पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
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पेट्रोलियम डीलरों को अनिवार्य रूप से भारत के ऊर्जा परिवर्तन में सक्रिय भागीदार बनना चाहिए : श्री हरदीप सिंह पुरी

Posted On: 18 JUL 2025 5:55PM by PIB Delhi

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कल अखिल भारतीय पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (एआईपीडीए) कॉन्क्लेव के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए देश भर के पेट्रोलियम डीलरों से भारत के ऊर्जा परिवर्तन में सक्रिय भागीदार बनने की अपील की। एआईपीडीए पेट्रोलियम रिटेल आउटलेट डीलरों का प्रतिनिधित्व करने वाला सबसे बड़ा राष्ट्रीय निकाय है। श्री पुरी ने भारत के गतिशील ऊर्जा परिदृश्य के अनुरूप हरित पहलों को अपनाने, डिजिटल तत्परता बढ़ाने और व्यावसायिक मॉडल विकसित करने के महत्व पर ज़ोर दिया।

ऊर्जा इकोसिस्टम में पेट्रोलियम डीलरों की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए श्री पुरी ने डीलर कमीशन, प्रचालनगत लागत और अन्य मुद्दों से जुड़ी चिंताओं को स्वीकार किया। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को आश्वस्त किया कि मंत्रालय "टकराव नहीं, परामर्श" में विश्वास रखता है। उन्होंने अक्टूबर 2024 में डीलर मार्जिन में संशोधन और अंतर-राज्यीय माल ढुलाई को विवेकपूर्ण बनाने के कार्यान्वयन को असमानताएं दूर करने के लिए उठाए गए ठोस कदमों के रूप में उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि फीडबैक और शिकायत निवारण के लिए संरचित प्लेटफार्मों को और मजबूत किया जाएगा।

श्री पुरी ने पिछले पांच वर्षों की चुनौतियों —जिनमें कोविड-19 महामारी और वैश्विक भू-राजनीतिक संघर्ष शामिल हैं —पर विचार करते हुए कहा कि भारत न केवल इन बाधाओं से प्रभावी ढंग से निपट रहा है, बल्कि ऊर्जा विकास में वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी देश के रूप में भी उभरा है। वैश्विक अस्थिरता के बावजूद, कच्चे तेल की खपत में वैश्विक वृद्धि में भारत का योगदान 16 प्रतिशत रहा है और अगले तीन दशकों में इस वृद्धि के 25 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वैश्विक अनिश्चितता के दौर में भी नागरिकों को किफायती और निर्बाध ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित की है।

 

श्री पुरी ने जैव ईंधन क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2025 तक लगभग 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है, जो 2014 के 1.53 प्रतिशत की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। इस उपलब्धि के परिणामस्वरूप 1.4 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है, 238 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल का प्रतिस्थापन हुआ है, कार्बन डाईऑक्साइड के  उत्सर्जन में 717 लाख मीट्रिक टन की कमी आई है और किसानों को 1.21 लाख करोड़ रुपये का सीधा भुगतान हुआ है। उन्होंने 2014 में 738 सीएनजी स्टेशन की संख्या के बढ़कर आज 8,100 स्टेशन से अधिक हो जाने और पीएमयूवाई के तहत 10.33 करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने, महिलाओं को सशक्त बनाने और स्वास्थ्य परिणामों में सुधार का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ये संख्याएं केवल उपलब्धियां नहीं हैं; ये स्वच्छ, आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य की ओर हमारी यात्रा में मील के पत्थर हैं।

श्री पुरी ने प्रतिदिन 67 मिलियन से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान करने वाले पेट्रोलियम डीलरों के समर्पण की सराहना करते हुए  कहा कि आप भारतीय नागरिक और राष्ट्रीय ऊर्जा प्रणाली के बीच एक वास्तविक कड़ी हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जैसे-जैसे भारत कच्चे तेल के आयात को कम कर रहा है, ऊर्जा स्रोतों में विविधता ला रहा है और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है, ऊर्जा न्याय के तीन स्तंभों – सुलभता, उपलब्धता और निम्न लागत सुनिश्चित करने में डीलरों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने लद्दाख से लक्षद्वीप तक फैले डीलर नेटवर्क की सराहना की, जो आपात स्थितियों, प्राकृतिक आपदाओं और चुनावों के दौरान भी ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करता है।

