कोयला मंत्रालय
घरेलू कोयला भंडार से ऊर्जा सुरक्षा
Posted On:
26 MAR 2025 12:59PM by PIB Delhi
भारत के पास देश की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान देने के लिए पर्याप्त घरेलू कोयला भंडार है और यह देश की ऊर्जा आवश्यकताओं का 55 प्रतिशत इससे पूरा होता है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के अनुसार, 01.04.2024 तक देश के कोयला और लिग्नाइट संसाधन क्रमशः 389.42 बिलियन टन और 47.29 बिलियन टन हैं।
देश के वर्तमान कोयला भंडार का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा रहा है। कोयला निकालने और प्रसंस्करण दक्षता बढ़ाने के लिए कोयला कंपनियों ने बड़े पैमाने पर उत्पादन तकनीकें शुरू की हैं जिनका उद्देश्य न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ उत्पादकता बढ़ाना, लागत कम करना और सुरक्षा में वृद्धि करना है। भूमिगत खदानों में निरंतर खनिक (सीएम) और खुली खदानों में सतह पर काम करने वाले खनिक भी कोयला काटने के लिए तैनात किए गए हैं तथा अत्यधिक बोझ को हटाने के लिए बड़े आकार की भारी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) लगाई गई है।
सरकार का ध्यान देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोयले के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर है। वर्ष 2023-24 में देश में अब तक का सर्वाधिक कोयला उत्पादन हुआ है। वर्ष 2023-24 में अखिल भारतीय घरेलू कोयला उत्पादन 997.826 मीट्रिक टन था, जबकि वर्ष 2022-2023 में यह 893.191 मीट्रिक टन था, जो लगभग 11.71 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वर्ष 2024-25 में देश में 5.45 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ पिछले वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में 881.16 मीट्रिक टन की तुलना में 929.15 मीट्रिक टन (अनंतिम) कोयला उत्पादन (फरवरी 2025 तक) हुआ है।
ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश में कोयला उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
- कोयला मंत्रालय की ओर से कोयला ब्लॉकों के विकास में तेजी लाने के लिए नियमित समीक्षा की जाती है।
- ii. खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2021 [एमएमडीआर अधिनियम] लागू किया गया है, जिससे निजी खान मालिक (परमाणु खनिजों के अलावा) को अपने वार्षिक खनिज (कोयला सहित) उत्पादन का 50 प्रतिशत तक खुले बाजार में बेचने में सक्षम होंगे। इसके लिए उन्हें खदान से जुड़े अंतिम उपयोग संयंत्र के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अतिरिक्त राशि के भुगतान जैसी निर्दिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।
- कोयला क्षेत्र के लिए एकल खिड़की मंजूरी पोर्टल, जिससे कोयला खदानों के परिचालन में तेजी आएगी।
- iv. कोयला खदानों के शीघ्र संचालन के लिए विभिन्न अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्त करने में कोयला ब्लॉक आवंटियों की सहायता के लिए परियोजना निगरानी इकाई।
- राजस्व साझेदारी के आधार पर वाणिज्यिक खनन की नीलामी 2020 में शुरू की गई। वाणिज्यिक खनन योजना के तहत, उत्पादन की निर्धारित तिथि से पहले उत्पादित कोयले की मात्रा के लिए अंतिम प्रस्ताव पर 50 प्रतिशत की छूट दी गई है। इसके अलावा, कोयला गैसीकरण या द्रवीकरण पर प्रोत्साहन (अंतिम प्रस्ताव पर 50 प्रतिशत की छूट) दिया गया है।
- vi. वाणिज्यिक कोयला खनन की शर्तें और नियम बहुत उदार हैं, जिनमें कोयले के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है, नई कंपनियों को बोली प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति है, अग्रिम राशि कम है, मासिक भुगतान के विरुद्ध अग्रिम राशि का समायोजन होता है, कोयला खदानों को चालू करने में लचीलेपन को प्रोत्साहित करने के लिए कुशलता संबंधी पैमाने उदार हैं, बोली प्रक्रिया पारदर्शी है, स्वचालित मार्ग के माध्यम से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और राजस्व साझाकरण मॉडल राष्ट्रीय कोयला सूचकांक पर आधारित है।
उपरोक्त के अतिरिक्त, कोयला कम्पनियों ने घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कदम भी उठाए हैं:
