वित्त मंत्रालय
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जमीनी स्तर पर कृषि ऋण वितरण 19.28 लाख करोड़ तक पहुंचा, संबद्ध गतिविधियों पर विशेष ध्यान
पिछले दशक में कृषि ऋण वितरण में 13% से अधिक की औसत वार्षिक वृद्धि दर देखी गई
Posted On:
31 JAN 2025 4:58PM by PIB Delhi
ग्रामीण क्षेत्र में कृषि ऋण को बढ़ावा देने के लिए और प्रभावी तथा बिना किसी झंझट के कृषि ऋण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, सरकार ने जमीनी स्तर पर कृषि ऋण (जीएलसी) के लिए वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किए हैं। पिछले दशक (2014-15 से 2023-24) के दौरान, कृषि ऋण वितरण में 13% से अधिक की औसत वार्षिक वृद्धि दर देखी गई है, जो इस क्षेत्र को दी जा रही बढ़ती वित्तीय सहायता को दर्शाती है। वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि ऋण वितरण 25.48 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत सरकार ने 27.5 लाख करोड़ रुपये का जीएलसी लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें डेयरी, पोल्ट्री, भेड़ बकरी सूअर पालन, मत्स्य पालन और पशुपालन-अन्य जैसे संबद्ध गतिविधियों के लिए 4.20 लाख करोड़ रुपये का समर्पित उप-लक्ष्य शामिल है। यह ग्राउंड लेवल ऋण (जीएलसी) लक्ष्य में तीन गुना से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है, जो वित्त वर्ष 2014-15 में ₹8 लाख करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में ₹27.5 लाख करोड़ हो गया है। यह कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के ऋण वितरण में हुई पर्याप्त प्रगति को रेखांकित करता है, तथा क्षेत्रीय मांगों को पूरा करने में लक्षित ऋण नीतियों की प्रभावशीलता पर प्रकाश डालता है। ₹27.50 लाख करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, 31.12.2024 तक ₹19.28 लाख करोड़ का कृषि ऋण वितरित किया जा चुका है, जो 70% उपलब्धि दर्ज करता है।
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