पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास योजनाएं
Posted On:
23 JUL 2025 4:53PM by PIB Delhi
पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम डिवाइन योजना) में 2022-23 से 2025-26 को चार वर्षों के लिए परिव्यय 6,600 करोड़ रुपये है
पूर्वोत्तर विशेष अवसंरचना विकास योजना (एनईएसआईडीएस) - सड़कों के निर्माण में विशिष्ट अंतर-वित्तपोषण प्रदान करने के लिए सड़कें
सड़कों/पुलों एवं सहायक अवसंरचना में भौतिक परिसंपत्तियों के निर्माण की ओर अग्रसर
पूर्वोत्तर परिषद की योजनाओं का व्यापक उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्यों के लिए महत्वपूर्ण पहलों में समग्र विकास को समर्थन प्रदान करना है
Posted On: 23 JUL 2025 4:53PM by PIB Delhi
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा निम्नलिखित योजनाओं को कार्यान्वित किया जा रहा है:
- पीएम-डिवाइन योजना: पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम-डिवाइन) को केंद्रीय बजट 2022-23 में एक नई केंद्रीय योजना के रूप में घोषित किया गया, जिसमें सात परियोजनाओं की प्रारंभिक सूची और 1,500 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन शामिल है। इस योजना का 2022-23 से 2025-26 तक की चार वर्षों में परिव्यय 6,600 करोड़ रुपये है। पीएम-डिवाइन योजना का उद्देश्य (i) पीएम गतिशक्ति की भावना के अनुरूप अवसंरचना को वित्तपोषित करना (ii) पूर्वोत्तर क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुसार सामाजिक विकास परियोजनाओं का समर्थन करना (iii) युवाओं एवं महिलाओं के लिए आजीविका गतिविधियों को सक्षम बनाना और (iv) विभिन्न क्षेत्रों में विकास अंतराल को पाटना है।
- (ii) पूर्वोत्तर विशेष अवसंरचना विकास योजना (एनएसआईडीएस) - सड़कें: यह एक केंद्रीय योजना है जिसे 2017-18 में स्वीकृति प्रदान की गी और 15वें वित्त आयोग के अंत तक यानी 31.03.2026 तक विस्तारित किया गया। इसका उद्देश्य उन सड़कों के निर्माण में विशिष्ट वित्तपोषण प्रदान करना है जो सरकार के किसी अन्य विभाग अर्थात सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, ग्रामीण विकास विभाग, सीमा सड़क संगठन आदि के अंतर्गत नहीं आती हैं, लेकिन (i) दूरस्थ स्थानों तक पहुंच प्रदान करने (ii) बाजारों तक पहुंच प्रदान करने और (iii) सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक हैं। इस योजना के अंतर्गत केवल सड़कों/पुलों एवं सहायक अवसंरचना में भौतिक परिसंपत्तियों के निर्माण वाली परियोजनाओं को ही मंजूरी प्रदान करने पर विचार किया जाता है।
- पूर्वोत्तर विशेष अवसंरचना विकास योजना (एनईएसआईडीएस) - ओटीआरआई: यह एक केंद्रीय योजना है, जिसको 2017-18 में अनुमोदित किया गया और 15वें वित्त आयोग यानी 31.03.2026 तक विस्तारित किया गया। एनईएसआईडीएस (ओटीआरआई) घटक उन परियोजनाओं को समाहित करता है जो इसके पूर्ववर्ती योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत हैं लेकिन अभी पूरे नहीं हुए यानी
- गैर-समाप्ति योग्य केंद्रीय संसाधन पूल (एनएलसीपीआर)
- पहाड़ी क्षेत्र विकास कार्यक्रम (एचएडीपी)
इस योजना के अंतर्गत प्राथमिक एवं माध्यमिक स्वास्थ्य देखभाल, प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा, जलापूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, औद्योगिक विकास, नागरिक उड्डयन, खेल, दूरसंचार अवसंरचना के निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये के बीच की परियोजना को मंजूरी प्रदान करने पर विचार किया जाता है।
- पूर्वोत्तर परिषद की योजनाएं: 15वें वित्त आयोग (2022-23 से 2025-26) के दौरान इस योजना का विस्तार 01.04.2022 से 31.03.2026 तक किया गया, जिसमें विस्तार/कवरेज में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया, जिसका व्यापक उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्यों के लिए महत्वपूर्ण चिन्हित क्षेत्रों में समग्र विकास को समर्थन करना है। यह योजना पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी आठ राज्यों में व्याप्त है। इस योजना के अंतर्गत परियोजनाओं के चयन, स्वीकृति एवं निगरानी प्रक्रिया, संबंधित राज्य सरकारों के परामर्श से पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय/पूर्वोत्तर परिषद द्वारा संचालित की जाती है। योजना एवं कार्यान्वयन संबंधित पूर्वोत्तर राज्य सरकारों/केंद्रीय एजेंसियों की कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से किया जाता है। पूर्वोत्तर परिषद की योजना के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में बांस, सुअर पालन, क्षेत्रीय पर्यटन, उच्च शिक्षा, तृतीयक स्वास्थ्य सेवा, आजीविका आदि शामिल हैं।
यह जानकारी केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2147441)