प्रधानमंत्री कार्यालय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुयाना में भारतीय समुदाय को संबोधित किया
गुयाना में प्रवासी भारतीयों ने कई क्षेत्रों में प्रभाव डाला है और गुयाना के विकास में योगदान दिया है: प्रधानमंत्री
आप किसी भारतीय को भारत से बाहर ले जा सकते हैं, लेकिन आप किसी भारतीय के अंतर्मन से भारत को नहीं निकाल सकते: प्रधानमंत्री
संस्कृति, व्यंजन और क्रिकेट- ये तीन चीजें विशेष रूप से, भारत और गुयाना को गहराई से जोड़ती हैं: प्रधानमंत्री
पिछले दशक में भारत की यात्रा व्यापक, गतिशील और स्थिरता की रही है: प्रधानमंत्री
भारत का विकास न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि समावेशी भी है: प्रधानमंत्री
मैं सदैव अपने प्रवासी लोगों को राष्ट्रदूत कहता हूं, वे भारतीय संस्कृति और मूल्यों के राजदूत हैं: प्रधानमंत्री
Posted On:
22 NOV 2024 5:12AM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुयाना के जॉर्जटाउन में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस अवसर पर गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली, प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स, उपराष्ट्रपति भरत जगदेव, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड रामोतार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने राष्ट्रपति को धन्यवाद देते हुए अपने आगमन पर विशेष उत्साह के साथ किए गए उनके भव्य स्वागत पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने राष्ट्रपति और उनके परिवार के शानदार आतिथ्य और सहृदयता के लिए धन्यवाद दिया। श्री मोदी ने कहा कि आतिथ्य की भावना हमारी संस्कृति के मूल में है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने भारत सरकार की एक पेड़ माँ के नाम पहल के अंतर्गत राष्ट्रपति और उनकी दादी के साथ एक पेड़ लगाया। उन्होंने कहा कि यह एक भावनात्मक क्षण था जिसे वे हमेशा याद रखेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुयाना का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार, ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस प्राप्त करके वे बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने इस सम्मान के लिए गुयाना के लोगों का आभार व्यक्त किया। श्री मोदी ने इस पुरस्कार को 1.4 बिलियन भारतीयों और 3 लाख भारतीय-गुयाना समुदाय के सम्मान में तथा गुयाना के विकास में उनके योगदान को समर्पित किया।
दो दशक पहले एक जिज्ञासु यात्री के रूप में गुयाना की अपनी यात्रा की अविस्मरणीय यादों का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने प्रसन्न्ता व्यक्त की कि अब वे भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कई नदियों की भूमि पर पुन: आए हैं। उन्होंने कहा कि तब से लेकर अब तक बहुत सारे बदलाव हुए हैं परन्तु गुयाना के लोगों का प्यार और स्नेह वैसा ही बना हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि आप एक भारतीय को भारत से बाहर ले जा सकते हैं, लेकिन आप भारत को उनके अंतर्मन से बाहर नहीं निकाल सकते और इस यात्रा के उनके अनुभव ने इसकी पुष्टि की है।
प्रधानमंत्री ने दिन में पहले भारतीय आगमन स्मारक की अपनी यात्रा को याद करते हुए कहा कि इसने लगभग दो शताब्दियों पहले भारत-गुयाना के लोगों के पूर्वजों की लंबी और कठिन यात्रा को जीवंत कर दिया। भारत के विभिन्न हिस्सों से आए हुए लोगों का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वे अपने साथ संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं की विविधता लेकर आए और समय के साथ गुयाना को अपना घर बना लिया। उन्होंने कहा कि ये भाषाएं, कहानियां और परंपराएं आज गुयाना की संस्कृति का एक समृद्ध हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए उनके संघर्ष के लिए भारत-गुयाना समुदाय की भावना की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने गुयाना को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाने की दिशा में कार्य किया है, जिससे वे एक साधारण शुरुआत से शीर्ष पर पहुंचे हैं। श्री चेड्डी जगन के प्रयासों की सराहना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि श्री जगन एक मजदूर परिवार की साधारण पृष्ठभूमि से शुरू होकर वैश्विक स्तर के नेता बने। