वस्‍त्र मंत्रालय
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हथकरघा कुटीर उद्योग की स्थिति

Posted On: 25 JUL 2025 1:56PM by PIB Delhi

चौथी अखिल भारतीय हथकरघा जनगणना वर्ष 2019-20 के अनुसार, देश भर में 31.45 लाख परिवार हैं जिनमें 35.22 लाख हथकरघा बुनकर और संबद्ध श्रमिक हैं। तदनुसार, यह माना जाता है कि देश में 31.45 लाख हथकरघा कुटीर इकाइयाँ कार्यरत हैं।

हथकरघा क्षेत्र असंगठित है, जिसमें सरकार बुनकरों/श्रमिकों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान नहीं करती है। हथकरघा बुनकर/श्रमिक पारंपरिक कुशल गतिविधियों में सम्मिलित होते हैं, जो उन्हें स्वरोजगार प्रदान करते हैं। हालांकि, वस्त्र मंत्रालय देश भर में हथकरघा को प्रोत्साहन देने और हथकरघा बुनकरों के कल्याण के लिए (i) राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) और (ii) कच्चा माल आपूर्ति योजना (आरएमएसएस) को लागू कर रहा है। इन योजनाओं के तहत, पात्र हथकरघा एजेंसियों/बुनकरों को कच्चे माल, उन्नत करघों और सहायक उपकरणों की खरीद, सौर प्रकाश इकाइयों, कार्यस्थल के निर्माण, कौशल विकास, उत्पाद और डिजाइन विकास, तकनीकी और सामान्य बुनियादी ढांचे, विपणन, बुनकरों की मुद्रा योजना के तहत रियायती ऋण, सामाजिक सुरक्षा, विपन्न परिस्थितियों में पुरस्कार विजेता बुनकरों को भुगतान आदि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

गत पांच वर्षों यानी वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 के दौरान एनएचडीपी और आरएमएसएस की योजनाओं के अंतर्गत 1,516 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई और 1,480.71 करोड़ रुपये वितरित किए गए।

योजनाओं को जारी रखने/नई योजनाएँ तैयार करने से पहले, मौजूदा योजनाओं के प्रभाव अध्ययन का मूल्यांकन किया जाता है। एनएचडीपी और आरएमएसएस को पूर्ववर्ती योजनाओं के तृतीय पक्ष प्रभाव मूल्यांकन के बाद वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 के दौरान कार्यान्वयन के लिए तैयार किया गया था।

केन्द्रीय वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज राज्यसभा में यह जानकारी एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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(Release ID: 2148332)