वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 लोकसभा में प्रस्तुत किया गया


यह विधेयक ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए सुधार एजेंडे का विस्तार करता है

16 अधिनियमों के 288 प्रावधानों को अपराधमुक्त किया गया

76 मामलों में पहली बार उल्लंघन करने पर सलाह या चेतावनी दी जाएगी

यह विधेयक छोटे दंडों को तर्क पर आधारित बनाता है, बार-बार अपराध करने पर दंड में बढ़ोतरी करता है

Posted On: 18 AUG 2025 3:44PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज लोकसभा में जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। इस विधेयक को पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से मंजूर किया जा चुका है। माननीय मंत्री ने माननीय अध्यक्ष से विधेयक को सेलेक्ट कमिटी को भेजने का अनुरोध भी किया है। समिति के सदस्यों का चयन माननीय अध्यक्ष की ओर से किया जाएगा और समिति अगले सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

यह प्रक्रिया जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम, 2023 की सफलता पर आधारित है - जो विभिन्न अधिनियमों में छोटे अपराधों को व्यवस्थित रूप से अपराधमुक्त करने वाला पहला समेकित कानून है। 11 अगस्त 2023 को अधिसूचित 2023 अधिनियम ने 19 मंत्रालयों/ विभागों की ओर से प्रशासित 42 केंद्रीय अधिनियमों के 183 प्रावधानों को अपराधमुक्त कर दिया।

2025 विधेयक इस सुधार एजेंडे का विस्तार करते हुए 10 मंत्रालयों/ विभागों की ओर से प्रशासित 16 केंद्रीय अधिनियमों को इसमें शामिल करता है। कुल 355 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव है - 288 प्रावधानों को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रोत्साहन देने के लिए गैर-अपराधीकरण किया जाएगा, और 67 प्रावधानों में जीवन सुगमता को सुगम बनाने के लिए संशोधन का प्रस्ताव है।

जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 में जीवन सुगमता को सुगम बनाने के लिए नई दिल्ली नगर परिषद् अधिनियम, 1994 (एनडीएमसी अधिनियम) और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अंतर्गत 67 संशोधनों का भी प्रस्ताव है।

विधेयक की प्रमुख विशेषताएं:

  • पहली बार उल्लंघन: 10 अधिनियमों के अंतर्गत 76 अपराधों के लिए सलाह या चेतावनी।
  • गैर-अपराधीकरण: मामूली, तकनीकी या प्रक्रियात्मक चूक के लिए कारावास की धाराओं को मौद्रिक दंड या चेतावनी से प्रतिस्थापित किया जाएगा।
  • दंडों का युक्तिकरण: दंड को आनुपात पर आधारित बनाया जाएगा, और बार-बार होने वाले अपराधों के लिए क्रमिक दंड दिया जाएगा।
  • न्यायनिर्णयन तंत्र: प्रशासनिक प्रक्रियाओं के जरिए दंड लगाने के लिए नामित अधिकारियों को सशक्त बनाया जाएगा, जिससे न्यायिक बोझ कम होगा।
  • जुर्माने और दंड में संशोधन: विधायी संशोधनों के बिना निवारण बनाए रखने के लिए हर तीन साल में स्वचालित रूप से 10% की बढ़ोतरी।

चाय अधिनियम, 1953, विधिक माप विज्ञान अधिनियम, 2009, मोटर वाहन अधिनियम, 1988, और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940, जैसे चार अधिनियम, जन विश्वास अधिनियम, 2023 का हिस्सा थे और वर्तमान विधेयक के अंतर्गत इनका और अधिक गैर-अपराधीकरण करने का प्रस्ताव है।

जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 भारत की नियामक सुधार यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह "न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन" के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और सतत आर्थिक विकास और बेहतर व्यावसायिक सुगमता को प्रोत्साहन देगा।

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पीके/केसी/एमएम


(Release ID: 2157593)