नीति आयोग
नीति आयोग ने पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला सतत विकास लक्ष्य सूचकांक (2023-24) का दूसरा संस्करण जारी किया
85 प्रतिशत जिलों के समग्र स्कोर में वृद्धि दर्ज की गई
सिक्किम और त्रिपुरा के साथ मिजोरम के सभी जिलों ने फ्रंट रनर का दर्जा हासिल कर लिया है
मिजोरम का हनाहथियाल पूर्वोत्तर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला जिला बना
नागालैंड (3 जिले) 10 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों में शामिल
93 जिलों में अच्छे स्वास्थ्य एवं कल्याण के स्कोर में वृद्धि दर्ज की गई
सिक्किम ने सभी जिलों में सबसे अधिक सुसंगत प्रदर्शन किया
असम के सभी जिलों में भूखमरी से मुक्ति, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वच्छ जल एवं स्वच्छता तथा अच्छे कार्य और आर्थिक विकास के संकेतकों में बेहतरी हुई
Posted On:
07 JUL 2025 8:49PM by PIB Delhi
नीति आयोग द्वारा आज पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) जिला सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक रिपोर्ट (2023-24) का दूसरा संस्करण जारी किया गया। इस सूचकांक को नीति आयोग और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमओडीओएनईआर) द्वारा यूएनडीपी के तकनीकी सहयोग से विकसित किया गया है। 26 अगस्त 2021 को जारी पहले संस्करण की गति पर आधारित यह सूचकांक एसडीजी के संदर्भ में आठ पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न जिलों के प्रदर्शन को मापता है।
यह (2023-24) सूचकांक क्षेत्रीय स्तर पर निगरानी को बेहतर बनाने की दिशा में एक प्रमुख उपलब्धि है। यह सूचकांक सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय आयामों में विकास की चुनौतियों से निपटने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि विकास के क्रम में पूर्वोत्तर क्षेत्र में कोई भी पीछे न छूटे। नीति आयोग की एसडीजी इंडिया इंडेक्स पद्धति पर आधारित, यह सूचकांक पूर्वोत्तर क्षेत्र में जिला स्तर पर विकास संबंधी प्रगति की निगरानी के एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करता है, ताकि निर्णय लेने में सहायता मिल सके।
नीति आयोग के माननीय उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी; नीति आयोग के सीईओ श्री बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम; पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में सचिव श्री चंचल कुमार; तथा भारत में यूएनडीपी की स्थानीय प्रतिनिधि डॉ. एंजेला लुसिगी ने नीति आयोग के कार्यक्रम निदेशक (एसडीजी) श्री राजीब कुमार सेन तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस रिपोर्ट का लोकार्पण किया।
सहकारी संघवाद की सच्ची भावना के अनुरूप, यह पहल सतत एवं समावेशी विकास के एकीकृत प्रयास के तहत आठ पूर्वोत्तर राज्यों, नीति आयोग और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय मंत्रालय को एक साथ लाती है।
अपने संबोधन में, नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत जैसे-जैसे विकसित भारत @2047 के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, 2030 तक सतत विकास लक्ष्य जैसे मध्यवर्ती उपलब्धियों की हासिल करना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नीति आयोग के सीईओ श्री बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने माननीय प्रधानमंत्री द्वारा इस क्षेत्र को आठ राज्यों की ‘अष्ट लक्ष्मी’ कहे जाने का उदाहरण दिया और उनके विकास एवं प्रगति के महत्व पर प्रकाश डाला।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में सचिव श्री चंचल कुमार ने अंतराल की पहचान करने, उपायों का मार्गदर्शन करने और कुशल संसाधन परिनियोजन के लिए कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि प्रदान करने के एक उपकरण के रूप में इस सूचकांक की भूमिका पर जोर दिया।
यूएनडीपी की स्थानीय प्रतिनिधि डॉ. एंजेला लुसिगी ने कहा कि अंतिम प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक डेटा बिंदु सार्थक कार्रवाई में परिवर्तित हो, जिससे मानव विकास से जुड़े परिणामों में वृद्धि हो।
पूर्वोत्तर क्षेत्र का समग्र प्रदर्शन:

