वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल ने द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए नीदरलैंड का दौरा किया


वाणिज्य सचिव ने रॉटरडैम बंदरगाह प्राधिकरण के साथ वार्तालाप किया, समुद्री और व्यापार संबंधों को प्रोत्साहन देने के लिए हरित एवं डिजिटल कॉरिडोर सहयोग की संभावना पर विचार-विमर्श किया

Posted On: 29 APR 2025 11:17AM by PIB Delhi

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल ने भारत और नीदरलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए 24-26 अप्रैल 2025 तक नीदरलैंड का दौरा किया। इस यात्रा ने यूरोप के एक प्रमुख साझेदार नीदरलैंड के साथ अपने आर्थिक जुड़ाव को मजबूत करने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। अपनी यात्रा के दौरान, श्री बर्थवाल ने उच्च-स्तरीय चर्चाओं, उद्योग वार्तालापों में भागीदारी करते हुए आर्थिक महत्व के स्थलों का दौरा किया।

वाणिज्य सचिव की यात्रा से कई मज़बूत सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इस यात्रा से वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने और नवाचार-संचालित विकास को बढ़ावा देने में भारत-नीदरलैंड साझेदारी के रणनीतिक महत्व को मजबूत बनाने में बल मिला है। विदेश मंत्रालय और आर्थिक कार्य मंत्रालय में हुई चर्चाओं ने जेटीआईसी जैसे संस्थागत तंत्रों के माध्यम से सहयोग बढ़ाने के लिए आधार तैयार किया। सीईओ गोलमेज बैठक ने नए व्यावसायिक संबंधों को बढ़ावा दिया, जिसमें डच कंपनियों ने भारत के बढ़ते बाजार और निवेश के अवसरों में गहरी रुचि व्यक्त की। रॉटरडैम बंदरगाह और एएसएमएल में जुड़ाव ने भारत की आर्थिक प्राथमिकताओं के साथ संरेखित करते हुए समुद्री बुनियादी ढांचे और अर्धचालकों में सहयोग के लिए नए मार्ग प्रशस्त किए। वाणिज्य सचिव बर्थवाल की यात्रा ने भारत-नीदरलैंड साझेदारी को नई गति प्रदान करते हुए गहन आर्थिक सहयोग के लिए मंच तैयार किया है।

श्री बर्थवाल ने अपनी यात्रा का शुभारंभ हेग में डच विदेश मंत्रालय के विदेशी आर्थिक संबंधों के महानिदेशक श्री मिचेल स्वीर्स के साथ एक सार्थक चर्चा के साथ किया। चर्चाओं में अन्य मुद्दों के अलावा, संयुक्त व्यापार और निवेश समिति (जेटीआईसी) तंत्र की स्थापना के माध्यम से द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसके अलावा, बैठक में द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों के विविध मुद्दों, रणनीतिक आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने, नीति समरूपता को बढ़ावा देने और भारतीय एवं डच व्यवसायों के लिए सुगम बाजार पहुंच की सुविधा के लिए व्यापार बाधाओं को दूर करने पर भी चर्चा की गई। इस वार्तालाप ने व्यापार और निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने और दोनों अर्थव्यवस्थाओं की पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

इस यात्रा का मुख्य आकर्षण भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित सीईओ गोलमेज सम्मेलन रहा। अग्रणी डच और भारतीय कंपनियों के साथ-साथ व्यापार मंडलों और व्यापार संगठनों के लगभग 40 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, गोलमेज सम्मेलन में व्यापार के अवसरों, चुनौतियों और कार्रवाई योग्य समाधानों पर चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने बहुमूल्य सुझाव दिए, भारत सरकार और दूतावास ने उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए अपनी वचनबद्धता व्यक्त की। सम्मेलन ने उद्योग जगत प्रमुखों को अंतर्दृष्टिकोण साझा करने, तालमेल तलाशने और अक्षय ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, रसद, अपशिष्ट प्रबंधन एवं शहरी विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों की पहचान करने के लिए एक मंच प्रदान किया। श्री बर्थवाल ने भारत के महत्वाकांक्षी आर्थिक सुधारों पर बल दिया, जिसमें विनिर्माण, निर्यात और कारोबार में आसानी को बढ़ावा देने की पहल शामिल है जिसाक डच हितधारकों ने पूर्ण रूप से समर्थन किया। गोलमेज सम्मेलन में दूतावास द्वारा वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) हस्तशिल्प का प्रदर्शन भी किया गया, जिसमें भारत की समृद्ध कारीगर विरासत का उत्सव मनाया गया। इसके बाद के नेटवर्किंग सत्र ने कॉर्पोरेट प्रमुखों और व्यापार निकायों के लिए सार्थक संबंध बनाने के लिए एक मंच  प्रदान किया। इसमें वाणिज्य सचिव बर्थवाल और राजदूत तुहिन ने प्रतिभागियों को सक्रिय रूप से भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया।

