आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय
पीएमएवाई-यू के अंतर्गत आने वाले शहर
Posted On:
06 FEB 2025 5:18PM by PIB Delhi
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) सभी पात्र शहरी लाभार्थियों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्का घर उपलब्ध कराने के लिए 25 जून 2015 से प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी (पीएमएवाई-यू) को लागू कर रहा है। पीएमएवाई-यू को 2011 की जनगणना के अनुसार सभी वैधानिक कस्बों और बाद में अधिसूचित किए गए कस्बों के साथ-साथ महानगरीय शहरों और छोटे कस्बों में लागू किया गया है। इसमें औद्योगिक विकास प्राधिकरण/विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण/शहरी विकास प्राधिकरण या राज्य विधान के अंतर्गत ऐसे किसी प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत अधिसूचित योजना/विकास क्षेत्र में आने वाले क्षेत्र और गांव शामिल हैं, जिन्हें शहरी नियोजन और विनियमन के कार्य सौंपे गए हैं। संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) द्वारा भेजे गए अनुरोध के आधार पर मंत्रालय द्वारा कस्बों और विकास प्राधिकरण क्षेत्रों को योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है। यह योजना देश भर के सभी महानगरों सहित 4,618 शहरों/शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में कार्यान्वित की गई है।
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा प्रस्तुत परियोजना प्रस्तावों के आधार पर मंत्रालय द्वारा पीएमएवाई-यू के अंतर्गत कुल 118.64 लाख मकान स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 112.50 लाख मकानों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और 27.01.2025 तक देशभर में 90.25 लाख मकान पूरे हो चुके हैं/लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं।
पीएमएवाई-यू एक मांग आधारित योजना है और शहरों/कस्बों के लिए किफायती आवास परियोजनाओं के वितरण के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। लाभार्थियों का चयन, परियोजनाओं का निर्माण और क्रियान्वयन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किया जाता है। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यूएलबी पात्र लाभार्थियों के लिए परियोजनाएं तैयार करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि योजना को एकीकृत तरीके से लागू किया जाए। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र परियोजना प्रस्ताव तैयार करते हैं और राज्य स्तरीय मंजूरी और निगरानी समिति (एसएलएसएमसी) के अनुमोदन के बाद इन्हें केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) द्वारा स्वीकार्य केंद्रीय सहायता की मंजूरी के लिए मंत्रालय को प्रस्तुत किया जाता है।
योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार विभिन्न वर्टिकल के अंतर्गत केंद्रीय सहायता राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) को उनके द्वारा प्रस्तुत अनुपालन के आधार पर जारी की जाती है। इसके अलावा, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा लाभार्थी नेतृत्व निर्माण (बीएलसी)/साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी)/इन-सीटू स्लम पुनर्विकास (आईएसएसआर) वर्टिकल के अंतर्गत लाभार्थियों को सब्सिडी (केंद्रीय और राज्य घटकों सहित) का वितरण परियोजनाओं/घरों की भौतिक और वित्तीय प्रगति के आधार पर किया जाता है। इसके अलावा यह देखा गया है कि कार्यान्वयन एजेंसियों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में बाधा मुक्त भूमि की अनुपलब्धता, लाभार्थियों की अनिच्छा, वैधानिक मंजूरी/अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने में देरी आदि शामिल हैं। मंत्रालय निर्धारित समय सीमा के भीतर शेष घरों को पूरा करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित करता है। योजना की अवधि पहले 31.03.2022 तक थी, योजना के क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) वर्टिकल को छोड़कर, 31.12.2025 तक बढ़ा दिया गया है, ताकि फंडिंग पैटर्न और कार्यान्वयन पद्धति में बदलाव किए बिना सभी स्वीकृत घरों को पूरा किया जा सके।
इसके अलावा पीएमएवाई-यू के 9 वर्षों के कार्यान्वयन के अनुभवों से सीख लेकर आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने इस योजना को नया रूप दिया है और 01.09.2024 से देश भर के शहरी क्षेत्रों में कार्यान्वयन के लिए पीएमएवाई-यू 2.0 ‘सभी के लिए आवास’ मिशन शुरू किया है। इससे चार वर्टिकल यानी लाभार्थी के नेतृत्व में निर्माण (बीएलसी), साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी), किफायती किराये के आवास (एआरएच) और ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) के माध्यम से 1 करोड़ अतिरिक्त पात्र लाभार्थियों द्वारा किफायती लागत पर घर का निर्माण, खरीद और किराये पर लिया जा सके।
यह जानकारी आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2100517)
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