वस्त्र मंत्रालय
वर्षांत समीक्षा 2024; वस्त्र मंत्रालय
उच्च गुणवत्ता वाले भारतीय कपास को एक विशिष्ट पहचान देने के लिए कस्तूरी कॉटन इंडिया के ब्रांड को ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत किया गया है।
वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय द्वारा “पहचान” पहल के तहत कुल 32.03 लाख कारीगरों को संगठित किया गया है, जिनमें से 9.56 लाख पुरुष कारीगर हैं और 20 लाख महिला कारीगर हैं।
सरकार ने 2027-28 तक सात वर्षों की अवधि के लिए 4445 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्लग एंड प्ले सुविधा सहित विश्व स्तरीय अवसंरचना के साथ ग्रीनफील्ड/ब्राउनफील्ड स्थलों में 7 (सात) पीएम मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान (पीएम मित्र) पार्क स्थापित करने की मंजूरी दी है।
माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 23 फरवरी, 2024 को वाराणसी में 19वें निफ्ट परिसर की आधारशिला रखी गई।
भारत टेक्स 2024 के सफल आयोजन के बाद, 11 वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषदों (टीईपीसी) के संघ ने इसी प्रारूप में दूसरा संस्करण यानि भारत टेक्स 2025, आयोजित करने का निर्णय लिया है, जो वैश्विक वस्त्र का वृहद् आयोजन होगा।
Posted On:
01 JAN 2025 4:35PM by PIB Delhi
भारतीय वस्त्र और परिधान उद्योग निर्यात को बढ़ावा देकर, रोजगार सृजन करके, महिलाओं को सशक्त बनाकर और भारत की समृद्ध विरासत और संस्कृति को प्रदर्शित करके; भारत की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह उद्योग देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 2%, औद्योगिक उत्पादन में 10% और भारत के कुल निर्यात में 8.21% का योगदान देता है। वैश्विक व्यापार के संदर्भ में, भारत वस्त्रों का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है, जिसकी विश्व वस्त्र निर्यात में 3.91% हिस्सेदारी है। घरेलू वस्त्र और परिधान उत्पादन लगभग 175.7 बिलियन डॉलर का है। इस क्षेत्र में निर्यात 35.87 बिलियन डॉलर (2023-24) का रहा।
वस्त्र क्षेत्र अत्यधिक श्रम गहन क्षेत्र है। कुल मिलाकर यह क्षेत्र 45 मिलियन से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और ग्रामीण आबादी शामिल हैं। यह इसे देश में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजनकर्ता बनाता है। यह क्षेत्र, सरकार के मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण युवा रोजगार और समावेशी विकास के समग्र उद्देश्यों के भी अनुरूप है।
कपास क्षेत्र:
कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान, बाजार की सुस्त स्थिति के कारण कपास की औसत कीमतें एमएसपी स्तर के आसपास बनी हुई हैं। कपास किसानों को समर्थन देने के लिए, भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने अक्टूबर 2024 से एमएसपी खरीद अभियान शुरू किया है और 22.12.2024 तक एमएसपी संचालन के तहत 16,215 करोड़ रुपये मूल्य के लगभग 42.11 लाख गांठों की खरीद की है। कपास के तहत कुल उत्पादन विश्व स्तर पर पहले स्थान पर है। सीसीआई ने कपास किसानों को बहुत सहायता की है और एमएसपी संचालन के तहत उपरोक्त खरीद से सभी कपास उत्पादक राज्यों के लगभग 7.75 लाख कपास किसानों को लाभ हुआ है। सीसीआई ने कपास और कपड़ा क्षेत्र के लाभ के लिए निम्नलिखित पहल की हैं:
1. ऑन स्पॉट आधार प्रमाणीकरण (ओटीपी/बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से) आधारित किसान पंजीकरण अनिवार्य किया गया।
2. कपास सीजन 2024-25 से किसानों को भुगतान के लिए एसएमएस सेवा शुरू की गई। एक बार बिल तैयार हो जाने और भुगतान की पुष्टि हो जाने पर, किसान अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर सूचना प्राप्त करते हैं।
3. राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह (एनएसीएच) के माध्यम से कपास किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में सीधे 100% भुगतान, ताकि एमएसपी का लाभ वास्तविक कपास किसानों को मिलना सुनिश्चित किया जा सके।
