खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
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चौथे विश्व खाद्य भारत (डब्ल्यूएफआई)-2025 से संबंधित गतिविधियों पर स्थानिक आयुक्तों के साथ गोलमेज बैठक

Posted On: 18 FEB 2025 2:06PM by PIB Delhi

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने 17 फरवरी 2025 को खाद्य प्रसंस्करण सचिव की अध्यक्षता में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्थानिक आयुक्तों और प्रतिनिधियों के साथ एक गोलमेज बैठक आयोजित की। इसका एजेंडा विश्व खाद्य भारत 2025 के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा करना था।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के अपर सचिव श्री मिनहाज आलम ने आरंभिक संबोधन में कहा कि यह आयोजन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विशिष्टता प्रदर्शित करने, सहयोग के लिए वैश्विक और घरेलू व्यापारिक नेताओं, आपूर्तिकर्ताओं, खरीदारों और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ बातचीत करने तथा खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद मूल्य श्रृंखला में निवेश और स्रोत संबंधी जानकारी देने का अवसर प्रदान करेगा।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव ने स्थानिक आयुक्तों और प्रतिनिधियों को बताया कि संबंधित वृहद आयोजन 25 से 28 सितंबर 2025 तक आयोजित किया जाएगा। मंत्रालय के पहले के कार्यक्रमों की अपेक्षा यह बड़े पैमाने पर आयोजित होगा। उन्होंने मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही पहल का भी उल्लेख किया, जिसमें उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएस), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (पीएमएफएमई) और प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) जैसी योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य समूचे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में निवेश, नवाचार और मूल्य संवर्धन साथ ही भारत की वैश्विक उपस्थिति विस्तारित करना है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव ने जोर देकर कहा कि वृहद आयोजन के लिए समूचे उत्पाद मूल्य श्रृंखला के हितधारकों के सम्मिलित प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पूर्ण क्षमता उपयोग के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पूरी शक्ति के साथ इसमें भाग लेना आवश्यक है। उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी कि वे इस आयोजन की सफलता और इसे ऐतिहासिक पहल बनाने में सक्रिय भागीदारी के लिए अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव साझा करें।

गोलमेज बैठक में भाग लेने वाले स्थानिक आयुक्तों और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने विश्व खाद्य भारत 2025  कार्यक्रम के लिए पूर्ण समर्थन के प्रति आश्वस्त कराया। बैठक में दिये गये सुझावों/प्रतिक्रियाओं में समान उत्पादों और खाद्य प्रसंस्करण पारिस्थितिकी तंत्र वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए समेकित सत्र, सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्यमों को सहायता प्रदान करना इत्यादि शामिल थे।

एक मेज पर बैठे पुरुषों का एक समूहएआई-जनित सामग्री गलत हो सकती है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री डी. प्रवीण ने आयोजन के समापन संबोधन में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भारतीय खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की शक्ति प्रदर्शित करते हुए इस व्यापक आयोजन में अधिकतम भागीदारी के लिए मंत्रालय के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मंत्रालय उद्योग के हितधारकों से गहराई से जुड़ने, आयोजन के प्रचार-प्रसार और उद्योग की चुनौतियां और व्यापार सुगमता में आवश्यक पहल की जानकारी हासिल करने के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा करेगा।

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