पिछले दो संस्करणों में जिलों का राज्यवार समग्र प्रदर्शन:

परिणाम और निष्कर्ष
कुल 121 जिलों के समग्र स्कोर अरुणाचल प्रदेश के लोंगडिंग में 58.71 से लेकर मिजोरम के हनाहथियाल में 81.43 तक हैं। इन जिलों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: i) अचीवर: स्कोर 100 के बराबर (चिन्हित संकेतकों के लिए निर्धारित लक्ष्यों को हासिल किया); ii) फ्रंट रनर: 65 और 99 के बीच स्कोर (100 को छोड़कर); iii) परफॉर्मर: 50 और 65 के बीच स्कोर (65 को छोड़कर); और iv) आकांक्षी: 50 से कम स्कोर।
एनईआर जिला एसडीजी सूचकांक 2023-24 में शीर्ष 10 जिले:

मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा के सभी जिलों ने फ्रंट रनर का दर्जा हासिल किया है और कोई भी जिला आकांक्षी या अचीवर श्रेणी में नहीं आता है। पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में सबसे अधिक स्कोर वाला जिला मिजोरम का है (हनाहथियाल 81.43 का स्कोर) और पूरे क्षेत्र में सबसे कम स्कोर वाला जिला अरुणाचल प्रदेश का है (लोंगडिंग 58.71 का स्कोर)।
उच्चतम और निम्नतम स्कोर वाले जिले के मामले में सिक्किम में रेंज सबसे कम (5.5 अंक) है, जोकि इसके विभिन्न जिलों में सबसे अधिक सुसंगत प्रदर्शन को दर्शाता है। त्रिपुरा को सबसे कम अंतर-राज्यीय भिन्नता (6.5 अंक) के साथ उच्चतम स्कोर वाले कुछ जिलों का गौरव हासिल है। मिजोरम और नागालैंड में कुछ उच्चतम स्कोर वाले जिले हैं, लेकिन उनमें भिन्नता भी है (क्रमशः 13.72 और 15.07 की रेंज)।
राज्यों के भीतर जिलों के राज्यवार उच्चतम और निम्नतम स्कोर:
• अरुणाचल प्रदेश: निचली दिबांग घाटी (73.36) से लेकर लोंगडिंग (58.71) तक
• असम: डिब्रूगढ़ (74.29), दक्षिण सलमारा-मनकाचर (59.71)
• मणिपुर: इम्फाल पश्चिम (73.21), फिरज़ॉल (59.71)
• मेघालय: पूर्वी खासी हिल्स (73.00), पूर्वी जैंतिया हिल्स (63.00)
• मिजोरम: हनाहथियाल (81.43), लॉन्गत्लाई (67.71)
• नागालैंड: मोकोकचुंग (78.43), ज़ुन्हेबोटो (63.36)
• सिक्किम: गंगटोक (76.64), ग्यालशिंग (71.14)
• त्रिपुरा: गोमती (78.79), धलाई (72.29)
एनईआर जिला एसडीजी सूचकांक 2023-24 साक्ष्य-आधारित योजना, संसाधन आवंटन और विकासात्मक प्रयासों की निगरानी के एक महत्वपूर्ण नीतिगत उपकरण के रूप में कार्य करता है। जिले के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार प्रमुख राष्ट्रीय योजनाओं के प्रभाव को दर्शाता है और साथ ही यह आकांक्षी जिला कार्यक्रम जैसी पहलों के माध्यम से स्थानीयकरण प्रयासों को भी दर्शाता है। यह सूचकांक रिपोर्ट 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने की दिशा में प्रगति को तेज करने हेतु विस्तृत जिला-स्तरीय विश्लेषण और सिफारिशें प्रदान करती है, जिससे यह सुनिश्चित हो कि इस क्षेत्र की विकास यात्रा में कोई भी जिला पीछे न छूटे।
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(Release ID: 2143017)