कपास की ब्रांडिंग: कस्तूरी कॉटन इंडिया
उच्च गुणवत्ता वाले भारतीय कपास को एक विशिष्ट पहचान देने के लिए, कस्तूरी कॉटन इंडिया ब्रांड को ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत किया गया है। इसके अलावा, कस्तूरी कॉटन की खोज जिम्मेदार आपूर्ति को बढ़ावा देगी और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडों को भारतीय कपास की आपूर्ति श्रृंखला दृश्यता प्रदान करेगी। ईएलएस कॉटन के लिए एक अलग एचएसएन कोड भी पेश किया गया है।
वस्त्र मंत्रालय का कस्तूरी कॉटन भारत कार्यक्रम भारतीय कपास की खोज, प्रमाणन और ब्रांडिंग में एक अग्रणी प्रयास है। भारत सरकार, व्यापार निकायों और उद्योग के बीच सहयोग से इस पहल को 30 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन के साथ औपचारिक रूप दिया गया, जिसमें भारत सरकार, वस्त्र मंत्रालय की ओर से सीसीआई और टेक्सप्रोसिल के बीच 15.12.2022 को हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से व्यापार और उद्योग निकायों से 15 करोड़ रुपये शामिल हैं।
ऊन क्षेत्र:
ऊनी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए, वस्त्र मंत्रालय ने 15वें वित्त आयोग की अवधि यानी वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक कार्यान्वयन के लिए एक नया एकीकृत कार्यक्रम, यानी एकीकृत ऊन विकास कार्यक्रम, (आईडब्ल्यूडीपी) तैयार किया है, जिसके लिए 15 जून 2021 को आयोजित एसएफसी बैठक के अनुमोदन के माध्यम से कुल 126 करोड़ रुपये का वित्तीय आवंटन किया गया है। वस्त्र मंत्रालय की आईडब्ल्यूडीपी योजना ऊन क्षेत्र के विकास के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इसके अलावा, वस्त्र मंत्रालय ने आईडब्ल्यूडीपी के दिशा-निर्देशों का अनुमोदन किया है और सभी प्रमुख ऊन उत्पादक राज्यों में इस योजना के कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है।
रेशम क्षेत्र:
कच्चे रेशम का वार्षिक उत्पादन 2013-14 के 26,480 मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 के दौरान 38,913 मीट्रिक टन हो गया है। पूर्वोत्तर राज्यों में कच्चे रेशम का उत्पादन 2013-14 के 4,601 मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 7,670 मीट्रिक टन हो गया है। 3ए-4ए ग्रेड आयात विकल्प बिवोल्टाइन कच्चे रेशम का उत्पादन 2,559 मीट्रिक टन (2013-14) से बढ़कर 9,675 मीट्रिक टन (2023-24) हो गया है। रेशम के तहत कुल उत्पादन विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर है। एआरएम के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय ग्रेड गुणवत्ता वाले रेशम का उत्पादन 25% से बढ़कर 35% हो गया है। प्रति हेक्टेयर कच्चे रेशम का उत्पादन 2013-14 के दौरान 95.93 किलोग्राम की तुलना में 2023-24 के दौरान बढ़कर 110 किलोग्राम हो गया है। अनुमानित रोजगार सृजन 2013-14 के दौरान 78.50 लाख व्यक्तियों से बढ़कर 2023-24 के दौरान 94.80 लाख व्यक्तियों तक पहुंच जाएगा।
हथकरघा क्षेत्र:
हथकरघा जनगणना 2019-20 के अनुसार, देश भर में 35.22 लाख हथकरघा श्रमिक हैं, जिनमें से 72% से अधिक महिलाएँ हैं। लघु क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एससीडीपी) के अंतर्गत, 51 क्लस्टरों के 12001 लाभार्थियों के लिए 46.44 करोड़ रुपये की सहायता जारी की गई। 133 विपणन आयोजनों के लिए 17.55 करोड़ रुपये की सहायता जारी की गई। मुद्रा योजना के अंतर्गत 4818 लाभार्थियों को ऋण प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत 34,240 लाभार्थियों को नामांकित किया गया। कच्चे माल की आपूर्ति योजना के अंतर्गत परिवहन सब्सिडी और मूल्य सब्सिडी के अंतर्गत कुल 203.778 लाख किलोग्राम यार्न की आपूर्ति की गई। 22.04.2023 को लगभग 1000 उत्पादों और 556 विक्रेताओं के साथ ई-कॉमर्स पोर्टल अर्थात indiahandmade.com का सॉफ्ट लॉन्च किया गया। 05.12.2024 तक, उत्पादों और विक्रेताओं की संख्या क्रमशः 9,453 और 1,722 हो गयी है।
