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'समावेशी भारत शिखर सम्मेलन' वैश्विक सुगम्यता जागरूकता दिवस पर 5 मई, 2025 को आयोजित किया जाएगा


शिखर सम्मेलन देश में दिव्यांगजनों के लिए समावेशी विकास और डिजिटल सुगम्यता को बढ़ावा देगा

प्रविष्टि तिथि: 14 MAY 2025 6:43PM by PIB Delhi

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग 15 मई, 2025 को वैश्विक सुगम्यता जागरूकता दिवस (जीएएडी) के मौके पर 'समावेशी भारत शिखर सम्मेलन' को आयोजित करेगा। जीएएडी का उद्देश्य दुनिया भर में दिव्यांगजनों के लिए डिजिटल पहुंच और समावेशन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। यह दिवस हर वर्ष मई के तीसरे गुरुवार को मनाया जाता है।

यह शिखर सम्मेलन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में भौतिक और आभासी दोनों तरह से हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा। यह एसबीआई फाउंडेशन और नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (एनएबी), नई दिल्ली के साथ साझेदारी में आयोजित किया जा रहा है,इसके अलावा एसोसिएशन ऑफ पीपल विद डिसेबिलिटी (एपीडी) और मिशन एक्सेसिबिलिटी (धनंजय संजोगता फाउंडेशन) का भी सहयोग प्राप्त है।

इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य देश में समावेशी विकास और डिजिटल पहुंच को बढ़ावा देना है, साथ ही दिव्यांग व्यक्तियों के समान अवसर और सुलभ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार उद्योग, शिक्षा जगत, नागरिक समाज और दिव्यांग समुदाय के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

श्री राजेश अग्रवाल, सचिव (दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग) इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य अतिथि के रूप में करेंगे। शिखर सम्मेलन का एक मुख्य आकर्षण डिजिटल पहुंच पर पैनल चर्चा होगी, जिसमें विशेषज्ञ प्रौद्योगिकियों और उत्पादों को दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अधिक समावेशी और सुलभ बनाने के लिए व्यावहारिक उपायों पर चर्चा करेंगे।

इस अवसर पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग कई संगठनों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेगा, जिनमें आई फॉर ह्यूमैनिटी फाउंडेशन, निपमैन फाउंडेशन, यंग लीडर्स फॉर एक्टिव सिटिजनशिप (वाईएलएसी) और रैम्पमाइसिटी फाउंडेशन शामिल हैं।

कार्यक्रम के दौरान, मिशन एक्सेसिबिलिटी अपनी वार्षिक एक्सेसिबिलिटी रिपोर्ट कार्ड जारी करेगा, जो देश भर में सुगम्यता की वर्तमान स्थिति को प्रस्तुत करेगा। इसके अतिरिक्त, विभागीय योजनाओं में सहायता के लिए एक एआई-सक्षम चैटबॉट की घोषणा की जाएगी।

इस कार्यक्रम में कंप्यूटर विज्ञान और डिजाइन पाठ्यक्रमों में डिजिटल सुगम्यता दिशा-निर्देशों को एकीकृत करने के उद्देश्य से एक मसौदा पाठ्यक्रम की प्रस्तुति भी शामिल होगी। यह पाठ्यक्रम एपीडी के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से विकसित किया गया है।

'समावेशी भारत शिखर सम्मेलन' न केवल समावेशिता को प्राथमिकता पर लाने की पहल है, बल्कि डिजिटल दुनिया सभी के लिए सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

 

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