शिक्षा मंत्रालय
                
                
                
                
                
                    
                    
                        प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) योजना के अंतर्गत 'सामग्री लागत' में वृद्धि
                    
                    
                        
                    
                
                
                    Posted On:
                10 APR 2025 11:27AM by PIB Delhi
                
                
                
                
                
                
                पीएम पोषण योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसके अंतर्गत 10.36 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में बालवाटिका और कक्षा 1 से 8 तक अध्यनरत 11.20 करोड़ विद्यार्थियों को सभी विद्यालयी दिनों में एक बार गर्म पका हुआ भोजन दिया जाता है। इस योजना का उद्देश्य पोषण सहायता प्रदान करना और विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाना है।
पीएम पोषण योजना के अंतर्गत भोजन बनाने के लिए आवश्यक निम्नलिखित सामग्रियों की खरीद के लिए 'सामग्री लागत' प्रदान की जाती है:
	
		
			| 
			 सामग्री 
			 | 
			
			 प्रति विद्यार्थी भोजन की मात्रा 
			 | 
		
		
			| 
			 बाल वाटिका एवं प्राथमिक 
			 | 
			
			 उच्च प्राथमिक 
			 | 
		
		
			| 
			 दालें 
			 | 
			
			 20 ग्राम 
			 | 
			
			 30 ग्राम 
			 | 
		
		
			| 
			 सब्ज़ियाँ 
			 | 
			
			 50 ग्राम 
			 | 
			
			 75 ग्राम 
			 | 
		
		
			| 
			 तेल 
			 | 
			
			 5 ग्राम 
			 | 
			
			 7.5 ग्राम 
			 | 
		
		
			| 
			 मसाले  
			 | 
			
			 आवश्यकतानुसार 
			 | 
			
			 आवश्यकतानुसार 
			 | 
		
		
			| 
			 ईंधन 
			 | 
			
			 आवश्यकतानुसार 
			 | 
			
			 आवश्यकतानुसार 
			 | 
		
	
 
 
श्रम मंत्रालय का श्रम ब्यूरो, पीएम पोषण के लिए सीपीआई सूचकांक के अनुरूप उपभोक्ता मूल्य सूचकांक - ग्रामीण मजदूर (सीपीआई-आरएल) के आधार पर पीएम पोषण के अंतर्गत इन वस्तुओं के लिए मुद्रास्फीति के आंकड़े प्रदान करता है और तदनुसार पीएम पोषण के लिए सीपीआई सूचकांक तैयार किया गया है। सीपीआई-आरएल, श्रम ब्यूरो, चंडीगढ़ द्वारा देश के 20 राज्यों में फैले 600 गांवों के नमूने से निरंतर मासिक मूल्य एकत्र करने के आधार पर जारी  किया जाता है।
श्रम ब्यूरो द्वारा उपलब्ध कराए गए मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने 'सामग्री लागत' में 9.50% की वृद्धि की है। ये नई दरें 01.05.2025 से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होंगी। इस वृद्धि के कारण केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2025-26 में लगभग 954 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत वहन करेगी। प्रति विद्यार्थी प्रति दिन सामग्री लागत इस प्रकार है: -
(रु. में)
	
		
			| 
			 कक्षाएं 
			 | 
			
			 मौजूदा सामग्री लागत 
			 | 
			
			 01.05.2025 से सामग्री लागत में वृद्धि 
			 | 
			
			 वृद्धि 
			 | 
		
		
			| 
			 बाल वाटिका  
			 | 
			
			 6.19 
			 | 
			
			 6.78 
			 | 
			
			 0.59 
			 | 
		
		
			| 
			 प्राथमिक 
			 | 
			
			 6.19 
			 | 
			
			 6.78 
			 | 
			
			 0.59 
			 | 
		
		
			| 
			 उच्च प्राथमिक 
			 | 
			
			 9.29 
			 | 
			
			 10.17 
			 | 
			
			 0.88 
			 | 
		
	
 
ये सामग्री लागत दरें न्यूनतम अनिवार्य दरें हैं। तथापि, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपने निर्धारित हिस्से से अधिक योगदान करने के लिए स्वतंत्र हैं। कुछ राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश पीएम पोषण योजना के अंतर्गत अधिक पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए अपने स्वयं के संसाधनों से न्यूनतम अनिवार्य हिस्से से अधिक योगदान कर रहे हैं। 
सामग्री लागत के अलावा, भारत सरकार भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से लगभग 26 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध कराती है। भारत सरकार खाद्यान्न की 100% लागत वहन करती है जिसमें प्रति वर्ष लगभग 9000 करोड़ रुपये का अनुदान और भारतीय खाद्य निगम डिपो से विद्यालयों तक खाद्यान्न की 100% परिवहन लागत शामिल है। योजना के अंतर्गत खाद्यान्न लागत सहित सभी घटकों को जोड़ने के बाद प्रति भोजन लागत बाल वाटिका और प्राथमिक कक्षाओं के लिए लगभग 12.13 रुपये और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए 17.62 रुपये आती है।
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एमजी/केसी/पीपी/आर
                
                
                
                
                
                (Release ID: 2120679)
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