामित्व को दर्शाने के लिए ग्राहक रिकॉर्ड को अद्यतन करना होगा।
महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रत्येक एम2एम सिम को हर समय एम2एम एसपी/लाइसेंसधारी से जुड़ा रहना चाहिए तथा उपयोगकर्ता के लिए एम2एम सेवा बंद नहीं की जाएगी।
उपयोगकर्ता द्वारा आरंभ किए गए अनुरोध, हस्तांतरक की एनओसी और हस्तांतरिती के वचनपत्र के लिए संपूर्ण कार्यालय ज्ञापन और प्रारूप https://dot.gov.in/all-circulars?tid=3197 पर उपलब्ध हैं।
इस ढांचे की शुरुआत, सेवा प्रदाताओं के परिचालन लचीलेपन का समर्थन करते हुए अंतिम उपयोगकर्ता के हितों की रक्षा के लिए दूरसंचार विभाग के निरंतर प्रयासों को रेखांकित करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि भारत की एम2एम और आईओटी सेवाएं विश्वसनीय और भविष्य के लिए तैयार रहें।
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