वित्‍त मंत्रालय
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डिजिटल भुगतान लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार और अन्य वित्तीय संस्थानों ने कई पहलें कीं


वित्तीय समावेशन सरकार की प्रमुख प्राथमिकता; सहकारी समितियों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों के विनियमन और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए

Posted On: 04 AUG 2025 6:16PM by PIB Delhi

सरकार, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) डिजिटल भुगतान लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल कर रहे हैं। इनमें, अन्य बातों के अलावा, रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन (पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना, और सेवा की कमी वाले क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान अवसंरचना की स्थापना का समर्थन करने के लिए भुगतान अवसंरचना विकास कोष (पीआईडीएफ) शामिल हैं।

इसके अलावा, भुगतान संबंधी धोखाधड़ी को रोकने के लिए, ग्राहक के मोबाइल नंबर और उपकरण के बीच उपकरण जोड़ (डिवाइस बाइंडिंग), पिन के माध्यम से दो-घटक प्रमाणीकरण, दैनिक लेनदेन सीमा और उपयोग के मामलों पर प्रतिबंध जैसी कई पहलें की गई हैं। एनपीसीआई सभी बैंकों को एआई/एमएल आधारित मॉडल का उपयोग करके अलर्ट जारी करने और लेनदेन को अस्वीकार करने के लिए एक धोखाधड़ी निगरानी समाधान भी प्रदान करता है। आरबीआई और बैंक साइबर अपराध की रोकथाम के लिए लघु एसएमएस, रेडियो अभियानों और प्रचार के माध्यम से जागरूकता अभियान चला रहे हैं।

वित्तीय समावेश हेतु सहकारी समितियों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों के विनियमन और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए समय-समय पर विभिन्न पहल की गई हैं।

इनमें, अन्य बातों के अलावा, निम्नलिखित शामिल हैं:

·    आरबीआई ने सभी विनियमित संस्थाओं को सूक्ष्म वित्त ऋणों के मूल्य निर्धारण हेतु बोर्ड-अनुमोदित नीति अपनाने के लिए एक नियामक रूपरेखा जारी की है। इसमें निधियों की लागत, जोखिम प्रीमियम और लाभ (मार्जिन) को कवर करने वाला एक पारदर्शी ब्याज दर मॉडल शामिल है।

·    सूक्ष्म वित्त ऋण की परिभाषा को सरल बनाया गया है और एनबीएफसी-एमएफआई द्वारा दिए जाने वाले ऋणों पर विभिन्न मात्रात्मक प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, जिनमें शामिल हैं - किसी खास अवधि में ऋण राशि की सीमा से जुड़ा प्रतिबंध और एक विशेष सीमा से अधिक के ऋणों के लिए न्यूनतम अवधि से जुड़ा प्रतिबंध।

·    चिकित्सा, शिक्षा और आय को सुचारू बनाने के उद्देश्यों के लिए ऋण की आवश्यकता को देखते हुए, आय सृजन उद्देश्यों के लिए न्यूनतम 50% ऋण प्रदान करने की पूर्व की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है।

यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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(Release ID: 2152303)
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