रक्षा मंत्रालय
अफ्रीका भारत महत्वपूर्ण समुद्री सहभागिता 2025
Posted On:
12 APR 2025 12:00PM by PIB Delhi
अफ्रीका भारत महत्वपूर्ण समुद्री सहभागिता 2025 अफ्रीका और भारत के मध्य प्रमुख समुद्री सहयोग के पैमाने पर आयोजित होने वाला बहुपक्षीय अभ्यास है। इसका संस्कृत में अर्थ 'एकता' है और उद्घाटन संस्करण 13 से 18 अप्रैल 2025 तक छह दिनों के लिए योजनाबद्ध है। इसमें कोमोरोस, जिबूती, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स और दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ सह-मेजबान भारत व तंजानिया भी भाग लेंगे।
यह पहल भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उस दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक एवं समग्र विकास (महासागर) को बढ़ावा देता है।
भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस चेन्नई (डिस्ट्रॉयर) और आईएनएस केसरी [लैंडिंग शिप टैंक (विशाल)] क्रमशः 10 व 11 अप्रैल 2025 को दार-एस-सलाम पहुंचे। डीए तंजानिया और लाइजन टीम द्वारा इन जहाजों का स्वागत किया गया। आईएनएस चेन्नई पर औपचारिक गार्ड परेड भी की गई, जिसमें तंजानिया पीपुल्स डिफेंस फोर्स और भारतीय नौसेना बैंड ने एक स्वर में दोनों देशों के राष्ट्रगान बजाए। एआईकेईएमई का उद्घाटन समारोह तंजानिया पीपुल्स डिफेंस फोर्स (टीपीडीएफ) के साथ जहाज पर ही आयोजित किया जाएगा।
एआईकेईवाईएमई 2025 के बंदरगाह चरण में एक उद्घाटन समारोह और डेक रिसेप्शन शामिल होगा, जिसमें माननीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ तथा तंजानिया के रक्षा मंत्री मुख्य अतिथि होंगे।
इस चरण के दौरान निर्धारित की गई गतिविधियों में टेबल टॉप और कमांड पोस्ट अभ्यास शामिल हैं, जो समुद्री डकैती रोधी अभियानों तथा सूचना साझा करने पर केंद्रित होंगे। साथ ही टीपीडीएफ के सहयोग से नाविक कौशल में संयुक्त प्रशिक्षण और विजिट बोर्ड सर्च एंड सीजर (वीबीएसएस) अभ्यास भी आयोजित होंगे। इस दौरान सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए खेलकूद और योग सत्र जैसी गतिविधियों का आयोजन भी किया जाएगा। इसके अलावा, भारतीय नौसेना के जहाज बंदरगाह चरण के दौरान स्थानीय लोगों के साथ संपर्क स्थापित करने के उद्देश्य से आगंतुकों के लिए खुले रहेंगे।
समुद्री चरण 16 से 18 अप्रैल 2025 तक चलेगा और इसमें भाग लेने वाले देशों के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग को विस्तार देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
एआईकेईवाईएमई का मकसद आम क्षेत्रीय समुद्री चुनौतियों के लिए सहयोगात्मक समाधान विकसित करना है। भारतीय नौसेना की इस प्राथमिक पहल का लक्ष्य साझेदार देशों की समुद्री सेनाओं के बीच आपसी सहभागिता की क्षमता को बढ़ाना और संयुक्त कार्रवाई के दौरान तालमेल बिठाना है। यह भारत और अफ्रीकी देशों के बीच सशक्त एवं मैत्रीपूर्ण संबंधों को भी उजागर करता है।
आईएनएस सुनयना पोत 05 अप्रैल 2025 को हिंद महासागर जहाज सागर के रूप में कारवार से रवाना हुआ था और यह भी एआईकेईवाईएमई में भाग लेगा।
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