श्रम और रोजगार मंत्रालय
वर्षांत समीक्षा 2024 - श्रम एवं रोजगार मंत्रालय
असंगठित श्रमिकों के लिए 12 कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच के साथ "वन स्टॉप सॉल्यूशन" के रूप में ई-श्रम का शुभारंभ किया गया; ई-श्रम पर पंजीकरण 30 करोड़ के पार प्रधानमंत्री ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत 3,921 करोड़ रुपये की 28 प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित किया ईएसआईसी ने 10 नए ईएसआईसी चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी एनसीएस पोर्टल ने शुरुआत से अब तक 3.89 करोड़ रिक्तियां जुटाईं; यह 30 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के रोजगार पोर्टलों और कई निजी नौकरी पोर्टलों से एकीकृत है केंद्रीकृत डेटा प्रबंधन प्रणाली के लिए भवन और निर्माण श्रमिकों के एमआईएस पोर्टल की शुरूआत की गई ईपीएफओ ने निकासी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बड़े बदलाव किए, जिसमें सीपीपीएस और ऑटो दावा निपटान की सीमा में बढ़ोतरी शामिल है श्रम संहिताओं के दायरे में नियमों को बनाने में आसानी हो, इसके लिए राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ 6 क्षेत्रीय बैठकें की गईं मंत्रालय गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज हेतु फ्रेमवर्क विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है आईएलओ की विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट 2024-26 में सामाजिक सुरक्षा कवरेज को दोगुना करने में भारत की सफलता पर प्रकाश डाला गया रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने, औपचारिकीकरण को बढ़ावा देने और रोजगार में सुधार के लिए केंद्रीय बजट 2024-25 में ईएलआई योजना की घोषणा की गई
Posted On:
28 DEC 2024 3:06PM by PIB Delhi
ई-श्रम
- इस वर्ष ई-श्रम पर पंजीकरण 30 करोड़ को पार कर गया, जो असंगठित श्रमिकों के बीच इसके तेजी से और व्यापक रूप से अपनाए जाने को दर्शाता है । यह उपलब्धि सामाजिक प्रभाव और देश भर में असंगठित श्रमिकों को समर्थन देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।
- श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित श्रमिकों के लिए विभिन्न सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं तक पहुंच बनाने हेतु 21 अक्टूबर 2024 को ई-श्रम का " वन-स्टॉप-सॉल्यूशन " के रूप में शुभारंभ किया, क्योंकि वे सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंचने के लिए ई-श्रम पर पंजीकरण करते हैं और अब तक अपने द्वारा प्राप्त लाभों को देखते हैं।
- अब तक, बारह (12) सामाजिक सुरक्षा/कल्याण योजनाओं को ईश्रम के साथ एकीकृत/मैप किया गया है, जिनमें शामिल हैं: - एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांगता पेंशन योजना (आईजीएनडीपीएस), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (आईजीएनडब्ल्यूपीएस), राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (एनएफबीएस), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई), प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी (पीएमएवाई-यू) और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई)। यह एक सतत प्रक्रिया है, जहां अन्य योजनाओं को भी चरणबद्ध तरीके से ई-श्रम के साथ एकीकृत किया जाएगा। यह मंच एजेंसियों को श्रमिकों की पात्रता सत्यापित करने, योजना की संतृप्ति सुनिश्चित करने तथा राज्य और जिला स्तर पर संभावित लाभार्थियों को लक्षित करने के लिए ई-श्रम डेटा का उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
- राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ई-श्रम डेटा साझा करने के लिए डेटा साझा करने संबंधी दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं और उन्हें साझा किया गया है। तदनुसार, ई-श्रम सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को ई-श्रम पंजीयकों का विवरण साझा करके श्रमिकों तक कल्याणकारी योजनाओं का लक्षित वितरण और संतृप्ति के काम को आसान बना रहा है।
- एग्रीगेटर्स के माध्यम से ई-श्रम पर पंजीकृत प्लेटफॉर्म वर्कर्स के सत्यापन को आसान बनाने के लिए ई-श्रम पर एक प्लेटफॉर्म वर्कर्स मॉड्यूल विकसित किया गया है। सभी प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स को एक एडवाइजरी भी जारी की गई, जिसमें उन्हें ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने और उनके साथ जुड़े प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी पंजीकृत करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस)
- एनसीएस निजी और सरकारी क्षेत्रों की नौकरियों, ऑनलाइन और ऑफलाइन नौकरी मेलों, कौशल/प्रशिक्षण कार्यक्रमों आदि की जानकारी सहित सभी कैरियर संबंधी सेवाओं के लिए एक ' वन स्टॉप प्लेटफॉर्म' बन गया है।
- एक जनवरी 2024 से 15 दिसंबर 2024 तक एनसीएस पोर्टल पर 1,89,33,219 रिक्तियां जुटाई गईं, जिससे शुरुआत से अब तक जुटाई गई कुल रिक्तियां 3.89 करोड़ हो गईं। इस साल सक्रिय रिक्तियों की संख्या एक दिन में 20 लाख के शिखर को पार कर गई, किसी भी समय एनसीएस पोर्टल पर औसतन 15 लाख नौकरियों के अवसर उपलब्ध हैं।
- विदेश मंत्रालय के पंजीकृत एजेंटों द्वारा एनसीएस पोर्टल पर कुल 11,451 विदेशी रिक्तियों की जानकारी पोस्ट की गई।
- एनसीएस पोर्टल पर 8,263 जॉब फेयर आयोजित किए गए, जिनमें 43,874 नियोक्ताओं ने भाग लिया और वर्ष के दौरान 2,69,616 उम्मीदवारों को नौकरियों के लिए अनंतिम रूप से चुना गया। हितधारक पंजीकरण के संबंध में, 17,23,741 नए नियोक्ता और 1,38,45,887 नए नौकरी चाहने वाले एनसीएस पोर्टल पर पंजीकृत किए गए।
- एनसीएस पोर्टल ने अपने एकीकरण और सहयोग प्रयासों को काफी हद तक बढ़ाया है। अब यह 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के रोजगार पोर्टलों और कई निजी नौकरी पोर्टलों के साथ एकीकृत है, जिससे इसका डेटाबेस समृद्ध हो रहा है और नौकरी के अवसरों तक पहुंच व्यापक हो रही है।
- युवाओं, संस्थाओं और संगठनों के लिए उपयोगकर्ता अनुकूल अनुभव प्रदान करने के लिए एनसीएस को माईभारत प्लेटफ़ॉर्म के साथ एकीकृत किया गया है। माईभारत के माध्यम से, एनसीएस आयोजन कर सकता है और पंजीकृत स्वयंसेवक इनमें भाग ले सकते हैं। मॉडल करियर सेंटर (एमसीसी) भी जुड़े हुए हैं, जो युवा पेशेवरों को नौकरी मेलों और आउटरीच कार्यक्रमों के लिए स्वयंसेवकों के साथ जुड़ने में सक्षम बनाते हैं।
- विभिन्न राज्यों में स्थापित राष्ट्रीय दिव्यांगजन कैरियर सेवा केन्द्रों (एनसीएससी) ने 15,781 व्यक्तियों के पुनर्वास में सहायता की ।
- विभिन्न राज्यों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए बने राष्ट्रीय कैरियर सेवा केंद्रों (एनसीएससी फॉर एससी/एसटी) ने 2,41,091 उम्मीदवारों को कैरियर परामर्श और मार्गदर्शन सेवा/प्लेसमेंट सेवा/विशेष कोचिंग/कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किया ।
श्रम कल्याण महानिदेशालय (डीजीएलडब्ल्यू)
- राज्यों के भवन एवं निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्डों से प्राप्त आंकड़ों के संकलन और विश्लेषण के लिए केंद्रीकृत डेटा प्रबंधन प्रणाली के रूप में 21 अगस्त, 2024 को भवन एवं निर्माण श्रमिक एमआईएस पोर्टल का शुभारंभ किया गया था।
- राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे बीएसी श्रमिकों का डेटा ई-श्रम के साथ साझा करें और 2-तरफ़ा एपीआई एकीकरण प्रक्रिया का पालन करें। एक कदम आगे बढ़ते हुए, 10 राज्यों अर्थात् आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ने एकीकरण प्रक्रिया पूरी कर ली है ।
- राज्य बीएसी कल्याण बोर्डों को पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई के तहत बीएसी श्रमिकों को कवर करने की सलाह दी गई है । कुल 12 राज्यों ने आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के विस्तार के लिए एनएचए के तहत राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की सूचना दी है।
श्रम संहिताओं का कार्यान्वयन
- श्रम एवं रोजगार मंत्रालय राज्यों में चारों संहिताओं के तहत नियमों के सामंजस्य के लिए लगातार काम कर रहा है।
- वर्ष के दौरान, श्रम संहिताओं के दायरे में नियमों को तैयार करने में आसानी हो, इसके लिए अगस्त और अक्टूबर, 2024 के बीच 6 क्षेत्रीय बैठकें आयोजित की गईं ।
- इस अवधि के दौरान, नागालैंड ने सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य स्थिति संहिता के अंतर्गत मसौदा नियमों को पूर्व-प्रकाशित किया।
- सिक्किम ने व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य स्थिति संहिता के अंतर्गत मसौदा नियम पूर्व-प्रकाशित किए।
- अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह ने औद्योगिक संबंध संहिता के अंतर्गत मसौदा नियम पूर्व-प्रकाशित कर दिए।
- सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 31 मार्च 2025 तक मसौदा नियमों का सामंजस्य और पूर्व-प्रकाशन पूरा करने की अपेक्षा की जाती है ।
- श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने श्रम कानूनों में चार सुधारों की पहचान की है, जैसे एकल पंजीकरण, एकल रिटर्न, 5 वर्ष की वैधता के साथ फर्म-आधारित सामान्य लाइसेंस। इसके अलावा, मंत्रालय निरीक्षक की भूमिका को निरीक्षक-सह-फसिलिटेटर में बदलने के लिए भी आगे बढ़ रहा है। उपरोक्त कदम अनुपालन बोझ को कम करके ईओडीबी के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम मामले
● ILO की विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट 2024-26 से पता चलता है कि भारत ने अपने सामाजिक सुरक्षा कवरेज अनुमान को दोगुना कर दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली दुनिया की सबसे बड़ी कानूनी रूप से बाध्यकारी सामाजिक सहायता योजनाओं में से एक है, जो लगभग 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करती है।
● भारत और जर्मनी ने रोजगार और श्रम के क्षेत्र में संयुक्त आशय घोषणा पर हस्ताक्षर किए, ताकि संबंधित मंत्रालयों के बीच आपसी हित के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग और आदान-प्रदान को बढ़ाया जा सके।
● जी-20 के तत्वावधान में, भारत वैश्विक कौशल गैप्स मैपिंग पर आईएलओ और ओईसीडी के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है, जिसमें कौशल और योग्यता के आधार पर व्यवसायों के अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ वर्गीकरण पर व्यवहार्यता अध्ययन शामिल है। यह पहल अंतर्राष्ट्रीय गतिशीलता को बढ़ावा देगी।
● श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा संयुक्त राष्ट्र भारत, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सहयोग से 6 दिसंबर 2024 को “युवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में रोजगार के अवसर” विषय पर एक वेबिनार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में दिल्ली/एनसीआर के 42 शीर्ष संस्थानों से कानून, व्यवसाय, प्रबंधन और संबंधित क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले 1100 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
