खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
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सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को वित्तीय सहायता

Posted On: 28 NOV 2024 1:49PM by PIB Delhi

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय देश में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र प्रायोजित "प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई)" चला रहा है। यह योजना 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए है। इस योजना का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में मौजूदा अलग-अलग सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना तथा क्षेत्र के औपचारिककरण को बढ़ावा देना है। यह योजना मुख्य रूप से इनपुट की खरीद, सामान्य सेवाओं का लाभ उठाने और उत्पादों के विपणन के संदर्भ में पैमाने का लाभ प्राप्त करने के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) दृष्टिकोण को अपनाती है। यह योजना मूल्य श्रृंखला विकास और समर्थन बुनियादी ढांचे के संरेखण के लिए रूपरेखा प्रदान करता है। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा ओडीओपी की पहचान कृषि उत्पादन, कच्चे माल की उपलब्धता, उत्पाद की खराब होने की क्षमता आदि के आधार पर की जाती है। ओडीओपी को बढ़ावा देने के लिए पीएमएफएमई योजना के तहत भावी उद्यमियों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता का ब्यौरा अनुलग्नक में दिया गया है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) विभिन्न संस्थानों/विश्वविद्यालयों, सार्वजनिक वित्तपोषित संगठनों और सार्वजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्रों में मान्यता प्राप्त अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं को अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करता है, ताकि उत्पाद और प्रक्रिया विकास, उपकरणों के डिजाइन और विकास, बेहतर भंडारण, शेल्फ-लाइफ, पैकेजिंग आदि के लिए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में मांग आधारित अनुसंधान एवं विकास कार्य को बढ़ावा दिया जा सके।

इस योजना के अंतर्गत, निजी संगठनों/विश्वविद्यालयों/संस्थानों/अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा निजी क्षेत्र में मान्यता प्राप्त अनुसंधान एवं विकास इकाइयों को सामान्य क्षेत्रों में उपकरण लागत का 50 प्रतिशत और दुर्गम क्षेत्रों में 70 प्रतिशत तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) को सहायता अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता दी जाती है। यह सहायता केंद्र/राज्य सरकार के संस्थान सरकार द्वारा वित्त पोषित संगठन उत्पाद और प्रक्रिया विकास, उपकरणों के डिजाइन और विकास, बेहतर भंडारण, शेल्फ-लाइफ, पैकेजिंग आदि के लिए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में मांग आधारित अनुसंधान एवं विकास कार्य को बढ़ावा देने और शुरू करने के लिए है। आर एंड डी पोर्टल को राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (एनआईएफटीईएम), कुंडली, सोनीपत, हरियाणा के माध्यम से विकसित किया गया था, ताकि एमओएफपीआई योजना द्वारा समर्थित अनुसंधान और विकास कार्य से संबंधित जानकारी का प्रसार किया जा सके, जिसमें परिणाम, विकसित प्रौद्योगिकियां आदि शामिल हैं। यह पोर्टल खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अन्य मंत्रालयों/संस्थानों द्वारा अनुसंधान एवं विकास कार्यों का संग्रह भी होगा।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

अनुलग्नक

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के अंतर्गत उद्यमों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता का विवरण निम्नानुसार है:

(i) व्यक्तिगत/समूह श्रेणी सूक्ष्म उद्यमों को सहायता: पात्र परियोजना लागत का 35 प्रतिशत की दर से ऋण-लिंक्ड पूंजी सब्सिडी, अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये प्रति इकाई;

(ii) बीज पूंजी के लिए स्वयं सहायता समूहों को सहायता: कार्यशील पूंजी और छोटे उपकरणों की खरीद के लिए खाद्य प्रसंस्करण में लगे स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को 40,000 रुपये की दर से बीज पूंजी दी जाएगी, जो प्रति स्वयं सहायता समूह संघ के लिए अधिकतम 4 लाख रुपये होगी।

(iii) साझा अवसंरचना के लिए सहायता: एफपीओ, एसएचजी, सहकारी समितियों और किसी भी सरकारी एजेंसी को साझा अवसंरचना स्थापित करने के लिए सहायता देने के लिए 35प्रतिशत की दर से ऋण से जुड़ी पूंजी सब्सिडी, जो अधिकतम 3 करोड़ रुपये होगी। साझा अवसंरचना अन्य इकाइयों और आम जनता के लिए भी उपलब्ध होगी, ताकि वे क्षमता के एक बड़े हिस्से के लिए किराये के आधार पर इसका उपयोग कर सकें।

(iv) ब्रांडिंग और विपणन सहायता: एफपीओ/एसएचजी/सहकारिता समूहों या सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के एसपीवी को ब्रांडिंग और विपणन के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान।

(v) क्षमता निर्माण: इस योजना में उद्यमिता विकास कौशल (ईडीपी+) के लिए प्रशिक्षण की परिकल्पना की गई है: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और उत्पाद विशिष्ट कौशल की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कार्यक्रम को संशोधित किया गया है।

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