वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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भारत-कतर द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक दोगुना हो सकता है: श्री पीयूष गोयल, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री


भारत और कतर के वाणिज्य मंत्रियों ने दोहा में संयुक्त व्यापार परिषद (जेबीसी) की बैठक को संबोधित किया

Posted On: 06 OCT 2025 9:54PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री महामहिम शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी के साथ आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग पर भारत-कतर संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता के लिए 6-7 अक्टूबर 2025 को कतर की राजधानी दोहा की आधिकारिक यात्रा पर हैं।

उनकी यात्रा के पहले दिन की शुरुआत दोहा स्थित भारतीय दूतावास में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। उसके बाद उन्होंने "एक पेड़ मां के नाम" पहल के अंतर्गत वहां पर एक पौधा लगाया जो स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

दोहा में दोनों देशों के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रियों की द्विपक्षीय बैठक भी हुई जिसमें दोनों मंत्रियों ने समग्र व्यापार एवं आर्थिक संबंधों की समीक्षा की, व्यापार से जुड़ी वर्तमान बाधाओं के समाधान पर विचार किया और वित्त, कृषि, स्वास्थ्य देखभाल आदि क्षेत्रों में सहयोग के नए क्षेत्रों की तलाश के संबंध में चर्चा की।

इसके बाद दोनों मंत्रियों ने मिलकर भारत-कतर संयुक्त व्यापार परिषद (जेबीसी) की बैठक को संबोधित किया जिसमें फिक्की, सीआईआई, एसोचैम और कतर चैंबर के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ-साथ दोनों देशों के व्यापारिक समुदायों के सदस्य भी शामिल हुए। भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों के बावजूद भारत फलते-फूलते स्टार्ट-अप के अनुकूल परिवेश के लिए व्यापक स्तर पर मज़बूत आर्थिक स्थिरता प्रदर्शित कर रहा है जिससे वैश्विक व्यवसायों के लिए अत्यंत सक्षम वातावरण का निर्माण हो रहा है। उन्होंने भारतीय और कतरी व्यवसायों से अधिक से अधिक अवसरों की तलाश करने का आग्रह किया।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री महामहिम शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी के साथ आर्थिक एवं वाणिज्यिक सहयोग पर कतर-भारत संयुक्त आयोग की सह-अध्यक्षता की। बैठक में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने, मौजूदा व्यापार बाधाओं और टैरिफ से इतर चुनौतियों का समाधान करने तथा प्रमुख क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के नए अवसरों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस दौरान दोनों पक्षों ने भारत-कतर के बीच महत्वाकांक्षी व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते को आगे बढ़ाने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की। श्री गोयल ने 2028 से 75 लाख टन प्रति वर्ष के दीर्घकालिक एलएनजी आपूर्ति समझौते सहित कतर के ऊर्जा निर्यात की सराहना करते हुए कतर के लिए भारत के निर्यात में वृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया। दोनों नेताओं ने यह भी माना कि दोनों देशों के बीच लगभग 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के बावजूद 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने की महत्वपूर्ण क्षमता है जिसका उपयोग किया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों, वस्त्र, रत्न एवं आभूषण, आईटी तथा उभरती उच्च तकनीक से जुड़े उद्योगों और सौर ऊर्जा जैसे आशाजनक क्षेत्रों की पहचान की। साथ ही, अधिकाधिक व्यापारिक संपर्कों के महत्व तथा गहन आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए आमने-सामने संयुक्त व्यापार परिषद की प्रथम बैठक की सफलता पर भी बल दिया।

माननीय मंत्री महोदय ने संयुक्त आयोग की बैठक के अतिरिक्त कतर के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और कॉर्पोरेट जगत के दिग्गजों के साथ कई उच्च-स्तरीय व्यावसायिक बैठकें कीं। इन मुलाकातों ने भारतीय और कतरी उद्यमों के बीच निवेश के प्रवाह, तकनीकी साझेदारी और संयुक्त उद्यमों के अवसरों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान किया। मंत्री महोदय ने पर्ल आइलैंड स्थित लुलु मॉल में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के शुभारंभ में भी भाग लिया जो कतर के साथ भारत के डिजिटल सहयोग में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा और प्रवासी भारतीयों तथा स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए निर्बाध डिजिटल लेनदेन को संभव बनाएगा।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कतर की अपनी पहली यात्रा के दौरान वहां उत्साह से परिपूर्ण भारतीय समुदाय को संबोधित किया और भारत-कतर संबंधों के मजबूत स्तंभ के रूप में उनकी भूमिका की सराहना की। उन्होंने दोनों देशों के संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने के हाल में लिये गये निर्णय और 2030 तक व्यापार को दोगुना करने के लक्ष्य सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के महामहिम अमीर के नेतृत्व में प्रगाढ़ होते द्विपक्षीय संबंधों का भी उल्लेख किया। मंत्री महोदय ने विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के उभरने और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के दृष्टिकोण पर बल देते हुए कतर के विकास और भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति में भारतीय समुदाय के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार किया। उन्होंने समावेशिता, नवाचार और वैश्विक सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए प्रवासी भारतीयों से दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण सेतु के रूप में और भारत के विकास के दृष्टिकोण को साकार करने में प्रमुख भागीदार के रूप में अपनी सेवा जारी रखने का आग्रह किया।

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पीके/केसी/केके/एनजे


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