सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
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सामाजिक कल्याण योजनाओं के बारे में जागरूक करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के बीच समझौता हुआ


सारथी 1.0 पहल की शुरुआत - जागरूक करने, कानूनी सहायता और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं तक पहुँच को आसान बनाने के माध्यम से समाज के सबसे कमज़ोर वर्गों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए

Posted On: 30 SEP 2024 8:40PM by PIB Delhi

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग (डीओएसजेई) भारत सरकार और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) ने आज 30 सितम्बर को नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस महत्वपूर्ण साझेदारी का उद्देश्य विभाग के विभिन्न अधिनियमों, नियमों और योजनाओं के बारे में लोगों में जागरूक करना है, खासकर समाज के हाशिए पर पड़े और कमज़ोर वर्गों की सहायता के लिए बनाई गई योजनाओं के बारे में।

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1987 के विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के अंतर्गत गठित एनएएलएसए का उद्देश्य वंचित समूहों को कानूनी सहायता प्रदान करना और कानूनी साक्षरता फैलाना है। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से एनएएलएसए और डीओएसजेई दोनों देश  भर में कमज़ोर समुदायों के लिए सामाजिक कल्याण योजनाओं की पहुँच और प्रभाव को बढ़ाने के लिए कई अभियान, सेमिनार और कार्यक्रम आयोजित करेंगे।

इस समझौता ज्ञापन पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री वीरेंद्र कुमार और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और एनएएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री संजीव खन्ना की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। इस कार्यक्रम में सारथी 1.0 पहल का आधिकारिक शुभारंभ भी हुआ, जो अनुसूचित जातियों (एस.सी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों, शराब और मादक द्रव्यों के शिकार, भीख मांगने वाले लोगों, विमुक्त समुदाय और खानाबदोश जनजातियों और अन्य सहित वंचित समुदायों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक संयुक्त प्रयास है।

सारथी 1.0 पहल सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा के साथ भी संरेखित है, विशेष रूप से गरीबी उन्मूलन, असमानता को कम करने और सामाजिक सुरक्षा नीतियों को बढ़ावा देने पर केंद्रित लक्ष्य , जो सभी के लिए अधिक समानता सुनिश्चित करते हैं। इस सहयोग का उद्देश्य जागरूकता की खाई को पाटना और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कानूनी सहायता प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के दौरान सारथी 1.0 का शुभारंभ जागरूकता सृजन और कानूनी सहायता के माध्यम से समाज के सबसे कमजोर वर्गों की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे उन्हें सरकारी कल्याण योजनाओं तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचने में मदद मिलेगी। कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच तालमेल यह सुनिश्चित करेगा कि सभी के लिए सामाजिक न्याय को और मजबूत किया जाए।

एनएएलएसए के सहयोग से, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जागरूकता सृजन और पहुंच जमीनी स्तर तक बढ़े। इस साझेदारी के अंतर्गत, राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (एसएलएसए) और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), पैरा-लीगल स्वयंसेवकों और पैनल वकीलों के माध्यम से देश भर में जागरूकता शिविर आयोजित करेंगे। शिविरों में विभाग द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे पांच महत्वपूर्ण अधिनियमों के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:

  1. नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955
  2. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989
  3. माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007
  4. ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019
  5. मैनुअल स्कैवेंजर के रूप में रोजगार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013

विभाग की विभिन्न योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करने के अलावा, ये कानूनी जागरूकता और आउटरीच पहल पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक पहुंचेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि लक्षित लोगो के कानूनी अधिकारों और उनके लिए उपलब्ध सरकारी कल्याण कार्यक्रमों के बारे में जागरूक किया जाए।

कार्यक्रम के वीडियो फुटेज का लिंक: https://www.youtube.com/live/2mFKXho8CXE?feature=shared

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