कोयला कंपनियों ने कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए कई उपाय अपनाए हैं। इनमें शामिल है- मुख्य रूप से सतत खनिकों (सीएम) के साथ, और जहां भी संभव हो, और हाईवॉल खनिकों (एचडब्ल्यू) के साथ भूमिगत खदानों में बड़े पैमाने पर उत्पादन तकनीक (एमपीटी) की शुरुआत। ओपनकास्ट (ओसी) खदानों में, उच्च क्षमता वाले उत्खननकर्ताओं, डंपरों और सतह पर काम करने वाले खनिकों में अत्याधुनिक तकनीक की शुरुआत तथा कोयला हैंडलिंग प्लांट (सीएचपी), क्रशर, मोबाइल क्रशर, प्री-वेट-बिन आदि जैसे कोयले की निकासी के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना।
वर्तमान आयात नीति के अनुसार, कोयले को खुले सामान्य लाइसेंस (ओजीएल) के अंतर्गत रखा गया है और उपभोक्ता लागू शुल्क का भुगतान करके अपनी संविदात्मक कीमतों के अनुसार अपनी पसंद के स्रोत से कोयला आयात करने के लिए स्वतंत्र हैं।
पिछले दो वर्षों और चालू वर्ष (दिसंबर 2024 तक) के दौरान आयातित कोयले का विवरण निम्नानुसार है:
कोयले का आयात
(मात्रा मिलियन टन में एवं मूल्य मिलियन रुपए में)
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कोकिंग कोयला
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नॉन कोकिंग कोयला
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कुल कोयला
|
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मात्रा
|
मूल्य रु.
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मात्रा
|
मूल्य रु.
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मात्रा
|
मूल्य रु.
|
2022-23
|
56.05
|
1538399.74
|
181.62
|
2297444.02
|
237.67
|
3835843.76
|
2023-24
|
58.81
|
1330003.62
|
205.72
|
1772150.89
|
264.53
|
3102154.51
|
2023-24-दिसंबर-23
|
44.39
|
974011.49
|
155.80
|
1363711.82
|
200.19
|
2337723.31
|
2024-25-दिसंबर-24
|
42.75
|
798179.53
|
140.67
|
1116387.09
|
183.42
|
1914566.62
|
विकास %
|
-3.68
|
-18.05
|
-9.72
|
-18.14
|
-8.38
|
-18.10
|
कोयला आयात के विकल्प के रूप में सरकार की ओर से निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:
- घरेलू कोयला उत्पादन में वृद्धि
- ii. कोकिंग कोल के आयात को कम करने के लिए इस्पात क्षेत्र को कोकिंग कोल की आपूर्ति बढ़ाने के उद्देश्य से कोकिंग कोल मिशन का शुभारंभ।
कोयला खनन कार्य विशिष्ट साइट-आधारित गतिविधि है। पर्यावरणीय प्रभावों का प्रबंधन और उन्हें निर्धारित मानकों के भीतर रखने के लिए पर्यावरण प्रबंधन योजना स्वीकृत है जिसके अनुसार टिकाऊ खनन और पर्यावरण नियंत्रण उपायों की योजना बनाई जाती है और उनका कार्यान्वयन किया जाता है।
पर्यावरण प्रबंधन योजना (ईएमपी) तैयार करने के लिए खनन से पहले और बाद की स्थितियों पर विचार करते हुए प्रत्येक परियोजना के लिए विस्तृत पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) किया जाता है। उसी के आधार पर पर्यावरण संबंधी मंजूरी (ईसी) दी जाती है। इसे प्रदान करते समय पर्यावरण प्रबंधन योजना को लागू करने के लिए शर्तें/शमन के उपाय निर्धारित किए जाते हैं, जिनका अनुपालन परियोजना प्रस्तावकों को करना पड़ता है। पर्यावरण संबंधी मंजूरी प्राप्त करने पर, परियोजना प्रस्तावक संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (एसपीसीबी) से जल और वायु अधिनियमों के प्रावधानों के तहत एक बार स्थापना के लिए सहमति (सीटीई) और आवधिक रूप से संचालन के लिए सहमति (सीटीओ) भी प्राप्त करते हैं। परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान ईसी, सीटीओ आदि में निर्धारित शर्तों के अनुपालन की निगरानी नियमित रूप से पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, एसपीसीबी आदि जैसे नियामकों द्वारा की जाती है।
देश में कोयला खदानों में पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न दीर्घकालिक और पर्यावरण अनुकूल पहल की गई हैं, जैसे वृक्षारोपण/जैव-पुनर्ग्रहण, सामुदायिक उपयोग के लिए खदान जल का उपयोग और इको-पार्कों का विकास, तथा ऊर्जा दक्षता उपायों को अपनाना।
यह जानकारी केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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