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति इरफान अली, उपराष्ट्रपति भारत जगदेव, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड रामोतार सभी भारत-गुयाना समुदाय के राजदूत थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रारंभिक भारतीय-गुयाना बुद्धिजीवियों में से एक जोसेफ रोमन, प्रारंभिक भारतीय-गुयाना कवियों में से एक राम जरीदार लल्ला, प्रसिद्ध महिला कवियित्री शाना यरदान तथा अन्य अनेक भारतीय-गुयानावासियों का कला, शिक्षा, संगीत और चिकित्सा के क्षेत्र में गहरा प्रभाव रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि हमारी समानताओं ने भारत-गुयाना मैत्री को एक मजबूत आधार प्रदान किया है और इस मामले में संस्कृति, भोजन और क्रिकेट विशेष रूप से तीन महत्वपूर्ण चीजें हैं जो भारत को गुयाना से जोड़ती हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की दिवाली विशेष थी क्योंकि श्री राम लला 500 वर्षों के बाद अयोध्या लौटे थे। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को यह भी याद है कि गुयाना से पवित्र जल और शिलाएं भी अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए भेजी गई थीं। उन्होंने प्रशंसा की कि महासागरों की दूरी के बावजूद भारत माता के साथ उनका सांस्कृतिक संबंध मजबूत है और इसका अहसास उन्हें दिन में आर्य समाज स्मारक और सरस्वती विद्या निकेतन स्कूल के दौरे के समय हुआ। श्री मोदी ने कहा कि भारत और गुयाना दोनों को अपनी समृद्ध और विविध संस्कृति पर गर्व है और वे विविधता को समायोजित करने के अलावा इन्हें उत्सव मनाने के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश दिखा रहे हैं कि सांस्कृतिक विविधता उनकी शक्ति है।
भोजन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय-गुयाना समुदाय की भोजन संबंधी एक अनूठी परंपरा है, जिसमें भारतीय और गुयाना दोनों की मिली-जुली परम्परा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रिकेट के प्रति प्रेम पर चर्चा करते हुए कहा कि क्रिकेट ने हमारे देशों को मजबूती से बांधा है और यह सिर्फ एक खेल नहीं है, बल्कि एक जीवन शैली है, जो हमारी राष्ट्रीय पहचान में गहराई से समाहित है। उन्होंने कहा कि गुयाना में प्रोविडेंस नेशनल क्रिकेट स्टेडियम हमारी मित्रता का प्रतीक है। कन्हाई, कालीचरण, चंद्रपॉल सभी भारत में जाने-माने नाम हैं। श्री मोदी ने कहा कि क्लाइव लॉयड और उनकी टीम कई पीढ़ियों की पसंदीदा रही है। उन्होंने कहा कि गुयाना के युवा खिलाड़ियों का भी भारत में बहुत बड़ा प्रशंसक वर्ग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई भारतीयों ने इस वर्ष की शुरुआत में वहां आयोजित टी-20 विश्व कप का आनंद लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें आज सुबह गुयाना की संसद को संबोधित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की जननी होने के कारण उन्हें कैरेबियाई क्षेत्र के सबसे जीवंत लोकतंत्रों में से एक के साथ आध्यात्मिक जुड़ाव महसूस हुआ। श्री मोदी ने कहा कि भारत और गुयाना का साझा इतिहास है जिसमें औपनिवेशिक शासन के खिलाफ साझा संघर्ष, लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रेम और विविधता के प्रति सम्मान हमें एक सूत्र में पिरोता है। श्री मोदी ने कहा कि हमारा साझा भविष्य है जिसे हम बनाना चाहते हैं। उन्होंने विकास और प्रगति की आकांक्षाओं, अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी के प्रति प्रतिबद्धता और न्यायपूर्ण तथा समावेशी विश्व व्यवस्था में विश्वास पर भी जोर दिया।
गुयाना के लोगों को भारत का शुभचिंतक बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत की यात्रा व्यापक, गतिशीली और स्थायित्व की रही है। उन्होंने कहा कि केवल 10 वर्षों में, भारत दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बढ़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और जल्द ही भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। युवाओं की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमें दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बना दिया है। श्री मोदी ने कहा कि भारत ई-कॉमर्स, एआई, फिनटेक, कृषि, प्रौद्योगिकी और अन्य के लिए एक वैश्विक केंद्र था। मंगल और चंद्रमा के लिए भारत के अंतरिक्ष मिशनों पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि राजमार्गों से लेकर आई-वे, वायुमार्ग से रेलवे तक, हम अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की वृद्धि न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि समावेशी भी है। उन्होंने कहा कि भारत का डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा गरीबों को सशक्त बना रहा है और सरकार ने लोगों के