हस्तशिल्प क्षेत्र
विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) का कार्यालय, 6 क्षेत्रीय कार्यालयों के तहत 67 हस्तशिल्प सेवा केंद्रों (एचएससी) के माध्यम से हस्तशिल्प क्षेत्र के संवर्धन और विकास के लिए निम्नलिखित दो योजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है।
1. राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) - वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक की अवधि के लिए 837 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत।
2. व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजना (सीएचसीडीएस) - वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक की अवधि के लिए 142.50 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत।
· हस्तशिल्प क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों में शिल्पकारों के एक बड़े वर्ग को रोजगार प्रदान करता है।
· वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय द्वारा “पहचान” पहल के तहत कुल 32.03 लाख कारीगरों को संगठित किया गया है, जिनमें से 9.56 लाख पुरुष कारीगर और 20 लाख महिला कारीगर हैं।
· वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, एनएचडीपी योजना के तहत 2325 कार्यक्रमों को मंजूरी दी गई है, जिसमें 786 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय विपणन कार्यक्रम, 674 कौशल कार्यक्रम और अन्य कार्यक्रम हस्तक्षेप शामिल हैं। इनसे 66775 कारीगर लाभान्वित हुए हैं।
पीएम मित्र:
· सरकार ने 2027-28 तक सात वर्षों की अवधि के लिए 4445 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्लग एंड प्ले सुविधा सहित विश्व स्तरीय अवसंरचना के साथ ग्रीनफील्ड/ब्राउनफील्ड स्थलों पर 7 (सात) पीएम मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान (पीएम मित्र) पार्क स्थापित करने की मंजूरी दी है। सरकार ने पीएम मित्र पार्क स्थापित करने के लिए 7 स्थलों का चयन किया है। तमिलनाडु (विरुद्धनगर), तेलंगाना (वारंगल), गुजरात (नवसारी), कर्नाटक (कलबुर्गी), मध्य प्रदेश (धार), उत्तर प्रदेश (लखनऊ) और महाराष्ट्र (अमरावती)।
· अब तक 18,500 करोड़ रुपये से अधिक की अपेक्षित निवेश क्षमता वाले निवेश समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। 100% भूमि अधिग्रहित की गई और एसपीवी को सौंप दी गई। सरकार द्वारा स्थलों की मंजूरी के बाद, चयनित राज्यों/एसपीवी ने पार्क के गेट तक पानी, बिजली और सड़क जैसी अवसंरचना सुविधाएं प्रदान करने के लिए गतिविधियाँ शुरू कर दी हैं। गुजरात, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में पीएम मित्र स्थलों के लिए पर्यावरण मंजूरी उपलब्ध है। माननीय प्रधानमंत्री ने सितंबर 2024 में पीएम मित्र पार्क, अमरावती, महाराष्ट्र की आधारशिला रखी थी।
निफ्ट:
माननीय प्रधानमंत्री ने 23 फरवरी, 2024 को वाराणसी में 19वें निफ्ट परिसर की आधारशिला रखी। निफ्ट, वाराणसी परिसर ने शुरू में तीन यूजी कार्यक्रमों के साथ 29 जुलाई 2024 से काम करना शुरू कर दिया है और यह फैशन इंटीरियर में यूजी कोर्स की पेशकश करने वाला पहला निफ्ट परिसर है। माननीय वस्त्र मंत्री ने 5 सितंबर, 2024 को भारत के पहले रुझान अंतर्दृष्टि और पूर्वानुमान लैब विजनजेनेक्स्ट का शुभारंभ किया।
राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम):
· देश में तकनीकी वस्त्रों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, 1480 करोड़ रुपये के निधि परिव्यय के साथ 2020-21 से 2025-26 की अवधि के लिए राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) शुरू किया गया था। एनटीटीएम के प्रमुख स्तंभों में 'अनुसंधान, नवाचार और विकास', 'संवर्धन और बाजार विकास', 'शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल' तथा 'निर्यात संवर्धन' शामिल हैं। मिशन का विशेष ध्यान रणनीतिक क्षेत्रों सहित देश के प्रमुख मिशनों, कार्यक्रमों में तकनीकी वस्त्रों के उपयोग को विकसित करना है। अब तक की उपलब्धि यह है कि विशेष फाइबर और तकनीकी वस्त्रों की श्रेणी में 509 करोड़ रुपये (लगभग) मूल्य की 168 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