- श्रम एवं रोजगार मंत्रालय तथा ईएसआईसी, अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (आईएसएसए) के सहयोग से 20-21 जनवरी, 2025 को “अनौपचारिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए औपचारिकीकरण और सामाजिक सुरक्षा कवरेज: चुनौतियां और नवाचार ” विषय पर एक तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन कर रहे हैं। यह संगोष्ठी अनौपचारिक श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के क्षेत्र में बेहतर रणनीतियों और बढ़ी हुई क्षमताओं के विकास में योगदान देगी। एशिया प्रशांत क्षेत्र के 32 देशों के 40 से अधिक सामाजिक सुरक्षा संगठन इस संगोष्ठी में भाग लेंगे। इस कार्यक्रम में आईएलओ, विश्व बैंक, एडीबी, यूएन इंडिया आदि जैसे विभिन्न बहुपक्षीय संगठन और उद्योग विशेषज्ञ तथा राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे ।
- श्रम एवं रोजगार मंत्रालय सामाजिक न्याय के लिए वैश्विक गठबंधन के तत्वावधान में फरवरी 2025 के महीने में " समावेशी और स्थाई समाजों के लिए जिम्मेदार व्यवसाय " पर एक क्षेत्रीय कार्यक्रम आयोजित करेगा। भारत सामाजिक न्याय के लिए वैश्विक गठबंधन के समन्वय समूह का एक सदस्य है, जो सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए ग्लोबल एक्टर्स के बीच नीतिगत सामंजस्य स्थापित करने के लिए आईएलओ के नेतृत्व वाली एक पहल है।
- मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से यूरोपीय संघ और उसके अंतर्गत आने वाले देशों जैसे नए गंतव्य देशों में कुशल गतिशीलता को बढ़ावा देने के प्रयासों को तेज किया है। इस दिशा में, यूरोपीय संघ, यूनाइटेड किंगडम और इटली के साथ बनाए गए संयुक्त तंत्र के तहत विचार-विमर्श किया गया। ये चर्चाएं वीज़ा आवश्यकताओं, प्रक्रियाओं और समय सीमाओं को सुव्यवस्थित और आसान बनाने, रोजगार पोर्टलों के लिंकेज के माध्यम से नौकरी रिक्तियों को साझा करने, योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता, प्रस्थान-पूर्व प्रशिक्षण और अभिविन्यास को मजबूत करने, आजीवन सीखने और कौशल हासिल करने तथा लाभकारी रिटर्न और पुनः एकीकरण पर केंद्रित थीं ।
- मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, ब्रिक्स और जी-20 जैसे प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रतिनिधित्व किया । आईएलओ के गवर्नेंस के लोकतंत्रीकरण, जीविका मजदूरी, नवीनीकृत सामाजिक अनुबंध, सभ्य कार्य और केयर अर्थव्यवस्था, फ्यूचर ऑफ वर्क और एआई, गिग और प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के लिए मानक निर्धारण, हरित संक्रमण, कौशल और आजीवन सीखने सहित महत्वपूर्ण श्रम और रोजगार मुद्दों पर हस्तक्षेप किया गया।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ)
- ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने जनवरी 2025 से ईपीएस पेंशनभोगियों को भारत में कहीं भी और किसी भी बैंक, किसी भी शाखा से पेंशन प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए एक केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मौजूदा पेंशन संवितरण प्रणाली में इस बदलाव से 77 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। सीपीपीएस के दो पायलट सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं।
- सीबीटी ने ईपीएफ योजना, 1952 के पैराग्राफ 60(2)(बी) में एक महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी, जिससे पूर्ववर्ती माह के अंत तक ब्याज भुगतान के मौजूदा प्रावधान के स्थान पर निपटान की तिथि तक ब्याज भुगतान की अनुमति मिल गई।
