सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने सांकेतिक भाषा दिवस-2024 के अवसर पर कई नई पहलों की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य श्रवण बाधितों के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसरों को और समावेशी बनाना है
Posted On:
23 SEP 2024 6:03PM by PIB Delhi
केंद्रीय सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने आज भीम हॉल, डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, जनपथ, नई दिल्ली में सांकेतिक भाषा दिवस-2024 के उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता की। श्री राजेश अग्रवाल, सचिव (डीईपीडब्ल्यूडी), मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। इस वर्ष के कार्यक्रम का विषय 'संकेतिक भाषा के अधिकारों का समर्थन' है।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) ने आज अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के रूप कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान, श्री बी.एल. वर्मा ने श्रवण बाधितों के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसरों को और ज्यादा समावेशी बनाने के कई नई पहलों की शुरुआत की।
मुख्य बातें:
- कक्षा 6 के विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित और अंग्रेजी सहित अन्य विषयों के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) में 100 मौलिक अवधारणा वीडियो जारी।
- आईएसएल शब्दकोश में 2,500 नए सांकेतिक शब्दों का समावेशन।
- आईएसएल शब्दकोश का अनावरण, अब 10 विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध।
- समुदाय को प्रेरित करने के लिए इंडियन साइनिंग हैंड्स द्वारा विकसित डेफ रोल मॉडल वीडियो का विमोचन।
- समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देते हुए सभी आयु वर्ग के बच्चों के लिए आईएसएल में सुलभ शैक्षिक कहानियों का शुभारंभ।
- 25 राष्ट्रीय संस्थानों/संयुक्त क्षेत्रीय केंद्रों और मंत्रालय की वेबसाइटों तक पहुंच प्रदान करने वाले एसडब्ल्यूएएएस प्लेटफ़ॉर्म का उद्घाटन।
अपने संबोधन में श्री बी.एल. वर्मा ने सरकार के दिव्यांगजन समुदाय के प्रति जारी समर्पण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि “सांकेतिक भाषा केवल बधिरों के लिए एक भाषा नहीं है, बल्कि इसे हर किसी की एक भाषा बनना चाहिए, जो पूरे समाज में समावेशिता को बढ़ावा देती है।” उन्होंने श्रवण बाधितों की प्रगति के लिए सांकेतिक भाषा के व्यापक उपयोग के महत्व पर बल दिया। मंत्री ने दिव्यांगजन समुदाय की प्रतिभा की भी प्रशंसा की और कहा कि सही मंच के साथ, वे अपनी क्षमताओं से विश्व को आश्चर्यचकित कर सकते हैं। पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत के दिव्यांग एथलीटों ने 29 पदक प्राप्त करके इतिहास रचा, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने आगे कहा कि दिव्यांगजन समुदाय को सशक्त बनाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत को आगे बढ़ाएगा।
श्री राजेश अग्रवाल, सचिव, डीईपीडब्ल्यूडी, ने माता-पिता और समाज को श्रवण बाधित बच्चों को मुख्यधारा में बेहतर रूप से शामिल करने के लिए सांकेतिक भाषा सीखने और उसका उपयोग करने की आवश्यकता को बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीक और अंग्रेजी शिक्षा श्रवण बाधित बच्चों को स्वावलंबी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ द डेफ वुमेन (एआईएफडब्ल्यू) की उमा कपूर और इंदौर डेफ बाइलिंगुअल एकेडमी (आईडीबीए) की उषा पंजाबी ने अपने विचारों को साझा किया, जिसमें सांकेतिक भाषा के महत्व और इसके समावेशी समाज के लिए निरंतर विकास की आवश्यकता पर बल दिया।
इस कार्यक्रम में कई सम्मानित लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें श्री राजीव शर्मा, संयुक्त सचिव, डीईपीडब्ल्यूडी, डॉ. जितेंद्र कुमार, निदेशक, आईएसएलआरटीसी सहित श्रवण बाधितों के छात्र, शिक्षक और माता-पिता भी शामिल हुए।
कार्यक्रम का विडियो:
पूर्वावलोकन की प्रेस विज्ञप्ति:
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2057529
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