स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन पर अद्यतन जानकारी


71.16 करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते खोले गए हैं, 3.54 लाख से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं स्वास्थ्य सेवा रजिस्ट्री पर पंजीकृत की गई हैं, 5.37 लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मी स्वास्थ्य सेवा रजिस्ट्री पर पंजीकृत किए गए हैं और 45.99 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य आंकड़े आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते के साथ जोड़े गए हैं

Posted On: 17 DEC 2024 3:28PM by PIB Delhi

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम), स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के तहत स्वास्थ्य आंकड़ो के अंतर-संचालन ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है ताकि प्रत्येक नागरिक का विस्तारित इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखा जा सके। इस मिशन का उद्देश्य देश में एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए आवश्यक आधार विकसित करना है।

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में मुख्य तौर पर आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए), स्वास्थ्य कर्मी रजिस्ट्री (एचपीआर), स्वास्थ्य सुविधाएं (एचएफआर) और औषधि रजिस्ट्री शामिल हैं।

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा अधिक पारदर्शी, सुरक्षित, समावेशी, सुलभ, समय पर उपलब्ध कराने और सबसे अहम इसे नागरिक केंद्रित बनाना है।

10 दिसंबर 2024 तक, कुल 71,16,45,172 (~71.16 करोड़) एबीएचए बनाए गए हैं। इनमें स्वास्थ्य सेवा रजिस्ट्री में 3,54,130 (~3.54 लाख) स्वास्थ्य सुविधाएं पंजीकृत की गई हैं। स्वास्थ्य कर्मी रजिस्ट्री में 5,37,980 (~5.37 लाख) स्वास्थ्य कर्मियों को पंजीकृत किया गया है और 45,99,97,067 (~45.99 करोड़) स्वास्थ्य रिकॉर्ड आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते के साथ जोड़े गए हैं।

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन स्वैच्छिक है। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते  के विभिन्न लाभ के बारे में लोगों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और संस्थानों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए कई जागरूकता अभियान और प्रयास चल रहे हैं। अस्पतालों और स्वास्थ्य प्रणालियों को एबीएचए के साथ जोड़ने के लिए क्षमता वर्धन सहायता दी जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने कार्यान्वयन एजेंसी के तौर पर प्रचार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जागरूकता अभियान शुरू किया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, व्यापार मेलों, मैराथन दौड़, चिकित्सा सम्मेलनों, प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों इत्यादि सार्वजनिक कार्यक्रमों में भागीदारी के माध्यम से जागरूकता और नागरिक जुड़ाव को बढ़ावा देता है जिससे आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते खोलने और डिजिटल स्वास्थ्य सेवा अपनाने को बढ़ावा मिलता है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश और स्थानीय स्तर पर इसे अपनाने को प्रेरित करने के लिए सूचना, शिक्षा, और संचार जैसी लक्षित गतिविधियां और क्षमता निर्माण किया जाता हैं। इसे अपनाने में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है और 70 करोड़ से अधिक एबीएचए केंद्र बनाए गए है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रजनन बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) योजना, तपेदिक मरीजों के पोषण संबंधी निक्षय पोषण योजना, कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और आघात की रोकथाम और नियंत्रण के राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) जैसी सरकारी योजनाओं के साथ समेकितकरण और अस्पतालों, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों और विभिन्न सरकारी अस्पतालों में त्वरित ओपीडी पंजीकरण और तेजी से भुगतान के लिए क्यूआर आधारित सेवाओं जैसी पहल से डिजिटल स्वास्थ्य खातों को अपनाने में वृद्धि हुई है। निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता भी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते के प्रावधान तेजी से अपना रहे हैं।

सरकार स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने में डिजिटल रिकॉर्ड रखने के महत्व को समझते हुए डिजिटल स्वास्थ्य सेवा संबंधी आवश्यक ढांचा सुदृढ़ कर रही है। क्षमता संवर्धन सुनिश्चित करते हुए, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन द्वारा वह आवश्यक डिजिटल स्वास्थ्य समाधान और ढांचा निर्मित कर रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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