- सीबीटी ने ईपीएफओ एमनेस्टी स्कीम 2024 की सिफारिश की है, जिसे नियोक्ताओं को दंड या कानूनी नतीजों का सामना किए बिना स्वेच्छा से पिछले गैर-अनुपालन या अंडर कम्पलायंस का खुलासा करने और सुधारने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
- ईपीएफ अंशदान के केंद्रीकृत संग्रह के लिए बैंकों को सूचीबद्ध करने के मानदंड को सरल बनाया गया है। इसमें अब आरबीआई के साथ सूचीबद्ध सभी एजेंसी बैंक शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, सीबीटी ने अन्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को भी सूचीबद्ध करने को मंजूरी दी है, जो आरबीआई एजेंसी बैंक नहीं हैं, लेकिन कुल ईपीएफओ संग्रह का न्यूनतम 0.2 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं। इस मानदंड को पहले के 0.5 प्रतिशत वाले मानदंड से आसान कर दिया गया है। इस पहल से दोनों में- व्यापार करने में सुगमता और सेवा प्रदान करने में- आसानी होगी।
- ईपीएफओ ने आंशिक निकासी के ऑटो क्लेम सेटलमेंट की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दी है। बीमारी के अलावा, आवास, शिक्षा और विवाह के लिए भी इस सुविधा बढ़ा दिया गया है। इससे 7.5 करोड़ (लगभग) ईपीएफ सदस्यों को कम से कम समय में अपनी धनराशि प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
- ईपीएफओ ने ईपीएफओ दावों के लिए कुछ पात्र मामलों के लिए चेक लीफ/ सत्यापित बैंक पासबुक की छवि अपलोड करने की अनिवार्य आवश्यकता में ढील दी है, ताकि ऑनलाइन दायर दावों का तेजी से निपटान सुनिश्चित किया जा सके और इस प्रकार जीवन को आसान बनाया जा सके। इस छूट से, चेक लीफ/ सत्यापित बैंक पासबुक की छवि अपलोड न करने के कारण दावों के खारिज होने के मामलों में भी कमी आएगी।
- ईपीएफओ ने अल्पावधि निकासी लाभ को संभव बनाने के लिए पारिवारिक पेंशन योजना के अंतर्गत तालिका बी और तालिका डी में संशोधन किया है। तालिका बी के संशोधन से हर साल 7 लाख से अधिक ईपीएस सदस्यों को लाभ मिलेगा, जो 6 महीने से कम अंशदायी सेवा के बाद योजना छोड़ देते हैं। तालिका डी के संशोधन से यह सुनिश्चित होगा कि सदस्यों को आनुपातिक निकासी लाभ देने के लिए सेवा के प्रत्येक पूर्ण महीने को ध्यान में रखा जाएगा। तालिका डी के इस संशोधन से हर साल 23 लाख से अधिक सदस्यों को लाभ मिलेगा।
- ईपीएफओ ने कारोबार को आसान बनाने और आवेदनों को ऑनलाइन जमा करने , आवेदनों का सत्यापन करने और सदस्यों की पिछली जमाराशियों को हस्तांतरित करने जैसी सुविधाएं प्रदान करके समय और प्रयास को कम करने के लिए प्रतिष्ठानों द्वारा छूट के समर्पण के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल शुभारंभ किया है। इससे 70 प्रतिष्ठानों के कम से कम 1 लाख सदस्यों को लाभ होगा, जिससे वे अपने समर्पण स्वीकार किए जाने पर लगभग 1000 करोड़ रुपये की जमाराशियों को हस्तांतरित कर सकेंगे।
- ईपीएफओ ने इंस्पेक्टर-सह-फैसिलिटेटर के लिए अद्यतन मैनुअल जारी किया है, जिसमें इंस्पेक्टर-सह-फैसिलिटेटर के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के संपूर्ण विवरण का वर्णन किया गया है । इस मैनुअल का उद्देश्य इंस्पेक्टर-सह-फैसिलिटेटर के परिचालन के साथ-साथ अनुकूली समस्या समाधान कौशल को बेहतर और प्रोत्साहित करना है ।
- ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिया है कि यदि यूएएन में विवरण सही है, तो वे बिना आधार के मृत्यु दावों का निपटान करें।
- ईपीएफओ ने 2023-24 के लिए ईपीएफ ग्राहक खातों में 8.25 प्रतिशत ब्याज जमा किया। ईपीएफओ के पास पिछले कई वर्षों से अपने सदस्यों को विवेकपूर्ण तरीके से उच्च आय वितरित करने का एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है।
