सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
खादी और ग्रामोद्योग आयोग
केवीआईसी ने मुख्यालय मुंबई में 'मेगा वितरण' कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें पूरे देश में वर्चुअल माध्यम से 16377 उपकरणों, मशीनों और टूलकिट का वितरण किया गया
ग्रामोद्योग विकास योजना और खादी विकास योजना के अंतर्गत 5 लाख से अधिक खादी कारीगर और पीएमईजीपी लाभार्थी हुए लाभान्वित।
केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार द्वारा पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत 14456 नई इकाइयों को 469 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की गई, जिससे 159016 नए रोजगार उत्पन्न होंगे
ऑनलाइन माध्यम से देश में 5000 नई पीएमईजीपी इकाइयों और 44 पुनर्निर्मित खादी भवनों के साथ-साथ 750 खादी कार्यशालाओं का उद्घाटन किया जाएगा। इस कार्यशाला से कुल 1440 कारीगरों को लाभ मिलेगा
इस वित्तीय वर्ष में, खादी विकास योजना के अंतर्गत, अब तक, एमएमडीए की राशि 215 करोड़ रुपये और आईएसईसी अनुदान की राशि 40 करोड़ रुपये वितरित की जा चुकी है
केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'विकसित भारत अभियान' से प्रेरित मेगा वितरण कार्यक्रम। कारीगरों का कल्याण 'आत्मनिर्भर भारत' का मूल मंत्र है
Posted On:
28 MAR 2025 6:17PM by PIB Delhi
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार ने अपने केंद्रीय कार्यालय, मुंबई में वर्चुअल माध्यम से सबसे बड़ा और सबसे व्यापक ‘मेगा वितरण’ कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें ग्रामोद्योग विकास योजना, खादी विकास योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत 5 लाख से ज्यादा खादी कारीगरों, उद्यमियों और लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। इस अवसर पर केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने वर्चुअल माध्यम से पूरे देश के लाखों कारीगरों को संबोधित किया और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान से जुड़ने का आह्वान किया। कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से केवीआईसी के उत्तर क्षेत्र के सदस्य श्री नागेन्द्र रघुवंशी, पूर्वी क्षेत्र के सदस्य श्री मनोज कुमार सिंह, एमएसएमई मंत्रालय के संयुक्त सचिव (एआरआई) श्री विपुल गोयल, आर्थिक सलाहकार (एमएसएमई) सुश्री सिमी चौधरी और केवीआईसी के केंद्रीय कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ देश भर के क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित हुए।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार, खादी एवं ग्रामीण उद्योग क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक पहल की गई और विले पार्ले स्थित मुख्यालय में एक 'मेगा वितरण' कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत पूरे देश के सभी 6 जोन (पूर्वी जोन, पश्चिमी जोन, उत्तरी जोन, दक्षिणी जोन, मध्य जोन एवं पूर्वोत्तर जोन) के राज्य एवं मंडल कार्यालयों से जुड़े लाभार्थियों को 16377 उपकरण, मशीनें एवं टूलकिट वितरित किए गए। इसके साथ ही खादी विकास योजना के अंतर्गत 44 पुनर्निर्मित खादी भवनों और 750 खादी कार्यशालाओं का भी उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूरे देश में 14456 पीएमईजीपी इकाइयों को 1399.13 करोड़ रुपये के स्वीकृत ऋण पर 469 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की गई, जिससे 159016 रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। इसके साथ ही केवीआईसी के अध्यक्ष ने ऑनलाइन माध्यम से 5000 नई पीएमईजीपी इकाइयों का भी उद्घाटन किया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 58850 लाभार्थियों को 2,175 करोड़ रुपये का मार्जिन वितरित किया गया, जिससे 64,73,50 नौकरियां उत्पन्न[11] हुईं।
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केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' दृष्टिकोण को मान्यता देने और युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत अपने इतिहास में सबसे व्यापक और बड़े टूलकिट वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया है। इसके तहत, कुल 16,377 टूलकिट और उपकरण आभासी माध्यम से वितरित किए गए, जिसमें 3,950 मधुमक्खी बक्से, 7,067 इलेक्ट्रिक पॉटरी चाक, 1,350 चमड़ा उत्पाद मरम्मत टूलकिट, 390 फुटवियर निर्माण उपकरण, 420 इलेक्ट्रीशियन टूलकिट, 80 एसी मरम्मत टूलकिट, 300 प्लम्बर टूलकिट, 60 मोबाइल मरम्मत टूलकिट, 971 सिलाई मशीनें, 278 हस्तनिर्मित कागज बनाने वाली मशीनें, 349 स्वचालित अगरबत्ती बनाने वाली मशीनें, 60 पेडल संचालित अगरबत्ती बनाने वाली मशीनें, 320 टर्नवुड मशीनें, 180 लकड़ी के खिलौने बनाने वाली मशीनें, 460 अपशिष्ट लकड़ी शिल्प मशीनें और 292 कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण मशीनें शामिल हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान श्री मनोज कुमार ने कहा कि केवीआईसी ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 में अब तक 1,110 खादी संस्थाओं को संशोधित बाजार विकास सहायता (एमएमडीए) के तहत 215 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जारी की है, जिससे लगभग 1,46,246 कारीगर लाभान्वित हुए हैं। इसके अलावा, ISEC कार्यक्रम के माध्यम से 1153 खादी संस्थाओं को 40 करोड़ रुपये की अनुदान राशि भी वितरित की गई है। इसी क्रम में आज खादी संस्थाओं को 32.73 करोड़ रुपये की अतिरिक्त एमएमडीए अनुदान राशि जारी की गई, जिससे 3817 कारीगर लाभान्वित हुए।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व का उल्लेख करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि “हम सभी को 'वोकल फॉर लोकल' के साथ-साथ 'मेक फॉर वर्ल्ड' के मंत्र को अपनाना होगा, तभी प्रधानमंत्री मोदी के 'लोकल से ग्लोबल' के विजन को मान्यता मिलेगी।” खादी कारीगरों के लिए अहम घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि 01 अप्रैल 2025 से खादी कारीगरों की मजदूरी में 20 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने खादी कारीगरों की मजदूरी में 275 फीसदी की ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है। अब चरखा चलाने वालों को प्रति कट्टा कताई के लिए 15 रुपये मिलेंगे। पिछले वित्त वर्ष में खादी एवं ग्रामोद्योग का कुल उत्पादन 1.08 लाख करोड़ रुपये तथा बिक्री 1.55 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। पिछले 10 वर्षों में 1.87 करोड़ रोजगार सृजित हुए, जिनमें 10.17 लाख नए रोजगार सृजित हुए। पीएमईजीपी के अंतर्गत 10 लाख से अधिक नई परियोजनाएं स्थापित की गईं, जिनसे 88 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ।
खादी एवं ग्राम उद्यम आयोग के कार्यालयों से जुड़े लाखों खादी कारीगरों, खादी संस्थानों के प्रतिनिधियों, ग्रामोद्योग विकास योजना और पीएमईजीपी योजना के लाभार्थियों को कार्यक्रम में पूरे देश में ऑनलाइन माध्यम के माध्यम से जोड़ा गया। इसके साथ ही मुंबई स्थित केंद्रीय कार्यालय में केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
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(Release ID: 2116512)