युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय
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केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया  और श्रीमती रक्षा खडसे ने शतरंज ओलंपियाड चैंपियनों को सम्मानित किया; उन्हें युवाओं को राष्ट्र निर्माण हेतु प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया


सरकार सभी खेल विधाओं में प्रतिभा को प्रोत्साहित करने और आगे बढ़ाने वाला इकोसिस्‍टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है – डॉ. मांडविया

Posted On: 26 SEP 2024 5:35PM by PIB Delhi

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री सुश्री रक्षा खडसे के साथ आज नई दिल्ली में बुडापेस्ट में 45वें फिडे शतरंज ओलंपियाड में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय शतरंज टीमों को सम्मानित किया। देश को अपार गर्व और प्रसन्नता प्रदान करने वाली शतरंज टीमों की असाधारण उपलब्धियों का इस कार्यक्रम में जश्न मनाया गया।

शतरंज खिलाड़ियों से बातचीत के दौरान डॉ. मनसुख मांडविया  ने शतरंज के साथ भारत के समृद्ध संबंध को रेखांकित करते हुए कहा कि यह खेल भारत में उत्पन्न हुआ है और यह देश की सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा, "वैश्विक मंच पर जीत हासिल कर, आपने न केवल पूरे देश को गौरवान्वित किया है, बल्कि हमारी पारंपरिक धरोहर की विरासत को भी सम्मानित किया है।"

 डॉ. मांडविया  ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की ताकत सिर्फ उसकी जनशक्ति में ही नहीं, बल्कि उसकी बौद्धिक क्षमता में भी निहित है। उन्होंने कहा, "भारत सरकार सभी खेल विधाओं में प्रतिभा को प्रोत्साहित करने और आगे बढ़ाने वाला इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है । हम चाहते हैं कि हमारे खिलाड़ी विश्व मंच पर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने  और देश का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित महसूस करें।"

उन्होंने खेलों के विकास पर सरकार के फोकस की पुष्टि करते हुए घोषणा की कि भारत का लक्ष्य 2024 तक खेलों में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल होना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जैसे-जैसे भारत एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है, हमारी खेल उपलब्धियां हमारी वैश्विक पहचान का एक महत्वपूर्ण पहलू होंगी ।"

 

 

डॉ. मांडविया ने पदक विजेताओं से युवाओं के सक्रिय एंबेसडर बनने का आग्रह करते हुए उनको अगली पीढ़ी के साथ अपनी कड़ी मेहनत, दृढ़ता और समर्पण की कहानियां साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, "मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप हमारे युवाओं को प्रेरित करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों का दौरा करें। उनकी ऊर्जा को राष्ट्र निर्माण की दिशा में निर्देशित करें और अपनी यात्रा से उनका मार्गदर्शन करें। आप युवा आइकन और युवा एंबेसडर दोनों हैं, और यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप अगली पीढ़ी को 'राष्ट्र प्रथम' की भावना अपनाने के लिए प्रेरित करें।"

उन्होंने खिलाड़ियों को पूरे भारत में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में आयोजित किए जा रहे मंत्रालय के 'विकसित भारत एंबेसडर - युवा कनेक्ट कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा,"यह पहल प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के विजन  को साकार करने के लिए युवाओं की ऊर्जा को दिशा देने के लिए बनाई गई है। मैं आपसे इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेने और हमारे देश के भविष्य को आकार देने में योगदान देने का आग्रह करता हूं।"

केंद्रीय मंत्री ने युवा शतरंज खिलाड़ी और खेल के उभरते सितारे गुकेश डोमराजू के साथ एक दोस्ताना शतरंज मैच में भी भाग लिया।

भारत ने इस प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक जीतकर शतरंज के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है । एक स्वर्ण पदक पुरुष टीम द्वारा ओपन सेक्शन में तथा एक  स्वर्ण पदक महिला वर्ग में हासिल किया गया। 

45वें शतरंज ओलंपियाड में पुरुषों और महिलाओं ने अंतिम दौर में क्रमशः स्लोवेनिया और अजरबैजान को हराकर खिताब अपने नाम किए। ओपन सेक्शन में टीम इंडिया ने 11 में से 10 मैच जीते और पिछले संस्करण की चैंपियन टीम उज्बेकिस्तान के खिलाफ सिर्फ एक बार ड्रॉ खेला। भारत 21 अंकों के साथ तालिका में शीर्ष पर रहा। महिला वर्ग में टीम इंडिया ने 11 में से 9 मैच जीते, जिसमें टीम अमेरिका के खिलाफ एक ड्रॉ और टीम पोलैंड से एक हार शामिल है। 19 अंकों के साथ भारत तालिका में शीर्ष पर रहा।

अपने असाधारण प्रदर्शन के बल पर चार भारतीय खिलाड़ियों ने भी व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीते: ओपन सेक्शन में बोर्ड 1 पर गुकेश डी. और बोर्ड 3 पर अर्जुन एरिगैसी, साथ ही महिला वर्ग में बोर्ड 3 पर दिव्या देशमुख और बोर्ड 4 पर वंतिका अग्रवाल।

शतरंज चैंपियनों ने अपार कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि कल ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे बातचीत की, और आज उन्हें केंद्रीय मंत्रियों द्वारा सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें कड़ी मेहनत जारी रखने और अपनी भविष्य की उपलब्धियों से देश को गौरवान्वित करने के लिए अपार प्रेरणा मिली है।

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