पर्यटन मंत्रालय
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भारत का एमआईसीई उद्योग एक प्रमुख आर्थिक चालक बनने के लिए तैयार; यह  उच्च गुणवत्तायुक्‍त रोजगारों का सृजन करेगा: केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत


राजस्थान के जयपुर में 'मीट इन इंडिया कॉन्क्लेव 2025' का आयोजन

एमआईसीई क्षेत्र को समर्थन देने के लिए राज्य-नेतृत्व वाले प्रचार, सार्वजनिक-निजी भागीदारी और निर्बाध संपर्क पर विशेष ध्यान

एमआईसीई पर्यटन को भारत में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए एक प्रमुख चालक के रूप में मान्यता दी

Posted On: 05 MAY 2025 8:33AM by PIB Delhi

पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन विभाग, राजस्थान सरकार और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से 14वें ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार (जीआईटीबी) के अवसर पर 4 मई 2025 को राजस्थान के जयपुर में मीट इन इंडिया कॉन्क्लेव का आयोजन किया।

इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी (एमआईसीई) उद्योग एक प्रमुख आर्थिक चालक बनने के लिए तैयार है और यह उच्च गुणवत्तायुक्‍त रोजगारों का सृजन करेगा। सम्मेलन में श्री शेखावत ने कहा कि भारत का एमआईसीई उद्योग तेजी से एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है और यह मजबूत आर्थिक विकास, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और मजबूत सरकारी समर्थन से प्रेरित है। देश भर के राज्य अपने-अपने अनूठे तरीकों से पर्यटन के अवसरों को खोल रहे हैं और अब  भारत के लिए स्‍वयं को वैश्विक एमआईसीई मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने का समय आ गया है।

उन्‍होंने कहा कि भारत मंडपम, यशोभूमि, जियो वर्ल्ड सेंटर आदि जैसे प्रतिष्ठित स्थलों और एमआईसीई पर विशेष ध्यान देने के साथ, हमारा लक्ष्य कम से कम 10 भारतीय शहरों को दुनिया के शीर्ष एमआईसीई गंतव्यों में शामिल करना है। पर्यटक मंत्री ने देश की बढ़ती क्षमता का उल्‍लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व द्वारा निर्देशित और राजस्थान जैसे राज्यों की विरासत और नवाचार के माध्यम से अग्रणी होने के साथ, भारत दुनिया का सबसे प्रशंसित पर्यटन और कार्यक्रम स्थल बनने के लिए तैयार है।

इस कार्यक्रम में 300 से अधिक प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय एमआईसीई कंपनियां/ऑपरेटर, घरेलू एमआईसीई कंपनियां/पेशेवर सम्मेलन आयोजक, वक्ता, जीआईटीबी के लिए आमंत्रित एमआईसीई में विशेषज्ञता प्राप्त विदेशी टूर ऑपरेटर, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव, मीडिया, विभिन्न पर्यटन और आतिथ्य संघों के हितधारक, स्थानीय हितधारक (होटल, डीएमसी, संघ, जीआईटीबी, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी, प्रदर्शक आदि) आदि शामिल थे।

भारत के एमआईसीई बाजार ने 2024 में 49,402.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व अर्जित किया और 13 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि दर्ज करते हुए 2030 तक 103,686.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है। यह वृद्धि वाराणसी, खजुराहो, कोच्चि आदि शहरों में एमआईसीई तैयार गंतव्यों में हाल ही में हुए विकास से प्रेरित है। पिछले दशक में, भारत ने बुनियादी ढाँचे में जबरदस्त वृद्धि दर्ज करते हुए 1,50,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण, नए रेलवे स्टेशन, सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें, अंतर्देशीय जलमार्ग, 150 से अधिक चालू हवाई अड्डे और 2.48 मिलियन से अधिक होटल कमरें तैयार किए गए हैं। इसके अलावा, भारत द्वारा जी20 देशों की मेजबानी ने भारत के बढ़ते स्थल नेटवर्क और क्षेत्रीय पर्यटन क्षमता को मजबूत किया है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान माननीय प्रधानमंत्री द्वारा रखे गए दृष्टिकोण ने नए मार्ग प्रशस्‍त किए हैं। अब राज्यों को इस गति को बनाए रखना है। विनियमन से लेकर संगीत पर्यटन तक, भारत के पास कार्यक्रमों और अनुभवों के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने का अवसर है।