लिए 500 मिलियन से अधिक बैंक खाते खोले हैं और इन बैंक खातों को डिजिटल पहचान और मोबाइल से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को सीधे उनके बैंक खातों में सहायता प्राप्त करने में मदद मिली है। श्री मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी निशुल्क स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिससे 500 मिलियन से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जरूरतमंद लोगों के लिए 30 मिलियन से अधिक घर बनाए हैं। श्री मोदी ने कहा कि केवल एक दशक में, हमने 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। उन्होंने कहा कि गरीबों में भी, इन पहलों से महिलाओं को सबसे अधिक लाभ हुआ है और लाखों महिलाएं जमीनी स्तर पर उद्यमी बन रही हैं, जो रोजगार और अवसरों का सृजन कर रही हैं।
व्यापक पैमाने पर विकास से भारत की स्थिरता पर बात करते हुए श्री मोदी ने कहा कि सिर्फ एक दशक में, भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 30 गुना बढ़ गई और पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के साथ ग्रीन मोबिलिटी में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी, भारत ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कई पहलों में मुख्य भूमिका निभाई है जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन, आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन और अन्य पहलों में वैश्विक दक्षिण को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस का भी समर्थन किया है और गुयाना, अपने राजसी जगुआर के साथ, इससे लाभान्वित हो रहा है।
पिछले वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति इरफान अली की भारतीय मेजबानी का स्मरण करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत ने प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स और उपराष्ट्रपति भरत जगदेव का भी भारत में स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि साथ मिलकर उन्होंने कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए काम किया है। श्री मोदी ने कहा कि आज दोनों देश ऊर्जा से उद्यम, आयुर्वेद से कृषि, बुनियादी ढांचे से नवाचार, स्वास्थ्य सेवा से मानव संसाधन और डेटा से विकास तक हमारे सहयोग के दायरे को व्यापक बनाने पर सहमत हुए हैं और यह साझेदारी व्यापक क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कल आयोजित दूसरा भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन इसका प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य के रूप में दोनों देश सुधारे गए बहुपक्षवाद में विश्वास करते हैं और विकासशील देशों के रूप में वे वैश्विक दक्षिण की शक्ति को समझते हैं। उन्होंने कहा कि वे समावेशी विकास के लिए रणनीतिक स्वायत्तता और समर्थन चाहते हैं। श्री मोदी ने कहा कि दोनों देश सतत विकास और जलवायु न्याय को प्राथमिकता देते हैं और वैश्विक संकटों को दूर करने के लिए संवाद और कूटनीति का आह्वान करते रहते हैं।
प्रवासी भारतीयों को राष्ट्रदूत बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि वे भारतीय संस्कृति और मूल्यों के राजदूत हैं। उन्होंने कहा कि भारत-गुयाना समुदाय को दोहरा सौभाग्य प्राप्त है क्योंकि गुयाना उनकी मातृभूमि है और भारत माता उनकी पैतृक भूमि है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब भारत अवसरों की भूमि है, तो उनमें से प्रत्येक हमारे दोनों देशों को जोड़ने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से भारत को जानिए प्रश्नोत्तरी में भाग लेने का आग्रह करते हुए कहा कि यह प्रश्नोत्तरी भारत, इसके मूल्यों, संस्कृति और विविधता को समझने का एक अच्छा अवसर है। उन्होंने लोगों से अपने दोस्तों को भी इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित करने का आग्रह किया।
श्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों को अगले वर्ष 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में अपने परिवार और मित्रों के साथ भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि वे अयोध्या में राम मंदिर के भी दर्शन के लिए जा सकते हैं।
अपने संबोधन के समापन पर प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को जनवरी में भुवनेश्वर में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस में भाग लेने तथा पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आमंत्रित किया।
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