श्री पुरी ने खुदरा विक्रय केंद्रों को ग्राहक उत्कृष्टता केंद्रों में रूपांतरित करने का आह्वान किया, जहां डिजिटल भुगतान, स्वचालित बिलिंग, स्वच्छ शौचालय, सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रभावी शिकायत निवारण सामान्य प्रक्रिया हो जाएं। उन्होंने ऐसी प्रौद्योगिकियों को अपनाने का आग्रह किया, जो चोरी में कमी, शून्य छेड़छाड़ और पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करें। उन्होंने खुदरा विक्रय केंद्रों पर गैर-ईंधन सेवाओं,  जैसे कि सुविधा स्टोर, ईवी चार्जिंग, उपयोगिता बिल भुगतान और फिनटेक सेवाओं की बढ़ती प्रासंगिकता पर भी ज़ोर दिया, जो ग्राहक अनुभव को बेहतर बना सकती हैं और राजस्व के नए स्रोत प्रदान कर सकती हैं।

श्री पुरी ने डीलरों के लिए ऊर्जा उद्यमियों के रूप में खुद को पुनः स्थापित करने के लिए एक रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने डीलरों को ग्राहक सेवा, डिजिटल उपकरणों और सुरक्षा मानकों में संरचित प्रशिक्षण के माध्यम से अपने कार्यबल को कुशल बनाने की सलाह दी। उन्होंने ईवी चार्जिंग पॉइंट, रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन और ऊर्जा-कुशल बुनियादी ढांचे को लागू करने के लिए तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के साथ सहयोग को प्रोत्साहित किया। श्री पुरी ने उपभोक्ता विश्वास को मज़बूत करने के लिए डिजिटल वितरण प्रणाली, स्वचालित निगरानी और पारदर्शी ऑडिटिंग को अपनाने के महत्व पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने आपदा प्रतिक्रिया, जन स्वास्थ्य अभियान और मतदाता जागरूकता अभियान जैसे राष्ट्रीय उद्देश्यों के समर्थन में डीलर नेटवर्क के रणनीतिक महत्व को रेखांकित किया।

श्री पुरी ने विशेष रूप से पेट्रोलियम डीलर समुदाय से आग्रह किया कि वे अपने खुदरा विक्रय केंद्रों के प्रमुख स्थानों का लाभ उठाकर संचार केंद्र, बैटरी स्वैपिंग स्टेशन, वाटर कियोस्क और डिजिटल वित्तीय सेवाओं जैसी सेवाएं प्रदान करके गैर-ईंधन राजस्व (एनएफआर) उत्पन्न करें। उन्होंने दोहराया कि जैसे-जैसे भारत तेजी से बदलते ऊर्जा परिदृश्य की जटिलताओं से निपट रहा है और एक विकसित भारत बनने की दिशा में काम कर रहा है, पेट्रोलियम डीलर एक केंद्रीय और उभरती हुई भूमिका निभाना जारी रखेंगे।

अपने संबोधन के समापन पर, श्री पुरी ने डीलरों से खुदरा मार्जिन से आगे बढ़कर देखने और ऊर्जा आत्मनिर्भरता के विजन के अनुरूप अपनी भूमिका को पुनर्परिभाषित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन को केवल डीलरों की बैठक ही न बनने दें, बल्कि एक नई यात्रा का प्रस्थान बिंदु बनाएं—एक ऐसी यात्रा जो आपको खुदरा, मार्जिन से परे और भारत के ऊर्जा रूपांतरण के केंद्र में ले जाए। श्री पुरी ने देशभर से एआईपीडीए सदस्यों की उत्साहपूर्ण भागीदारी की सराहना की और नागरिकों, डीलरों और तेल विपणन कंपनियों के सामूहिक लाभ के लिए सरकार के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।

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