राजस्थान को उभरते हुए एमआईसीई गंतव्य के रूप में रेखांकित करते हुए, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री सुश्री दीया कुमारी ने कहा कि‍ राजस्थान सिर्फ़ एक विरासत स्थल नहीं है, अपितु  यह एमआईसीई पर्यटन के लिए एक जीवंत और भविष्य के लिए तैयार केंद्र है। अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर, निर्बाध संपर्क, डिजिटल बुनियादी ढांचे और विश्व स्तरीय आतिथ्य के साथ, हम एक गतिशील इकोसिस्‍टम का निर्माण कर रहे हैं जो परंपरा को परिवर्तन के साथ जोड़ता है। एमआईसीई के प्रति राजस्थान की प्रतिबद्धता को एक अल्पकालिक प्रयास के रूप में नहीं, बल्कि विकास, नवाचार और वैश्विक दृश्यता को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक प्राथमिकता के रूप में स्पष्ट करते हुए, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान न केवल सम्मेलनों का स्वागत करने के लिए, बल्कि एक अविस्मरणीय, समृद्ध अनुभव प्रदान करने के लिए तैयार है।

ओडिशा की उपमुख्यमंत्री श्रीमती प्रवती परिदा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत किसी भी तरह के सम्मेलन अथवा प्रदर्शनी में विश्‍व का स्वागत करने के लिए तैयार है और ओडिशा इस दिशा में अग्रणी राज्यों में गर्व से खड़ा है। उन्‍होंने कहा कि पुरी की आध्यात्मिक शांति से लेकर कोणार्क के वास्तुशिल्प के उत्‍कृष्‍ट कौशल के साथ हमारा राज्य न केवल मजबूत बुनियादी ढांचा प्रदान करता है, बल्कि सभी के अनुभव के लिए एक समृद्ध सांस्कृतिक ताना-बाना भी प्रदान करता है।

पर्यटन विभाग की अपर सचिव एवं महानिदेशक श्री सुमन बिल्ला ने भारत में एमआईसीई सम्मेलन के लिए संदर्भ निर्धारित करते हुए कहा कि एक एकीकृत राष्ट्रीय रणनीति, कुशल प्रतिभा, डिजिटल उपकरण और मजबूत राज्य-नेतृत्व वाले प्रचार से हम 2025 तक शीर्ष पांच एमआईसीई बाजारों में शामिल हो सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत में पहले से ही आवश्यक बुनियादी ढांचा और बाजार की मांग है। उन्होंने बताया कि वास्तविक चुनौती समन्वय में है। श्री बिल्ला ने शहर-स्तरीय सम्मेलन संवर्धन ब्यूरो, एक मजबूत राष्ट्रीय एमआईसीई ब्रांड, कौशल विकास अकादमियों और एक निर्बाध डिजिटल पोर्टल की आवश्यकता पर जोर दिया।

फिक्की की पूर्व अध्यक्ष डॉ. ज्योत्सना सूरी ने कहा कि भारत अब केवल अवकाश बिताने का स्थल नहीं रह गया है और अब हम दुनिया के लिए एक अग्रणी एमआईसीई गंतव्य के रूप में लेने के लिए तैयार हैं। असाधारण बुनियादी ढांचे, निर्बाध संपर्क और जी20 के दौरान हमने जो सिद्ध क्षमताएं प्रदर्शित की हैं, उनके साथ हमारे पास व्‍यापक स्‍तर पर वैश्विक सम्मेलनों की मेजबानी करने के लिए आवश्यक सभी संसाधन हैं। उन्‍होंने कहा कि ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाज़ार और मीट इन इंडिया जैसे प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से, हम न केवल अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं और हम विश्‍व को सहयोग करने, उत्प्रेरित करने और यह कहने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं कि- 'आइए भारत में मिलें

उद्घाटन के बाद इंटरनेशनल कांग्रेस एंड कन्वेंशन एसोसिएशन (आईसीसीए) के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सेंथिल गोपीनाथ ने मुख्य संभाषण दिया। कार्यक्रम का समापन तीन सत्रों के साथ हुआ।  इनमें विकास को बढ़ावा देना: कैसे पर्यटन नीतियां एमआईसीई अवसरों को आकर्षित कर रही हैं, भारत की एमआईसीई पर्यटन क्षमता को खोलना: वैश्विक एमआईसीई आयोजनों को आकर्षित करने के लिए कन्वेंशन सेंटरों का उन्नयन और सफलता के लिए रणनीति बनाना: नीतियां बनाना और भारत को वैश्विक एमआईसीई केन्‍द्र के रूप में विपणन करना शामिल था। खरीदारों और विक्रेताओं के लिए भी बी2बी सत्रों का आयोजन किया गया।

इस सम्मेलन के बाद, जीआईटीबी के 14वें संस्करण का आयोजन 5-6 मई को जयपुर प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र (जेईसीसी) में होगा।

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