संस्कृति मंत्रालय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नेताजी के प्रति सच्ची 'कार्यांजलि' के रूप में राष्ट्र को 'विकसित भारत' के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के अवसर पर कटक के बाराबती किले में पराक्रम दिवस धूमधाम से मनाया गया
Posted On:
23 JAN 2025 9:38PM by PIB Delhi
ओडिशा के कटक में बाराबती किले में 23 जनवरी 2025 को पराक्रम दिवस 2025 का भव्य समारोह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के अवसर पर शुरू हुआ। उनके जन्मस्थान पर आयोजित इस कार्यक्रम में नेताजी के साथ ओडिशा के संबंध और नेताजी की प्रारंभिक संवेदनाओं को विकसित करने में राज्य के प्रभाव को भी याद किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो संदेश था, जिसमें उन्होंने नेताजी को श्रद्धांजलि देते हुए राष्ट्रवादी उद्देश्य के प्रति उनके अटूट समर्पण को उजागर किया। प्रधानमंत्री ने नेताजी की प्रेरक जीवनयात्रा को याद किया और ओडिशा के साथ नेताजी के शुरुआती जुड़ाव पर भी जोर दिया। नेताजी को याद करते हुए उन्होंने 'आजाद हिंद' के सपने के प्रति नेताजी के दृढ़ संकल्प को याद किया। उन्होंने विविधता में एकता के एक शाश्वत उदाहरण के रूप में आजाद हिंद फौज की प्रशंसा की और देश को 'विकसित भारत' के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्र से नेताजी की सच्ची 'कार्यांजलि' के रूप में 'विकसित भारत' के सपने को साकार करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।
स्मरणोत्सव के पहले दिन ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और नेताजी जन्मस्थान संग्रहालय में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह संग्रहालय उस घर में स्थित है जहां 1897 में नेताजी का जन्म हुआ था। संग्रहालय से मुख्यमंत्री बाराबती किले के लिए रवाना हुए जहां उन्होंने नेताजी के जीवन पर केंद्रित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर, ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी ने नेताजी की जीवन यात्रा, उनके अदम्य साहस और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने देशभक्ति और वीरता से पीढ़ियों को प्रेरित करके राष्ट्र के लिए नेताजी के अमूल्य योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से आईएनए के दिग्गज श्री आर माधवन पिल्लई को भी सम्मानित किया, जो इस वर्ष मार्च में 99 वर्ष के हो जाएंगे, लेकिन फिर भी अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई।
इस वर्ष पराक्रम दिवस समारोह में नेताजी को समर्पित एक 'पुस्तक, फोटो और अभिलेखीय प्रदर्शनी' शामिल है, जिसमें उनकी क्रांतिकारी यात्रा पर प्रकाश डालने वाली दुर्लभ तस्वीरें, किताबें और अभिलेखीय सामग्री प्रदर्शित की गई है। आगंतुकों के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस के उल्लेखनीय जीवन को प्रदर्शित करने वाला एक AR/VR डिस्प्ले भी लगाया गया है। इस अवसर पर एक शानदार रेत की मूर्ति सहित नेताजी की कई मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। इस कार्यक्रम में नेताजी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती एक साठ फीट लंबी पेंटिंग भी प्रदर्शित की गई है। इस अवसर पर नेताजी की विरासत का सम्मान करने और ओडिशा की जीवंत सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं। नेताजी की उल्लेखनीय यात्रा और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके अमूल्य योगदान की गहन समझ के लिए नेताजी के जीवन पर आधारित फिल्में भी दिखाई जाएंगी। जनता की उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया को देखते हुए, मूल रूप से तीन दिवसीय कार्यक्रम को एक दिन के लिए और बढ़ा दिया गया है और अब यह 26 जनवरी, 2025 तक जारी रहेगा। इसमें आगंतुकों के लिए प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नाट्य प्रदर्शन और नेताजी पर फिल्में प्रस्तुत की जाएंगी।
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