· घरेलू खपत के साथ-साथ आयात के लिए गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु मंत्रालय ने विभिन्न खंडों में 68 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) जारी किए हैं, जिनमें 20 जियो-टेक, सुरक्षात्मक वस्त्र के 12 मद, कृषि वस्त्र के 20 मद, चिकित्सा वस्त्र के 6 मद, रस्सियाँ और डोरियाँ के अंतर्गत 09 मद और इंडुटेक वस्त्र के अंतर्गत 01 मद शामिल हैं। तकनीकी वस्त्रों के लिए अब तक 600 से अधिक बीआईएस मानक विकसित किए गए हैं, जिनमें एनटीटीएम की स्थापना के बाद से तकनीकी वस्त्रों के लिए 200 से अधिक मानक शामिल हैं।
· सिंथेटिक और रेयान वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद (एसआरटीईपीसी) [अब मैटेक्सिल] को तकनीकी वस्त्रों के संवर्धन के लिए निर्यात संवर्धन परिषद की भूमिका सौंपी गई है।
· तकनीकी वस्त्रों में शैक्षणिक संस्थानों को सक्षम बनाने के लिए सामान्य दिशानिर्देश- निजी और सार्वजनिक संस्थानों के लिए - संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से एनटीटीएम के तहत जारी किए गए हैं। तकनीकी वस्त्रों में इको-सिस्टम विकसित करने की दिशा में प्रयोगशाला सुविधाओं के उन्नयन और संकाय के प्रशिक्षण के लिए उक्त दिशानिर्देशों के तहत 191 करोड़ रुपये के 38 ऐसे प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। तकनीकी वस्त्रों में इंटर्नशिप सहायता के लिए अनुदान हेतु सामान्य दिशा-निर्देशों (जीआईएसटी) के अंतर्गत, पैनलबद्ध कंपनियों के माध्यम से स्नातक और परास्नातक छात्रों को प्रशिक्षु के रूप में प्रति छात्र प्रति माह 20,000 रुपये तक का प्रोत्साहन दिया जाता है। इंटर्नशिप प्रदान करने के लिए 16 कंपनियों/टीआरए को पैनल में शामिल किया गया है।
वस्त्र व्यापार संवर्धन (टीटीपी):
राज्य और केंद्रीय करों और शुल्कों में छूट (आरओएससीटीएल): 7 मार्च 2019 को, सरकार ने परिधान/वस्त्र और मेड-अप क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए इनके निर्यात पर सभी अंतर्निहित राज्य और केंद्रीय करों/शुल्कों में छूट के लिए राज्य और केंद्रीय करों और शुल्कों में छूट (आरओएससीटीएल) योजना को मंजूरी दी है। इसके अलावा, वस्त्र उत्पादों को लागत प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31 मार्च 2026 तक परिधान/वस्त्र (अध्याय-61 और 62) और मेड-अप (अध्याय-63) के निर्यात पर आरओएससीटीएल को जारी रखने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। इसके अलावा, आरओएससीटीएल के तहत कवर नहीं किए गए वस्त्र उत्पादों को अन्य उत्पादों के साथ निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट (आरओडीटीईपी) के तहत कवर किया गया है।
समर्थ:
· सरकार ने वस्त्र क्षेत्र में कार्यबल के कौशल को बढ़ाने तथा सतत आजीविका के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से एक व्यापक कौशल नीति रूपरेखा के तहत समर्थ योजना तैयार की है। 30.09.2024 को आयोजित अपनी बैठक में एसएफसी की सिफारिशों और माननीय वस्त्र मंत्री द्वारा इसके अनुमोदन के साथ, इस योजना को 3 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षित करने के लिए 495 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2025-26 की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है। ।
· इस योजना का उद्देश्य संगठित वस्त्र क्षेत्र और संबंधित क्षेत्रों में रोजगार सृजन में उद्योग के प्रयासों को प्रोत्साहित करने और पूरक बनाने के लिए मांग संचालित और नौकरी उन्मुख राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा (एनएसक्यूएफ) के अनुरूप कौशल कार्यक्रम प्रदान करना है, जिसमें कताई और बुनाई को छोड़कर वस्त्रों की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला शामिल है और इसके अलावा यह पारंपरिक कपड़ा क्षेत्रों में कौशल और कौशल उन्नयन भी प्रदान करता है।
