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भारतीय व्यापार सेवा और भारतीय लागत लेखा सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारी आज (29 अक्टूबर, 2024) राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मिले

Posted On: 29 OCT 2024 6:32PM by PIB Delhi

भारतीय व्यापार सेवा और भारतीय लागत लेखा सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने आज (29 अक्टूबर, 2024) राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की तेज आर्थिक वृद्धि के साथ, भारतीय अर्थव्यवस्था भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने में अनुकूलता प्रदर्शित कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत को प्रति व्यक्ति आय का स्तर बढ़ाने और उतार-चढ़ाव से भरे वैश्विक वातावरण में विकास का उच्च स्तर बनाए रखने के लिए निजी निवेश को आकर्षित करने की आवश्यकता है। भारत सरकार की कई पहल विकास सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित कर रही हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि विनिर्माण बढ़ाने पर सरकार के बढ़ते ध्यान के साथ, भारतीय व्यापार सेवा (आईटीएस) के अधिकारियों का दायित्व है कि वे सीमा-पार व्यापार बढ़ाने के लिए उचित वातावरण और अवसंरचना के निर्माण को सुविधाजनक बनाएं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से व्यापार वार्ता में नए आयाम लाने, नवीन नीतियां निर्धारित करने और भारतीय व्यापार को गति देने की उम्मीद है। उन्होंने भारतीय व्यापार सेवा के अधिकारियों से भारत के विकास को गतिशील बनाने और व्यापक स्तर पर लोगों के जीवन पर प्रभाव डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया।

राष्ट्रपति ने भारतीय लागत लेखा सेवा (आईसीएएस) के अधिकारियों से कहा कि वे राजस्व का पारदर्शी मूल्यांकन सुनिश्चित करते हुए सरकारी कार्यों, योजनाओं और परियोजनाओं में व्यय तर्कसंगत बनाने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं और उनसे जटिल वित्तीय और लागत प्रबंधन मुद्दों को कुशलता से संभालने की अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि आईसीएएस अधिकारियों की विभिन्न द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के तहत डंपिंग विरोधी उपायों और शुल्क जैसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। राष्ट्रपति ने कहा कि उनके निर्णय और कार्य सार्वजनिक वित्तीय सुरक्षा और सरकारी खरीद व्यवस्था में कुशलता और प्रभावशीलता बढ़ाने में महत्वपूर्ण होंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के कार्यान्वयन में, भारतीय लागत लेखा सेवा के अधिकारियों की लेखा परीक्षण राजस्व अपव्यय का पता लगाने और इन्हें दूर करने के उपायों में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने अधिकारियों से इस तथ्य को याद रखने की सलाह दी कि वे जो कुछ भी करते हैं, उसका अंततः अल्पसुविधायुक्त और वंचित वर्गों के कल्याण पर प्रभाव पड़ता है।

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