जनजातीय कार्य मंत्रालय
जनजातीय कार्य मंत्रालय और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड-इसरो के तकनीकी नेतृत्व में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में 75 अंतरिक्ष प्रयोगशालाएं स्थापित करेंगे
देश के 19 राज्य इस योजना से लाभान्वित होंगे
योजना के तहत कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व पहल के तहत लगभग 12 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये
इससे शैक्षिक अंतराल को पाटा जा सकेगा और अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी और गणित के क्षेत्र में आदिवासी युवाओं के लिए अवसर के नए द्वार खुलेंगे
Posted On:
30 APR 2025 4:00PM by PIB Delhi
जनजातीय कार्य मंत्रालय और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश के 19 राज्यों के 75 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में अंतरिक्ष प्रयोगशालाएं स्थापित करने की घोषणा की है।
केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने अनुसूचित जनजाति समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) की स्थापना कर रखी है, ताकि उन्हें उच्च और व्यावसायिक शैक्षिक पाठ्यक्रमों द्वारा शिक्षित कर विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के उत्तम अवसर प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सके। ईएमआरएस गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के अलावा विद्यार्थियों के पोषण और समग्र स्वास्थ्य तथा विकास का भी ध्यान रखता है। अभी देश भर में 470 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय चल रहे हैं।
भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पहल के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय को अंतरिक्ष प्रयोगशालाएं स्थापित करने में सहायता के लिए लगभग 12 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की घोषणा की है।
इस पहल द्वारा जनजातीय कार्य मंत्रालय आदिवासी युवाओं के शैक्षिक अंतराल को पाटने तथा अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी और गणित के क्षेत्र में उनके लिए अवसर के नये द्वार खोलने का प्रयास कर रहा है। मंत्रालय का उद्देश्य कम आयु से ही अंतरिक्ष विज्ञान की जानकारी देकर आदिवासी समुदायों के बच्चों को भविष्य के वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों और नवप्रवर्तक तैयार करने का आधार तैयार करना है। यह परियोजना आदिवासी समुदाय के विद्यार्थियों को भारत की वैज्ञानिक प्रगति में मुख्यधारा से जोड़ने का महत्वपूर्ण कदम है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत समाज के सभी वर्गों को समान और समावेशी शिक्षा का अवसर देने के सरकार के व्यापक प्रयासों को दर्शाता है।
इस पहल को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा मान्यता प्राप्त अंतरिक्ष ट्यूटर एजेंसियों द्वारा तकनीकी रूप से संचालित किया जाएगा। ऐसी प्रत्येक प्रयोगशाला में निम्नलिखित उन्नत वैज्ञानिक उपकरण इस्तेमाल किये जाएंगे:
- उपग्रह प्रक्षेपण यान एलएमवी-3 और पृथ्वी अवलोकन उपग्रह डेमो मॉडल सभी डब सिस्टम विवरण के साथ
- स्थैतिक मॉडल प्रक्षेपण वाहन (पीएसएलवी, एचआरएलवी, आईआरएनएसएस, जीसैट)
- सौर मंडल, चंद्र ग्रहण, चंद्रमा के विभिन्न चरण, दिन और रात के परिवर्तन, 4 ऋतुएं, ग्लोब और समय सूचक टेबल टॉप डेमो मॉडल
- खगोलीय पिंडों के अवलोकन वाले 150/750 एमएम के स्टार ट्रैकर दूरबीन और कैनसैट वर्किंग मॉडल
- अंतरिक्ष, विज्ञान और गणित शिक्षण सामग्री (टीएलएम) किट
- इसरो की अंतरिक्ष कार्यक्रम संबंधी पुस्तिका और समय सारणी प्रदर्शनी
ये स्पेस लैब भारत के 19 राज्यों के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में स्थापित किये जाएंगे, जिनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, दादरा और नगर हवेली, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इस पहल से 50,000 से अधिक जनजातीय छात्र लाभान्वित होंगे।



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(Release ID: 2125580)