राष्ट्रपति सचिवालय
राष्ट्रपति ने मंगोलिया के राष्ट्रपति की मेज़बानी की
अब समय आ गया है कि हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाएं और सहयोग के नए और समसामयिक आयाम जोड़ें जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ होगा: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
प्रविष्टि तिथि:
14 OCT 2025 10:30PM by PIB Delhi
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (14 अक्टूबर, 2025) राष्ट्रपति भवन में मंगोलिया के राष्ट्रपति महामहिम श्री उखनागीन खुरेलसुख का स्वागत किया। उन्होंने उनके सम्मान में एक भोज का भी आयोजन किया।

राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति खुरेलसुख और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि साझा सांस्कृतिक विरासत और लोकतांत्रिक मूल्य भारत-मंगोलिया संबंधों की नींव हैं। भारत और मंगोलिया 'रणनीतिक साझेदार', 'तीसरे पड़ोसी' और 'आध्यात्मिक पड़ोसी' हैं। उन्होंने कहा कि यह यात्रा बेहद खास है क्योंकि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मंगोलिया के राष्ट्रपति की इस राजकीय यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों और विकास साझेदारी को मज़बूत करने के लिए अनेक निर्णय लिए गए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में, भारत ने मंगोलिया में बौद्ध मठों के जीर्णोद्धार और प्राचीन पांडुलिपियों के पुनर्मुद्रण सहित विभिन्न सांस्कृतिक परियोजनाएँ संचालित की हैं। इसके अलावा, भारत मंगोलियाई बौद्ध भिक्षुओं के लिए आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त करने का एक स्वाभाविक गंतव्य है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आज संपन्न सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर समझौता ज्ञापन सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और बढ़ावा देने के लिए एक मज़बूत आधार प्रदान करेगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत मंगोलिया के साथ विकास और क्षमता निर्माण साझेदारी को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और वर्तमान में चल रही सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जो भारत-मंगोलिया मैत्री और सहयोग के स्थायी प्रतीक के रूप में उभरेंगे।
राष्ट्रपति ने वैश्विक दक्षिण के सदस्यों के रूप में, संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग की भी सराहना की।
दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि अब समय आ गया है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाया जाए तथा सहयोग के नए और समकालीन आयाम जोड़े जाएं जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ होगा।
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पीके/केसी/केपी
(रिलीज़ आईडी: 2179256)
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