स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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एबी-पीएमजेएवाई के तहत स्वास्थ्य सेवा की पहुंच मजबूत करने के लिए उठाए गए कदम


निजी अस्पतालों के बेहतर सत्यापन और आवधिक समीक्षा के लिए एनएचए द्वारा अस्पताल सहभागिता मॉड्यूल का नया उन्नत संस्करण लॉन्च किया गया।

स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग करने में लाभार्थियों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तीन स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली बनाई गई।

Posted On: 04 FEB 2025 2:55PM by PIB Delhi

भारत सरकार ने आयुष्मान भारत -प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत अस्पतालों को सूचीबद्ध करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं, जिसके अनुसार सूचीबद्ध करते समय अस्पताल का भौतिक सत्यापन अनिवार्य है। सूचीबद्ध करने के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इनपेशेंट सेवाओं वाले सार्वजनिक अस्पतालों को सूचीबद्ध माना जाता है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने अस्पताल सहभागिता मॉड्यूल (एचईएम 2.0) का एक उन्नत संस्करण लॉन्च किया है, जो निजी अस्पतालों के लिए भौतिक सत्यापन को अनिवार्य बनाता है, जिसमें मूल तस्वीरें, अस्पताल के अक्षांश-देशांतर विवरण के साथ-साथ भौतिक सत्यापनकर्ता को भी प्रस्तुत करना शामिल है जो यह सुनिश्चित करता है कि दौरा हुआ है। इसके अलावा, एचईएम 2.0 ने एक ऐसी सुविधा भी शुरू की है जो अस्पताल की जानकारी को सटीक बनाए रखने के लिए समय-समय पर समीक्षा करने की अनुमति देती है।

पैनल में शामिल होने की शर्तों के अनुसार, अस्पतालों को एबी-पीएमजेएवाई के तहत पात्र लाभार्थियों को सेवाएँ प्रदान करना अनिवार्य है। यदि पैनल में शामिल अस्पताल द्वारा योजना के तहत सेवाएँ प्रदान नहीं की जाती हैं, तो लाभार्थी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। एबी-पीएमजेएवाई के तहत, स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग करने में लाभार्थियों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं को हल करने के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एक त्रि-स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली बनाई गई है। प्रत्येक स्तर पर, शिकायतों को दूर करने के लिए एक समर्पित नोडल अधिकारी और शिकायत निवारण समितियाँ हैं।

वेब आधारित पोर्टल, केन्द्रीयकृत शिकायत निवारण प्रबंधन प्रणाली (सीजीआरएमएस), केन्द्रीय एवं राज्य कॉल सेंटर (14,555), ईमेल, एसएचए को लाभार्थी, पत्र आदि सहित विभिन्न माध्यमों का उपयोग करके भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत की प्रकृति के आधार पर, शिकायतों के समाधान के लिए योजना के अंतर्गत उपचार प्राप्त करने में लाभार्थियों को सहायता प्रदान करने सहित आवश्यक कार्रवाई की जाती है।

इसके अलावा, उचित मामलों में, धोखाधड़ी करने वाली संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई (जैसे पैनल से हटाना, दोषी अस्पतालों पर जुर्माना लगाना, निलंबन, चेतावनी पत्र जारी करना, एफआईआर दर्ज करना) करने के प्रावधान राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरणों के पास उपलब्ध हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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एमजी/केसी/पीएस


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