पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
संसदीय प्रश्न: तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरज़ेड) दिशानिर्देश
Posted On:
18 AUG 2025 4:50PM by PIB Delhi
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय वैज्ञानिक सिद्धांतों के आधार पर विकास की अनुमति देते हुए तटीय क्षेत्रों की सुरक्षा, इकोसिस्टम के संरक्षण और मछली पकड़ने तथा अन्य स्थानीय समुदायों की आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 1991 से तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) अधिसूचना लागू कर रहा है। 1991 की अधिसूचना को वर्ष 2011 में सीआरज़ेड/द्वीप संरक्षण क्षेत्र (आईपीज़ेड) अधिसूचना से बदल दिया गया था और बाद में वर्ष 2019 में सीआरज़ेड/द्वीप तटीय विनियमन क्षेत्र (आईसीआरज़ेड) अधिसूचना द्वारा अद्यतन किया गया था। 2019 की अधिसूचना के अंतर्गत, सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजनाओं (सीआरज़ेडपीएस), द्वीप तटीय विनियमन क्षेत्र योजनाओं (आईसीआरज़ेडपीएस) या एकीकृत द्वीप प्रबंधन योजनाओं (आईआईएमपीएस) को अपडेट करना होगा और उन्हें अनुमोदन के लिए मंत्रालय को प्रस्तुत करना होगा, जब तक इन नई योजनाओं को अनुमोदित नहीं किया जाता है, सीआरजेड / आईपीजेड अधिसूचना, 2011 के प्रावधान लागू रहेंगे। अब तक, ओडिशा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल के लिए नए सीजेडएमपी और ग्रेट निकोबार और लिटिल अंडमान के लिए आईसीआरजेडपी को मंजूरी दी गई है। सीआरजेड अधिसूचना, 2019 के अंतर्गत सीजेडएमपी का नई सीआरजेड अधिसूचना, 2019 के अनुलग्नक- IV में निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार है, जो पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच किसी भी अंतर के बिना पूरे देश में लागू हैं। तटीय जोन प्रबंधन योजना (सीजेडएमपी) को अपडेट करने के लिए दिशा-निर्देशों के अनुरूप अपेक्षित अध्ययन और सर्वेक्षण संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा मंत्रालय के प्राधिकृत संस्थानों के माध्यम से किए जा रहे हैं।
सीआरजेड अधिसूचनाओं, 2011 और 2019 का उल्लंघन, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी है। इसे सुनिश्चित करने के लिए, मंत्रालय ने देश में उल्लंघनों से निपटने और सीआरजेड विनियमों को लागू करने के लिए पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5, 10 और 19 के अंतर्गत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश तटीय जोन प्रबंधन प्राधिकरणों (सीजेडएमए) को शक्तियां प्रत्यायोजित की हैं। आन्ध्र प्रदेश तटीय जोन प्रबंधन प्राधिकरण (एपीसीजेडएमए) द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, पिछले दस वर्षों के दौरान आन्ध्र प्रदेश में उल्लंघन के कुल 53 मामलों की सूचना मिली है जिनमें से किसी में भी बार-बार अपराध करने वाले शामिल नहीं हैं। बापतला जिले सहित जिले के अनुसार विवरण नीचे दिए गए हैं:
जिला
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मामलों की संख्या
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विशाखापट्टनम
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24
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अनकापल्ली
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02
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काकीनाडा
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02
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डॉ. बी. आर. अम्बेडकर कोनासीमा जिला
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02
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पश्चिम गोदावरी जिला
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06
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कृष्णा जिला
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01
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बापटला जिला
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15
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एसपीएसआर नेल्लोर जिला
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01
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कुल
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53
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केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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पीके/केसी/एमकेएस
(Release ID: 2157608)