पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने पांच साल के भीतर क्रूज सुविधा को बढ़ाने और यात्रियों की संख्या दोगुनी करने के लिए ‘क्रूज भारत मिशन’ की शुरुआत की


इस मिशन का उद्देश्य भारत में नए सिरे से बनाए गए क्रूज सेक्टर में 4 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन करना है: श्री सर्बानंद सोनोवाल

भारत की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासत का जश्न मनाने और वैश्विक स्तर पर प्रचार करने के लिए क्रूज सर्किट तैयार किए जाएंगे: श्री सोनोवाल

मिशन को तीन चरणों में लागू किया जाएगा और इसमें तीन प्रमुख खंड - महासागर और हार्बर क्रूज, नदी और द्वीप क्रूज, द्वीप क्रूज शामिल होंगे

क्रूज भारत मिशन के परिणामस्वरूप भारत में 5,000 किलोमीटर से अधिक परिचालन जलमार्गों पर 1.5 मिलियन से अधिक नदी क्रूज यात्री होंगे

Posted On: 30 SEP 2024 3:41PM by PIB Delhi

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने मुंबई बंदरगाह से क्रूज भारत मिशनकी शुरुआत की। श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि देश में क्रूज पर्यटन की अपार संभावनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य पांच वर्षों के भीतर यानी 2029 तक क्रूज यात्रियों की संख्या को दोगुना करके देश के क्रूज पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना है। इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री (पत्तन, जलमार्ग और जलमार्ग) श्री शांतनु ठाकुर भी श्री सोनोवाल के साथ मौजूद थे।

 

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज यहां क्रूज शिप एम्प्रेसपर सवार होकर इस मिशन की शुरुआत की। इस पहल का उद्देश्य भारत के क्रूज पर्यटन के लिए वैश्विक केंद्र बनने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना और देश को अग्रणी वैश्विक क्रूज गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है। क्रूज इंडिया मिशन को तीन चरणों में लागू किया जाएगा, जो 1 अक्टूबर, 2024 से शुरू होकर 31 मार्च, 2029 तक चलेगा। चरण 1 (01.10.2024 - 30.09.2025) के तहत पड़ोसी देशों के साथ अध्ययन, मास्टर प्लानिंग और क्रूज गठबंधन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके तहत क्रूज सर्किट की क्षमता को बढ़ाने के लिए मौजूदा क्रूज टर्मिनलों, मरीना और गंतव्यों का आधुनिकीकरण भी होगा। चरण 2 (01.10.2025 - 31.03.2027) के तहत उच्च क्षमता वाले क्रूज स्थानों और सर्किटों को सक्रिय करने के लिए नए क्रूज टर्मिनलों, मरीना और गंतव्यों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। चरण 3 (01.04.2027 – 31.03.2029) के तहत भारतीय उपमहाद्वीप में सभी क्रूज सर्किटों को एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो क्रूज संबंधी इकोसिस्टम की परिपक्वता को चिह्नित करेगा, जबकि क्रूज टर्मिनलों, मरीना और गंतव्यों का विकास जारी रहेगा।

इन चरणों में प्रमुख प्रदर्शन लक्ष्यों में चरण 1 में समुद्री क्रूज यात्रियों की संख्या को 0.5 मिलियन से बढ़ाकर चरण 3 तक 1 मिलियन करना शामिल है, साथ ही समुद्री क्रूज की संख्या में 125 से 500 तक की वृद्धि होगी। नदी क्रूज यात्रियों की संख्या चरण 1 में 0.5 मिलियन से बढ़कर चरण 3 तक 1.5 मिलियन हो जाएगी। अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनलों की संख्या चरण 1 में 2 से बढ़कर चरण 3 तक 10 हो जाएगी, जबकि नदी क्रूज टर्मिनल 50 से बढ़कर 100 हो जाएंगे। इसी तरह, मरीना 1 से बढ़कर 5 हो जाएंगे, और अंतिम चरण तक रोजगार सृजन 0.1 मिलियन से बढ़कर 0.4 मिलियन हो जाएगा।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “क्रूज भारत मिशन, भारत के क्रूज क्षेत्र के पुनरुद्धार में एक महत्वपूर्ण पहल है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, सरकार भारत की ब्लू इकोनॉमी की जबरदस्त क्षमता का दोहन करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे देश में अपनी जबरदस्त क्षमता के साथ क्रूज लंबे समय से अनदेखे रहे हैं। इसका उद्देश्य इस दूरदर्शी मिशन के साथ हमारे समुद्री परिदृश्य को बदलना और क्रूज पर्यटन के माध्यम से भारत के विशाल समुद्र तट और जलमार्गों की क्षमता का दोहन करना है। इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के महत्वपूर्ण स्तंभों, पर्यटकों के लिए क्रूज सुविधा के संदर्भ में बेहतर अनुभव प्रदान करने और संसाधनों के स्थायित्व के आधार पर, तीन चरणों वाला यह मिशन विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करेगा और क्रूज पर्यटन के साथ ही समुद्री व्यापार को भी बढ़ावा देगा।

