संस्कृति मंत्रालय
भारत सरकार के पहले 100 दिन भारत की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने हेतु मजबूत और निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं
भारत ने सांस्कृतिक संरक्षण के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता दिखाते हुए 46वें विश्व धरोहर समिति सत्र की गर्व के साथ मेज़बानी की
असम के मोइदम को शामिल करने के साथ ही भारत की विश्व धरोहरों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है
हर घर तिरंगा अभियान में रिकॉर्ड भागीदारी देखी गई और राष्ट्रीय गौरव तथा एकता को बल मिला
भारत और अमेरिका ने पुरावशेषों की अवैध तस्करी से निपटने के लिए सांस्कृतिक संपत्ति समझौते पर हस्ताक्षर किए
युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय के लिए फ्रांस संग्रहालय विकास के साथ सहयोग को बढ़ावा देना
भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण ने उन्नत जैव-पुरातत्व अनुसंधान के लिए यूसीएल के साथ साझेदारी की
अत्याधुनिक जीनोमिक्स का प्रयोग करके दक्षिण एशियाई जनसंख्या इतिहास के पुनर्निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन
Posted On:
17 SEP 2024 6:06PM by PIB Delhi
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाने वाली पहले 100 दिनों के दौरान प्रमुख उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं:
46वें विश्व धरोहर समिति सत्र की सफल मेजबानी: संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 21-31 जुलाई 2024 तक दिल्ली में विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र की सफलतापूर्वक मेजबानी की। सत्र का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया, जिसमें 140 से अधिक देशों के करीब 2900 प्रतिनिधि शामिल हुए। सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी के मुद्दे पर एक प्रदर्शनी और प्रोजेक्ट पीएआरआई (PARI) का शुभारंभ सत्र के मुख्य आकर्षणों में शामिल थे, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक कला बनाने के लिए 200 से अधिक कलाकार और 300 छात्र शामिल हुए।
'मोइदम्स: अहोम राजवंश की टीला-दफन प्रणाली' का शिलालेख: एक गर्वपूर्ण क्षण के तहत भारत से असम के मोइदम्स को विश्व विरासत सूची में जोड़ा गया। सूची में पूर्वोत्तर भारत की पहली सांस्कृतिक संपत्ति को चिह्नित करने वाला यह स्थल, देश की विविध और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है और इसके जुड़ने के साथ ही भारत की विश्व धरोहरों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है।
हर घर तिरंगा: प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एचजीटी अभियान में अभूतपूर्व भागीदारी देखी गई, जिसमें 5 करोड़ से अधिक नागरिकों ने अपने घरों पर तिरंगा फहराकर और तिरंगा दौड़ तथा तिरंगा रैली जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लिया। इस अभियान से राष्ट्रीय गौरव और एकता को काफी बढ़ावा मिला।
हुमायूं के मकबरे और सूफी परंपरा को समर्पित संग्रहालय का उद्घाटन: 29 जुलाई 2024 को, इस अत्याधुनिक संग्रहालय का दिल्ली में उद्घाटन किया गया, जिससे यह स्थल, शहर के सांस्कृतिक और पर्यटक आकर्षणों में एक प्रमुख केंद्र बन गया।
मुकेश के लिए स्मारक डाक टिकट: प्रतिष्ठित भारतीय पार्श्व गायक मुकेश के सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट नई दिल्ली में आकाशवाणी के रंग भवन में 24 जुलाई 2024 को जारी किया गया। यह श्रद्धांजलि मुकेश की स्थायी विरासत और भारतीय संगीत में उनके योगदान को दर्शाती है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सांस्कृतिक संपत्ति समझौता: पुरावशेषों की अवैध तस्करी से निपटने के लिए भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने 26 जुलाई 2024 को एक सांस्कृतिक संपत्ति समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का मकसद भारत की सांस्कृतिक विरासत की रक्षा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना है।
युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय के लिए फ्रांस संग्रहालय विकास के साथ सहयोग: युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय के विकास में योगदान देने के लिए, संस्कृति मंत्रालय ने संरक्षण वास्तुकारों और डिजाइनरों सहित, निजी हितधारकों की क्षमता निर्माण के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस पहल का मकसद हितधारकों के बीच तालमेल सुनिश्चित करना और संग्रहालय के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण बनाना है। युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय, सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के अंग के रूप में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में बनने वाला दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय होगा, जो 1,54,000 वर्गमीटर में फैला होगा।
क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र द्वारा विश्व लोकगीत दिवस समारोह: दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र ने तंजावुर और चेन्नई में एक भव्य उत्सव आयोजित करते हुए विश्व लोकगीत दिवस मनाया, जिसमें 850 कलाकार शामिल हुए। लोक और जनजातीय कलाओं को समर्थन देने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए लाभ सीधे लाभार्थियों तक वितरित किए गए।
उन्नत जैव-पुरातत्व अनुसंधान के लिए भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण और यूसीएल के बीच समझौता ज्ञापन: जैव-पुरातात्विक अनुसंधान को बढ़ाने के लिए, भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण और यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन ने एक सहयोगात्मक समझौता किया है। यह साझेदारी ऑस्टियोलॉजिकल, हिस्टोलॉजिकल और स्टेबल आइसोटोप विश्लेषण सहित अन्य उन्नत अध्ययनों के लिए मानव कंकाल अवशेषों के अध्ययन की अनुमति देगी।
जीनोमिक्स का उपयोग करके दक्षिण एशियाई जनसंख्या इतिहास का पुनर्निर्माण: अत्याधुनिक जीनोमिक्स के ज़रिए, दक्षिण एशिया के जनसंख्या इतिहास का पुनर्निर्माण करने के लिए, भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण और लखनऊ के बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसाइंसेज के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह परियोजना एतिहासिक जानकारी को और गहराई से समझने के लिए प्राचीन और समकालीन नमूनों से डीएनए, माइक्रोबायोम और स्थिर आइसोटोप का विश्लेषण करेगी।
ये पहल संस्कृति मंत्रालय के सांस्कृतिक संरक्षण, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और हमारी समृद्ध विरासत के उत्सव के प्रति अटूट समर्पण को दर्शाती हैं।
***
एमजी/एआर/एनएस/डीए
(Release ID: 2055773)
Visitor Counter : 273