- ई.डी.एल.आई. के माध्यम से उन्नत आश्वासन लाभ ई.पी.एफ.ओ. के सभी सदस्यों के लिए बढ़ा दिया गया है । इससे 6 करोड़ से अधिक ई.पी.एफ.ओ. सदस्यों को 7 लाख रुपये तक का जीवन बीमा सुनिश्चित होगा।
- ईपीएफओ ने ईटीएफ रिडेम्पशन नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत 5 वर्ष की होल्डिंग, सरकारी प्रतिभूतियों की तुलना में अधिक रिटर्न तथा 50 प्रतिशत रिडेम्पशन का ईटीएफ में पुनर्निवेश अनिवार्य है, जिससे ईपीएफ योजना के 'ब्याज खाते' में वृद्धि होगी।
- नियोक्ता अनुपालन: नए कर्मचारियों को ईएलआई लाभ प्राप्त करने हेतु 30 नवम्बर, 2024 तक यूएएन एक्टिवेशन और आधार सीडिंग सुनिश्चित करने के लिए परिपत्र जारी किया गया।
- नवंबर 2024 में भारत और पोलैंड के बीच वारसॉ में एक सामाजिक सुरक्षा समझौते और प्रशासनिक व्यवस्था पर हस्ताक्षर किए गए।
- सेंट्रलाइज्ड आईटी इनेबल्ड सिस्टम (सीआईटीईएस 2.01) के तहत, ईपीएफओ के पास एक एकीकृत, केंद्रीकृत डेटा-बेस होगा, जिससे प्रक्रिया में दक्षता आएगी। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड से जुड़े आईटी अपग्रेडेशन को जनवरी 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी)
- भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के अंतर्गत 3921 करोड़ रुपये की 28 प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित किया ।
- ईएसआईसी ने अंधेरी (महाराष्ट्र), बसईदारापुर (दिल्ली), गुवाहाटी- बेलटोला (असम), इंदौर (मध्य प्रदेश), जयपुर (राजस्थान), लुधियाना (पंजाब), नरोदा-बापूनगर (गुजरात), नोएडा और वाराणसी (उत्तर प्रदेश), रांची (झारखंड) में 10 नए ईएसआईसी चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी।
- पूर्वोत्तर राज्यों में सेवा वितरण तंत्र को मजबूत करने और सरकार की एक्ट ईस्ट नीति के विजन को पूरा करने के लिए, ईएसआईसी ने सिक्किम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में औषधालयों , चिकित्सा अवसंरचना/क्षेत्रीय/उप-क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना के लिए मौजूदा मानदंडों में ढील दी है । इसके अलावा, पूर्वोत्तर राज्यों में 6 औषधालय सह-शाखा कार्यालयों (डीसीबीओ) को मंजूरी दी गई है और ईएसआई सामाजिक सुरक्षा लाभों को बेहतर ढंग से प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने हेतु पूर्वोत्तर राज्यों और सिक्किम में 6 शिविर-सह-संपर्क कार्यालयों की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है।
- देश भर में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा तक पहुंच प्रदान करने के लिए, ईएसआईसी आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के साथ अभिसरण की प्रक्रिया में है। इससे 14.43 करोड़ से अधिक ईएसआई लाभार्थियों और उनके परिवारों को लाभ होगा। ईएसआईसी लाभार्थी 30,000 से अधिक एबी-पीएमजेएवाई-सूचीबद्ध अस्पतालों में सेकेंडरी और टर्षरी स्वास्थ सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे, जिसमें उपचार लागत पर कोई वित्तीय सीमा नहीं होगी।
- ईएसआईसी ने रियाद, सऊदी अरब में अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (आईएसएसए) के एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय सामाजिक सुरक्षा फोरम (आरएसएसएफ एशिया-प्रशांत) कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों में चार योग्यता प्रमाण पत्र प्राप्त किए।
गिग और प्लेटफ़ॉर्म वर्कर
- मंत्रालय गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज हेतु फ्रेमवर्क विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है
- सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 की व्यापक समझ सुनिश्चित करने और गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के अनुरूप सामाजिक सुरक्षा ढांचे के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए एग्रीगेटर्स, ज्ञान साझेदारों, प्लेटफॉर्म कार्यकर्ता संगठनों और राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ व्यापक हितधारक परामर्श किए गए।
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सीपीएफसी) की अध्यक्षता में एक समर्पित समिति गठित की गई है। इस समिति में प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर एसोसिएशन, ज्ञान साझेदार और उद्योग संघों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसे अन्य बातों के अलावा, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा और कल्याण लाभ प्रदान करने के लिए एक फ्रेमवर्क सुझाने का काम सौंपा गया है।
- प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों से संबंधित विभिन्न कारकों का व्यापक मूल्यांकन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के साथ एक सहयोगात्मक अध्ययन किया जा रहा है। इनमें प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों की संख्या, प्रचलित व्यवसाय मॉडल, संभावित योजनाएं, वित्तीय निहितार्थ (जैसे एग्रीगेटर का टर्नओवर और योगदान) और प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना को लागू करने का एक रोडमैप शामिल है।
रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना
- सरकार ने केंद्रीय बजट 2024-25 में रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की घोषणा की। यह रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने, जॉब मॉर्केट में औपचारिकीकरण को बढ़ावा देने और रोजगार क्षमता में सुधार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- मोटे तौर पर इस योजना में निम्नलिखित शामिल हैं:
- भाग ए: ईपीएफओ के साथ पंजीकृत औपचारिक क्षेत्र में पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को लक्ष्य करते हुए, यह भाग तीन किस्तों में एक महीने का वेतन (15,000 रुपये तक) प्रदान करता है।
- भाग बी: विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह भाग योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, रोजगार के पहले चार वर्षों के दौरान उनके ईपीएफओ अंशदान की प्रतिपूर्ति करके पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के अतिरिक्त रोजगार के लिए कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को प्रोत्साहित करता है। 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी पात्र होंगे।
- भाग सी: नियोक्ताओं को सहायता प्रदान करना, जिसके तहत निर्धारित सीमा से ऊपर प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए उनके ईपीएफओ अंशदान के लिए दो वर्षों तक 3,000 रुपये प्रति माह तक की प्रतिपूर्ति की जाएगी, जिनका वेतन प्रति माह 1 लाख रुपये तक होगा।
- यह तथा दो अन्य योजनाएं पांच पैकेज योजनाओं का एक हिस्सा हैं, जिनका उद्देश्य रोजगार के अवसर सृजित करना, युवाओं को कौशल प्रदान करना तथा इंटर्नशिप विकल्पों का विस्तार करना है। इसका कुल परिव्यय 2,00,000 करोड़ रुपये है, जिससे अगले पांच वर्षों में लगभग 4.1 करोड़ युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है ।
- ईएलआई योजना से कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रभाव डालने तथा रोजगार पाने की क्षमता, सामाजिक सुरक्षा कवरेज और नौकरी सृजन के मुद्दों को संबोधित करने की उम्मीद की जाती है।
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एमजी/केसी/आईएम/एमबी
(Release ID: 2088634)
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