मिशन का उद्देश्य विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर और गंतव्यों के विकास की दिशा में निरंतर काम करना है, साथ ही प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए क्रूज में सवार होने, उससे उतरने और गंतव्य यात्राओं के लिए एक सहज अनुभव प्रदान करना है। यह भारतीय उपमहाद्वीप के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक सर्किट को बढ़ावा देगा, बंदरगाहों, क्रूज लाइनों, पोत संचालकों, टूर ऑपरेटरों, सेवा प्रदाताओं और स्थानीय समुदायों सहित सभी हितधारकों के लिए समावेशी और न्यायसंगत विकास सुनिश्चित करेगा। इसके अतिरिक्त, मिशन सीमा शुल्क, आव्रजन, सीआईएसएफ, राज्य पर्यटन विभाग, राज्य समुद्री एजेंसियों, जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस जैसी सभी नियामक एजेंसियों की जिम्मेदार भागीदारी को सक्षम करेगा।

सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ने ऐसे कदम उठाए हैं, जिनके कारण 2014 से क्रूज में यात्रियों की संख्या में 400 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। क्रूज भारत मिशनइसे और आगे बढ़ाएगा, क्योंकि इसका लक्ष्य क्रूज यात्राओं की संख्या को 2024 में 254 से बढ़ाकर 2030 तक 500 और 2047 तक 1,100 करना है। हमें उम्मीद है कि 2024 में यात्रियों की संख्या 4.6 लाख से बढ़कर 2047 तक 5 मिलियन हो जाएगी। मिशन का लक्ष्य इस अवधि के दौरान क्रूज क्षेत्र में 4 लाख रोजगार सृजित करना भी है।

 

क्रूज इंडिया मिशन तीन प्रमुख क्रूज सेगमेंट को लक्षित करता है। सबसे पहले, महासागर और हार्बर क्रूज सेगमेंट में गहरे समुद्र और तटीय क्रूज के साथ-साथ बंदरगाह-आधारित नौकायन और नौकायन क्रूज सहित महासागर क्रूज शामिल हैं। दूसरा, नदी और अंतर्देशीय क्रूज सेगमेंट नहरों, बैकवाटर, खाड़ियों और झीलों पर नदी और अंतर्देशीय क्रूज पर केंद्रित है। अंत में, आइलैंड क्रूज सेगमेंट में अंतर-द्वीप क्रूज, लाइटहाउस टूर, लाइव-एबोर्ड अनुभव, अभियान क्रूज और कम-ज्ञात गंतव्यों के लिए बुटीक क्रूज शामिल हैं।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर ने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, यह मिशन भारत को क्रूज पर्यटन के लिए विश्व स्तरीय केंद्र के रूप में बदलने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस मिशन का उद्देश्य टिकाऊ और जीवंत इकोसिस्टम बनाना है, जो क्रूज ऑपरेटरों, पर्यटकों और समुदायों के लिए फायदेमंद होगा। यह दूरदर्शी मिशन भारत के समुद्री क्षेत्र को शक्ति प्रदान करेगा, जो पर्यटन और ब्लू इकोनॉमी के दोहन में नए आयाम खोलेगा।

मिशन ने पांच रणनीतिक स्तंभों में प्रमुख पहलों की पहचान की है। स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर और पूंजी इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी कमियों को दूर करता है, जो डिजिटलीकरण (जैसे, चेहरे की पहचान) और डीकार्बोनाइजेशन (जैसे, तटीय बिजली) के साथ-साथ विश्व स्तरीय टर्मिनल, मरीना, जल हवाई अड्डे और हेलीपोर्ट विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करता है। इसमें राष्ट्रीय क्रूज से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर मास्टरप्लान 2047 बनाना, भारतीय बंदरगाह संघ (आईपीए) के तहत क्रूज-केंद्रित विशेष प्रयोजन के उपाय (एसपीवी) की स्थापना करना और क्रूज विकास निधि की स्थापना करना शामिल है। प्रौद्योगिकी सक्षम स्तंभ सहित इसके संचालन का उद्देश्य क्रूज सुविधा को सुव्यवस्थित करना, -क्लीयरेंस सिस्टम और ई-वीजा सुविधाओं जैसे डिजिटल समाधानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सुचारू रूप से इसमें सवार होना, इससे उतरना और गंतव्य तक यात्रा सुनिश्चित करना है।

 

क्रूज प्रमोशन और सर्किट एकीकरण स्तंभ अंतरराष्ट्रीय विपणन और निवेश संवर्धन पर केंद्रित है, जिसमें क्रूज सर्किट को जोड़ना, "क्रूज इंडिया समिट" जैसे आयोजनों की मेजबानी करना और पड़ोसी देशों के साथ गठबंधन बनाना शामिल है। विनियामक, राजकोषीय और वित्तीय नीति स्तंभ कर परिदृश्यों, क्रूज विनियमों और राष्ट्रीय क्रूज पर्यटन नीति के शुभारंभ पर ध्यान केंद्रित करते हुए अनुरूप राजकोषीय और वित्तीय नीति निर्माण पर केंद्रित है। अंत में, क्षमता निर्माण और आर्थिक अनुसंधान स्तंभ कौशल विकास पर जोर देता है, क्रूज से संबंधित आर्थिक अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र बनाता है, और क्रूज उद्योग में युवा रोजगार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक तैयार करता है।

क्रूज भारत मिशन न केवल भारत के क्रूज पर्यटन क्षेत्र को आगे बढ़ाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थायी अवसर भी पैदा करेगा।

इस कार्यक्रम में क्रूज उद्योग के प्रमुख दिग्गजों जैसे महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष श्री राहुल नार्वेकर, भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री टी.के. रामचंद्रन और कॉर्डेलिया क्रूज के सीईओ जुर्गन बैलोम सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, सरकारी अधिकारी और हितधारक शामिल हुए।

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