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फोकस ऑन इंडिया

Posted On: 26 OCT 2024 5:58PM by PIB Delhi

यह भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी का 25वां वर्ष है। हमने अगले 25 वर्षों के लिए विकसित भारत, #विकसित भारत के लिए रोडमैप तैयार किया है। मुझे इस बात की खुशी है कि इस महत्वपूर्ण क्षण में, जर्मनी की कैबिनेट ने "फोकस ऑन इंडिया" दस्तावेज़ जारी किया है। "फोकस ऑन इंडिया" दस्तावेज़ में इस बात की रूपरेखा पेश की गई है कि दुनिया की दो अग्रणी अर्थव्यवस्थाएं और लोकतंत्र आपस में सहयोग करके किस प्रकार "वैश्विक कल्‍याण के लिए शक्ति" बन सकते हैं।

~ प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी

रिपोर्ट के मुख्‍य बिंदु

  • गतिशील परिवर्तन: भारत ऊर्जावान लोकतंत्र और संपन्न अर्थव्यवस्था को प्रतिबिम्बित करने वाले महत्वपूर्ण बदलावों के दौर से गुजर रहा है। यह परिवर्तन अधिक न्यायसंगत और टिकाऊ दुनिया को आकार देने की भारत की महत्वाकांक्षा को दर्शाती वैश्विक मामलों में उसकी मुखर भूमिका द्वारा जाहिर हो रही है।
  • वैश्विक प्रभाव: दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में भारत वैश्विक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश सभी के लिए स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने हेतु जलवायु संरक्षण, पर्यावरणीय स्थिरता और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप जैव विविधता संरक्षण के उद्देश्य से उठाए जाने वाले कदमों में सक्रिय रूप से भाग लेता है।
  • शांतिपूर्ण मध्यस्थता वाली भूमिका: रूस-यूक्रेन युद्ध में अपनी संलग्‍नता जैसे संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान में योगदान देने की भारत की तत्‍परता वैश्विक मुद्दों में कूटनीति और रचनात्मक सहभागिता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह भूमिका एक जिम्मेदार वैश्विक प्रतिभागी के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाती है।
  • क्षेत्रीय स्थिरता: भारत का उस क्षेत्र में संतुलित करने वाला प्रभाव है, जहां संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था काफी दबाव का सामना कर रही है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भू-राजनीतिक संघर्ष और क्षेत्र में उच्च आर्थिक गतिशीलता 21वीं सदी की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
  • वॉयस ऑफ द ग्‍लोबल साउथ : भारत विकासशील देशों के हितों की वकालत करने वाले ग्‍लोबल साउथ का प्रमुख प्रतिनिधि है। जी-20,ब्रिक्‍स और शंघाई सहयोग संगठन जैसे मंचों पर भागीदारी के ज़रिए भारत उन लोगों की आवाज़ बुलंद करता है जिन्हें अक्सर वैश्विक चर्चाओं में कम प्रतिनिधित्व दिया जाता है।
  • तीव्र आर्थिक विकास: सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में पहचाने जाने वाले भारत के 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है। यह विकास बढ़ती समृद्धि, तेजी से बढ़ते घरेलू बाजार तथा बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण निवेश से प्रेरित है।
  • नवाचार और प्रौद्योगिकी नेतृत्व: भारत सूचना प्रौद्योगिकी, डिजिटल बुनियादी ढांचे और अंतरिक्ष अन्वेषण में उत्कृष्टता प्रदर्शित करते हुए वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में उभरा है। यह नेतृत्व न केवल आर्थिक विकास में योगदान देता है, बल्कि वैश्विक प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार देने में भारत को एक महत्वपूर्ण प्रतिभागी के रूप में भी स्थापित करता है।
  • समृद्ध जैव विविधता का घर: विभिन्न प्रजातियों की व्‍यापक विविधता के घर के रूप में, जैव विविधता की रक्षा के मामले में भारत का वैश्विक महत्व है। यह वैश्विक जैव विविधता के लगभग सात प्रतिशत का घर है। इसलिए जैव विविधता के संरक्षण में भारत की भागीदारी वैश्विक महत्व का विषय है!
  • 2030 एजेंडा के प्रति संकल्‍पबद्धता: भारत को 2030 एजेंडा और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक प्रमुख प्रतिभागी के रूप में जाना जाता है। जलवायु कार्रवाई और सतत विकास सहित साझा उद्देश्यों को पूरा करने में राष्ट्र का सहयोग आवश्यक है।
  • जलवायु लक्ष्यों के प्रति संकल्‍पबद्धता: जलवायु-तटस्थ विकास के प्रति अपनी संकल्‍पबद्धता पर अडिग भारत नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण में भारी निवेश कर रहा है। देश के प्रयास पेरिस समझौते के लक्ष्यों के अनुरूप हैं, जो अपने महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को स्वीकार करते हुए सतत विकास के महत्व पर जोर देते हैं।
  • नवीकरणीय ऊर्जा और हरित परिवर्तन: नवीकरणीय ऊर्जा में अपार संभावनाओं के साथ भारत अपने सौर, पवन और ग्रीन हाइड्रोजन संसाधनों का लाभ उठाकर स्थायी ऊर्जा भविष्य की ओर बढ़ रहा है। जर्मनी के साथ सहयोगपूर्ण साझेदारी सरीखी साझेदारियां ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करती है।
  • हरित एवं सतत विकास साझेदारी: जर्मनी के साथ 2022 में स्थापित हरित एवं सतत विकास साझेदारी जलवायु कार्रवाई, ऊर्जा परिवर्तन, जैव विविधता संरक्षण और सतत शहरीकरण पर जोर देती है। प्रमुख पहलों में कृषि पारिस्थितिकी, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं और वन संरक्षण प्रयास शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, भारत अत्यधिक गर्मी, सूखा और बाढ़ जैसे जलवायु प्रभावों की कमजोरियों को दूर करने के लिए 2025 तक राष्ट्रीय अनुकूलन योजना का मसौदा तैयार करने का इच्छुक है।
  • ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स: ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स में, जर्मन और भारतीय विशेषज्ञ संयुक्त रूप से भविष्य के इस ईंधन के बाजार को बढ़ाने का रोडमैप तैयार कर रहे हैं, जिसका सख्ती से क्रियान्वयन करने की योजना है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा के लिए निवेश मंच: नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए एक मंच के सृजन के साथ भारत और जर्मनी नवीकरणीय ऊर्जा के त्‍वरित विस्तार के लिए व्‍यापक अनुकूलित समाधान विकसित करना चाहते हैं। इससे भारत के लिए दुनिया भर में एक आदर्श निवेश मंच बनने का मार्ग प्रशस्त होगा!

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संदर्भ

Focus on India report: https://www.auswaertiges-amt.de/blob/2680288/8909ac2c501ab85d55defff7d1b8b75d/241016-fokus-indien-data.pdf

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