वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने चेन्नई में कहा कि शासन के 10 मूलभूत सिद्धांत अभूतपूर्व परिवर्तन के इस दशक के स्तंभ रहे हैं


ये सिद्धांत भारत के उल्लेखनीय उत्थान की रीढ़ हैं; उन्होंने 6 प्रमुख क्षेत्रों में भारत की प्रगति को गति दी है

Posted On: 14 JAN 2025 7:53PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों के दौरान शासन के 10 आधारभूत सिद्धांत अभूतपूर्व परिवर्तन के इस दशक के आधार रहे हैं। आधारभूत सिद्धांतों में निर्णायक नेतृत्व, मूल विश्लेषण, परिणामोन्मुखी कार्रवाई, कानून का शासन और पारदर्शिता, समयबद्ध निष्पादन, मुद्दों की प्राथमिकता, जवाबदेही और निगरानी, ​​प्रौद्योगिकी को अपनाना, नवीन वित्तपोषण और सभी हितधारकों के साथ भागीदारी शामिल हैं। मंत्री ने आज चेन्नई में तुगलक वार्षिक सम्मेलन में भाषण देते हुए ये बातें कही।

'भारत का उदय और उसके सामने आने वाली चुनौतियाँ' विषय पर मुख्य भाषण देते हुए, श्री पीयूष गोयल ने कहा, "देश में जो उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, वह एक संरचित और परिणाम-संचालित दृष्टिकोण का परिणाम है, जो स्पष्ट सिद्धांतों पर आधारित है और 5डी - लोकतंत्र, जनसांख्यिकीय लाभांश, विविधता, मांग और निर्भरता द्वारा संचालित है। मंत्री के अनुसार, 10 मूलभूत सिद्धांतों ने 6 प्रमुख क्षेत्रों में भारत के उत्थान को प्रेरित किया है- वैश्विक नेतृत्व; अर्थव्यवस्था, विनिर्माण और निवेश; नवाचार और उद्यमिता; बुनियादी ढांचा विकास; वैश्विक सॉफ्ट पावर और महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास।

उन्होंने कहा, "वैश्विक नेतृत्व में भारत का उदय विश्व मंच पर इसके बढ़ते प्रभाव, मूल्यों और कूटनीति का प्रमाण है। भारत की जी-20 अध्यक्षता का विषय "वसुधैव कुटुम्बकम" प्राचीन भारतीय दर्शन में निहित है, जो तिरुवल्लुवर के ज्ञान से गहराई से मेल खाता है। भारत मंडपम में 27 फुट ऊंची नटराज प्रतिमा तमिलनाडु की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है।" उन्होंने कहा कि वैश्विक सॉफ्ट पावर के रूप में भारत का उदय खेल, संस्कृति और नवाचार में उल्लेखनीय उपलब्धियों में परिलक्षित होता है। "तमिलनाडु, विशेष रूप से चेन्नई, जो भारत का सथुरंगा पावरहाउस है, ने हमें विश्वनाथन आनंद जैसे दिग्गज और गुकेश, प्रज्ञानंद और वैशाली जैसे उभरते सितारे दिए हैं।"

उन्होंने दोहराया कि केंद्र सरकार का ध्यान भोजन, कपड़ा, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, डिजिटल कनेक्टिविटी, घर में पाइप से पानी, रसोई गैस कनेक्शन और ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था तक सार्वभौमिक पहुंच पर है, जिससे सतत विकास लक्ष्यों की ओर तेजी से बदलाव सुनिश्चित होता है। सरकार की विभिन्न उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए श्री पीयूष गोयल ने आगे की चुनौतियों को भी स्वीकार किया। उन्होंने कहा, "जबकि हम समावेशी विकास का निर्माण कर रहे हैं, हमें एक ऐसी दुनिया की उभरती वास्तविकताओं का सामना करना होगा जो हमारी एकता, सुरक्षा और आकांक्षाओं का परीक्षण करती है। हमारी प्रगति को उन लोगों से विरोध का सामना करना पड़ रहा है जो हमारी कड़ी मेहनत से अर्जित उपलब्धियों को कमजोर करना चाहते हैं। फिर भी, वही लचीलापन जिसने भारत के उत्थान को संचालित किया है, हमें इन बाधाओं से पार पाने में मार्गदर्शन करेगा।"

श्री पीयूष गोयल ने अपने भाषण का समापन प्रधानमंत्री के 11वें संकल्प को याद करते हुए किया, जिसकी घोषणा भारतीय संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर की गई थी। संविधान की भावना से प्रेरित ये संकल्प, विकसित भारत की नींव रखते हैं।

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