श्री बर्थवाल ने यूरोप के सबसे बड़े और दुनिया के सबसे उन्नत बंदरगाहों में से एक, रॉटरडैम बंदरगाह का दौरा किया। वर्ल्ड पोर्ट सेंटर में रॉटरडैम प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री बौडेविजन सीमन्स द्वारा प्राप्त, श्री बर्थवाल ने भारतीय बंदरगाहों और रॉटरडैम के बीच सहयोग बढ़ाने पर गहन चर्चा की। वार्ता में ज्ञान साझा करने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और स्थायी बंदरगाह प्रबंधन कार्यप्रणालियों के अवसरों को तलाशने पर चर्चा की गई। मासव्लाकटे II में पूरी तरह से स्वचालित एपीएम टर्मिनलों सहित बंदरगाह सुविधाओं के दौरे ने रॉटरडैम के अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और परिचालन दक्षताओं के बारे में जानकारी प्रदान की। श्री बर्थवाल ने भारत के समुद्री विजन 2030 के अनुरूप भारतीय बंदरगाहों के आधुनिकीकरण में सहयोग की संभावना का उल्लेख किया, जिसका उद्देश्य बंदरगाह क्षमता और रसद दक्षता को बढ़ाना है। दोनों पक्षों ने बंदरगाह डिजिटलीकरण, हरित शिपिंग और रसद अनुकूलन में संयुक्त पहलों के माध्यम से संबंधों को और मज़बूत बनाने में रुचि जताई और यह द्विपक्षीय व्यापार प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस यात्रा ने रॉटरडैम बंदरगाह और दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण कांडला जैसे भारतीय बंदरगाहों के बीच एक हरित और डिजिटल कॉरिडोर की स्थापना और भारत से यूरोप को हरित हाइड्रोजन और अमोनिया और मेथनॉल जैसे वाहकों के निर्यात के लिए आधार तैयार किया, जिसमें रॉटरडैम बंदरगाह यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करेगा।

बाद में, श्री बर्थवाल सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए फोटोलिथोग्राफी सिस्टम में वैश्विक रूप से अग्रणी एएसएमआईएल के मुख्यालय का दौरा करने के लिए वेल्डहोवन गए। एएसएमआईएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री क्रिस्टोफ़ फ़ौक्वेट के साथ एक रचनात्मक बैठक में, श्री बर्थवाल ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत-नीदरलैंड सहयोग को गहरा करने पर चर्चा की। चर्चाएं भारत की सेमीकंडक्टर मिशन में उल्लिखित वैश्विक सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र बनने की भारत की महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करने के लिए एएसएमआईएल की विशेषज्ञता का लाभ उठाने पर केंद्रित थीं। श्री बर्थवाल ने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन और बुनियादी ढांचे के विकास सहित सेमीकंडक्टर में निवेश आकर्षित करने के लिए भारत के मजबूत नीतिगत ढांचे पर जोर दिया। एएसएमआईएल के साथ जुड़ाव ने नवाचार को बढ़ावा देने और एक उदारपूर्ण सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी व्यवस्था के निर्माण में भारत की रुचि को उजागर किया, जिसमें नीदरलैंड एक प्रमुख भागीदार है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0013S9X.jpeg

वाणिज्य सचिव के साथ आए भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री साकेत कुमार ने द हेग में डच आर्थिक मामलों के मंत्रालय में उद्यम एवं नवाचार के उप महानिदेशक श्री जेर्क ओपमीर से भेंट की। विचार-विमर्श विशेष रूप से प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार-संचालित भागीदारी को बढ़ावा देने पर केंद्रित रहे। दोनों पक्षों ने इंडो-डच स्टार्टअप लिंक के अंतर्गत आपसी प्रयासों के माध्यम से स्टार्टअप और नवाचार इकोसिस्टम में सहयोग को गहरा करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। बैठक में उद्यमिता, तकनीकी आदान-प्रदान और अंतरिक्ष सहयोग में सहयोग की भी संभावनाएं तलाशी गईं। इन बैठकों ने नवाचार के केंद्र के रूप में भारत की बढ़ती भूमिका और अत्याधुनिक तकनीकों में नीदरलैंड की विशेषज्ञता को उजागर किया, जिससे द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त हुआ।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002KEMD.jpg

***

एमजी/केसी/एसएस


(Release ID: 2125099) Visitor Counter : 96
Read this release in: English , Urdu , Bengali , Tamil