· इस योजना के तहत कार्यान्वयन भागीदारों (आईपी) के माध्यम से कौशल कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जाता है, जिसमें वस्त्र उद्योग/उद्योग संघ, राज्य सरकार की एजेंसियां और वस्त्र मंत्रालय के क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं। इस योजना के तहत 191 कार्यान्वयन भागीदार प्रवेश स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रम और कौशल उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम में कार्यरत हैं। 30.12.2024 तक, समर्थ के तहत 3.54 लाख से अधिक लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 2.79 लाख लाभार्थियों को नौकरियां मिली हैं।
भारतटेक्स
वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषदों के संघ द्वारा 26 से 29 फरवरी, 2024 के दौरान पहली बार एक वैश्विक वस्त्र एक्सपो, भारतटेक्स 2024 का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। भारतीय वैश्विक कार्यक्रम ने दुनिया के सामने भारतीय वस्त्र क्षेत्र की ताकत को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया तथा वस्त्र और फैशन उद्योग में नवीनतम प्रगति, नवाचारों और रुझानों पर प्रकाश डाला। इसने नेटवर्किंग के अवसरों तथा भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक घरानों के साथ-साथ टेक्सटाइल मूल्य श्रृंखला के विभिन्न क्षेत्रों की भारतीय कंपनियों के बीच मूल्यवान व्यावसायिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मंच तैयार किया। भारत टेक्स 2024 के सफल आयोजन के बाद, 11 वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषदों (टीईपीसी) के एक संघ द्वारा इसी प्रारूप में एक वैश्विक वस्त्र वृहद् कार्यक्रम यानि भारत टेक्स 2025 आयोजित करने का निर्णय लिया गया है और वस्त्र मंत्रालय इसे समर्थन दे रहा है, जो 14 से 17 फरवरी, 2025 तक आईटीपीओ (भारत मंडपम), प्रगति मैदान और इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में 12-15 फरवरी, 2025 तक आयोजित किया जाएगा। भारत टेक्स को वस्त्र क्षेत्र के लिए एक मेगा आयोजन के रूप में बढ़ावा देने और इसे अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों के कैलेंडर में स्थापित करने की योजना है।
2024 में सरकार के गठन के पहले 100 दिनों की अवधि की प्रमुख पहलों में शामिल हैं:
हथकरघा और हस्तशिल्प: 100 क्लस्टरों में 3,627 कारीगरों और बुनकरों के कौशल विकास के लिए बुनकर और कारीगर उत्थान कार्यक्रम का शुभारंभ; 10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उत्सव; उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में कारीगरों के लिए शिल्प पर्यटन गाँव और सामान्य सुविधा केंद्र जैसी विकास परियोजनाएँ।
रेशम क्षेत्र: गुजरात में एरी सिल्क परियोजना का शुभारंभ और केंद्रीय रेशम बोर्ड का प्लेटिनम जयंती समारोह, जिसमें रेशम के कीड़ों का पालन और रेशम उत्पादन में हुई प्रगति को दर्शाया जाएगा।
जूट क्षेत्र: श्रमिकों और किसानों को लाभ पहुँचाने के लिए जूट बोरियों के लिए एक नई मूल्य निर्धारण पद्धति, आधुनिकीकरण और पर्यावरणीय स्थायित्व को बढ़ावा देना।
तकनीकी वस्त्र: तकनीकी वस्त्रों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, एनटीटीएम के तहत 11 स्टार्टअप का शुभारंभ और भारत की पहली एआई -आधारित फैशन रुझान पूर्वानुमान प्रणाली विज़ननेक्स्ट की शुरूआत।
अवसंरचना विकास: महाराष्ट्र में पीएम मित्र पार्क की आधारशिला रखी गयी, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक वस्त्र केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
वृहद् आयोजन: अंतर्राष्ट्रीय निवेश और खरीदारों को आकर्षित करने के लिए एक वैश्विक वस्त्र कार्यक्रम, भारत टेक्स 2025, का पूर्वावलोकन।
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एमजी/ केसी / जेके
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