इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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इंडियाएआई ने डीपफेक का पता लगाने, पूर्वाग्रह में कमी लाने और एआई की बढ़ती पैठ के परीक्षण के लिए अत्याधुनिक समाधानों के साथ सुरक्षित एआई प्रयासों में वृद्धि की


भारत में सुरक्षित और विश्वसनीय एआई के अनुकूल परिवेश को आगे बढ़ाने के लिए पांच क्रांतिकारी प्रस्तावों का चयन किया गया

'साक्ष्य', 'एआई विशेषक' और आईआईटी खड़गपुर की वाणी पहचान प्रणाली भारत की एआई फोरेंसिक व्यवस्था और सुरक्षा को सुदृढ़ करेगी

डिजिटल फ्यूचर्स लैब और कार्य कृषि से संबंधित एआई अनुप्रयोगों में लैंगिक पूर्वाग्रह से निपटेंगे; ग्लोबल्स आईटीईएस और आईआईआईटी धारवाड़ जनरेटिव एआई सुरक्षा के लिए उपकरण विकसित करेंगे

Posted On: 07 OCT 2025 1:06PM by PIB Delhi

एआई प्रौद्योगिकियां जिस प्रकार से अभूतपूर्व गति से विकसित हो रही हैं उस तरह से उनका सुरक्षित, पारदर्शी और विश्वसनीय उपयोग सुनिश्चित करना राष्ट्र के लिए अनिवार्य बन गया है। भारत स्वदेशी शासन उपकरण, ढांचे और दिशानिर्देश विकसित करने के उद्देश्य से ऐसे चुस्त और मज़बूत तंत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जिनमें देश के अद्वितीय सामाजिक-तकनीकी संदर्भ की झलक मिले।

इंडियाएआई ने इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए 10 दिसंबर, 2024 को कई महत्वपूर्ण विषयों पर 'सुरक्षित और विश्वसनीय एआई' स्तंभ के तहत रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) का दूसरा दौर शुरू किया था।

इसके अंतर्गत प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों, स्टार्ट-अप्स, अनुसंधान संगठनों और नागरिक समाज से 400 से अधिक प्रस्ताव प्राप्त हुए। प्रस्तावों के मूल्यांकन के लिए तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों की एक समिति का गठन किया गया। इसके परिणामस्वरूप विभिन्न विषयों पर 5 परियोजनाओं का चयन किया गया। ये परियोजनाएं सामूहिक रूप से सामर्थ्य के परीक्षण और पूर्वाग्रह की जांच को जोड़कर "सुरक्षित और विश्वसनीय एआई" को व्यवहार में लाएंगी ताकि एआई के ज़िम्मेदारी के साथ विकास और उसे उपयोग में लाने में सहायता मिल सके।

भारत एआई मिशन के सुरक्षित और विश्वसनीय एआई स्तंभ में दूसरे ईओआई के तहत चयनित परियोजनाओं की सूची

विषय

परियोजना का शीर्षक

चयनित आवेदक

डीपफेक डिटेक्शन टूल

साक्ष्य: डीपफेक का पता लगाने और शासन के लिए मल्टी-एजेंट, आरएजी-एन्हांस्ड फ्रेमवर्क

आईआईटी जोधपुर (सीआई) और आईआईटी मद्रास

एआई विश्लेषक: प्रतिकूल परिस्थितियों में मजबूती, व्याख्यात्मकता और डोमेन सामान्यीकरण के साथ ऑडियो-विजुअल डीपफेक का पता लगाने और हस्तलिखित हस्ताक्षर की जालसाजी का पता लगाने में सुधार

आईआईटी मंडी और फोरेंसिक सेवा निदेशालय, हिमाचल प्रदेश

रीयल-टाइम वॉयस डीपफेक डिटेक्शन सिस्टम

आईआईटी खड़गपुर

पूर्वाग्रह में कमी लाने की व्यवस्था

कृषि एलएलएम में लैंगिक पूर्वाग्रह का मूल्यांकन - बेंचमार्किंग और निष्पक्ष डेटा कार्य के लिए डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं (डीपीजी) का निर्माण

डिजिटल फ्यूचर्स लैब और कार्या

प्रवेश परीक्षण और मूल्यांकन

एनविल: एलएलएम और जनरेटिव एआई के लिए पेनेट्रेशन टेस्टिंग और मूल्यांकन उपकरण

ग्लोबल्स आईटीईएस प्राइवेट लिमिटेड और आईआईआईटी धारवाड़

 

रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) के दूसरे दौर के अंतर्गत चयनित पांच परियोजनाएं सुरक्षित और विश्वसनीय एआई के दृष्टिकोण को ठोस समाधानों में बदलने के लिए इंडियाएआई की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। इस प्रकार की पहलें डीपफेक की वास्तविक समय में पहचान को बढ़ावा देंगी, फोरेंसिक विश्लेषण को मज़बूत करेंगी, एआई मॉडलों में पूर्वाग्रहों को दूर करेंगी और जनरेटिव एआई के लिए मज़बूत मूल्यांकन उपकरण तैयार करेंगी जिससे यह सुनिश्चित होगा कि भारत में उपयोग में लाई जाने वाली एआई प्रणालियां विश्वसनीय, सुरक्षित और समावेशी हों। इंडियाएआई मिशन अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग भागीदारों और नागरिक समाज को एक साथ लाकर नवाचार, नैतिक प्रथाओं और एआई के लिए सामर्थ्यवान और अनुकूल परिवेश को बढ़ावा देना जारी रखेगा जिससे देश की विविध प्रकार की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा।

इंडियाएआई के बारे में

इंडियाएआई इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वतंत्र व्यावसायिक प्रभाग इंडियाएआई मिशन की कार्यान्वयन एजेंसी है। यह समाज के सभी वर्गों में एआई के लाभों का लोकतांत्रिकरण करने, एआई में भारत के नेतृत्व को मज़बूत करने, तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और एआई के नैतिक और ज़िम्मेदारीपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।

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पीके/केसी/केके/एनजे


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