कोयला मंत्रालय
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कोयला मंत्रालय वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 14वें दौर और कोयला शक्ति एवं सीएलएएमपी पोर्टल का शुभारंभ करेगा

प्रविष्टि तिथि: 28 OCT 2025 11:57AM by PIB Delhi

कोयला मंत्रालय 29 अक्टूबर, 2025 को नई दिल्ली में वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 14वें दौर की शुरुआत कर रहा है। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 14वें दौर की शुरुआत देश के कोयला क्षेत्र में पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2020 में शुरू की गई वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी प्रक्रिया में स्थापित और नए, दोनों ही उद्योगों की लगातार मज़बूत भागीदारी देखी गई है। वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी प्रक्रिया ने घरेलू कोयला उत्पादन में तेज़ी लाने और देश की बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

वाणिज्यिक कोयला खदान की 14वें दौर की नीलामी में व्यापार में आसानी को बढ़ावा देने, विविध निवेशों को आकर्षित करने और व्यापक उद्योग भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सबसे उदार शर्तों पर कोयला खदानों की पेशकश की जाएगी। वाणिज्यिक नीलामी ढांचे से पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिला है तथा घरेलू उद्योगों के लिए कोयले की उपलब्धता बढ़ने से कोयला क्षेत्र में व्यापक बदलाव आया है, जिससे आयात पर निर्भरता कम हुई है और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को बल मिला है।

कोयला मंत्रालय पहली बार, नीलामी ढांचे के तहत भूमिगत कोयला गैसीकरण (यूसीजी) के प्रावधान पेश कर रहा है। यूसीजी देश के गहरे कोयला भंडारों में ऐसे संसाधनों का दोहन करने की एक रणनीतिक पहल है जिनका पारंपरिक तरीकों से खनन नहीं किया जा सकता। इस अभिनव कदम से आयातित प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल पर निर्भरता कम होने के साथ-साथ संबंधित क्षेत्रों में निवेश, तकनीकी प्रगति और रोजगार सृजन के नए अवसर खुलने की भी उम्मीद है।

14वें दौर में नीलामी के लिए पूर्णतः और आंशिक रूप से पता लगाए गए कोयला ब्लॉक का एक नया सेट पेश किया जाएगा, जिसमें अनुभवी खनिकों, नए प्रवेशकों और प्रौद्योगिकी-संचालित उद्यमों से भागीदारी आमंत्रित की जाएगी।

कोयला मंत्रालय डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, इस कार्यक्रम के दौरान डिजिटल प्लेटफॉर्म सीएलएएमपी और कोयला शक्ति पोर्टल की भी शुरुआत करेगा।

  1. सीएलएएमपी पोर्टल

कोयला भूमि अधिग्रहण, प्रबंधन और भुगतान (सीएलएएमपी) पोर्टल एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जिसे कोयला क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण, मुआवज़ा और पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन (आरएंडआर) से संबंधित प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और डिजिटल बनाने के लिए विकसित किया गया है। यह पोर्टल भूमि अभिलेखों के एक केंद्रीकृत भंडार के रूप में कार्य करते हुए कोयला क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों में रीयल-टाइम डेटा एकीकरण और निगरानी की सुविधा प्रदान करता है। भूमि विवरण अपलोड करने से लेकर मुआवज़ा भुगतान तक, संपूर्ण कार्यप्रवाह को डिजिटल बनाकर, यह पोर्टल पारदर्शिता, जवाबदेही और अंतर-एजेंसी समन्वय को बढ़ाता है, साथ ही प्रक्रियात्मक देरी को कम करता है और अनावश्यक आंकड़ों की समस्या को समाप्त करता है।

2. कोयला शक्ति डैशबोर्ड:

कोयला शक्ति डैशबोर्ड एक अग्रणी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जिसे बेहतर पारदर्शिता, दक्षता और रीयल-टाइम समन्वय के माध्यम से कोयला क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। खदान से बाज़ार तक संपूर्ण कोयला मूल्य श्रृंखला को एक एकीकृत इंटरफ़ेस पर एकीकृत करके, यह कोयला कंपनियों, रेलवे, बंदरगाहों और अंतिम उपयोगकर्ताओं के बीच निर्बाध सहयोग को सक्षम बनाता है। एक व्यापक निर्णय-समर्थन प्रणाली के रूप में, कोयला शक्ति डेटा-संचालित शासन को सुगम बनाएगी, लॉजिस्टिक्स को अनुकूलित करेगी और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन को मज़बूत करेगी। यह परिवर्तनकारी कदम आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांतों के अनुरूप, देश के कोयला क्षेत्र की डिजिटल रीढ़ के रूप में कार्य करेगा।

कोयला मंत्रालय उद्योग जगत के लोगों, निवेशकों और हितधारकों को इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेने और देश के कोयला इकोसिस्टम के भविष्य को आकार देने में योगदान देने के लिए आमंत्रित करता है।

कोयला मंत्रालय विकसित भारत के दृष्टिकोण और सुधारों को आगे बढ़ाने, व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने और एक स्थायी तथा जिम्मेदार कोयला खनन वातावरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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पीके/केसी/जेके/एनजे


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