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आईबीसी ने "संघर्ष से बचने और सतत विकास के लिए सजग संचार" विषय पर दूसरा अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध मीडिया सम्मेलन आयोजित किया

Posted On: 11 SEP 2024 6:19PM by PIB Delhi

अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) और विवेकानंद अंतर्राष्ट्रीय फाउंडेशन (वीआईएफ) ने “संघर्ष निवारण और सतत विकास के लिए सजग संचार” विषय पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध मीडिया सम्मेलन का शुभारंभ किया।

भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान श्री बाइचुंग भूटिया मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। वीआईएफ के चेयरमैन श्री गुरुमूर्ति, आईबीसी के महासचिव वेन जंगचुक चोडेन, वीआईएफ के निदेशक डॉ. अरविंद गुप्ता द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस अवसर पर तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता श्री रिकी केज भी मौजूद थे।

मुख्य अतिथि श्री बाइचुंग भूटिया ने जोर देकर कहा कि बौद्ध धर्म जीवन जीने का एक तरीका है। उन्होंने कहा, “बुद्ध की शिक्षाओं में शांति और त्याग का संदेश है। श्री भूटिया ने कहा कि शांति और भाईचारा सुनिश्चित करने में बौद्ध धर्म की प्रमुख भूमिका है और दुनिया भर में बौद्ध धर्म के संदेश को फैलाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

वीआईएफ के निदेशक डॉ. अरविंद गुप्ता ने बताया कि सभ्यतागत मूल्यों को बहाल करने के लिए विचार करना और कदम उठाना महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ वर्षों में हिंदू और बौद्ध विद्वानों को इन मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला है।

यह जरूरी है कि बौद्ध धर्म के नैतिक आचरण और ज्ञानोदय के विचार को संतुलित और नैतिक रिपोर्टिंग के लिए मीडिया द्वारा अपनाया जाए।

आईबीसी महासचिव शार्त्से खेंसुर रिनपोछे जंगचुप चोएडेन ने विश्व से सत्य, करुणा और परोपकार को अपनाने का आह्वान किया, जो बुद्ध की शिक्षाओं के प्रमुख गुण हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब लालच और संघर्ष बढ़ रहे हैं, बुद्ध के मार्गदर्शन की अत्यंत आवश्यकता है।

वीआईएफ के चेयरमैन श्री गुरुमूर्ति ने कहा कि पिछले कुछ सौ वर्षों में दुनिया को बहुत नुकसान हुआ है, वहीं, भारत ने सबसे महान दार्शनिक परंपराओं को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि आधुनिक संचार के लिए इन विचारों की प्रासंगिकता काफी ज्यादा है।

मीडिया से बातचीत करते हुए आईबीसी के महानिदेशक श्री अभिजीत हलदर ने बताया कि इस कार्यक्रम को मीडिया से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है और आईबीसी अपना अगला सम्मेलन बड़े स्तर पर आयोजित करेगा। उन्होंने कहा कि संघर्ष से बचने और सतत विकास के क्षेत्र में बुद्ध की शिक्षाओं को दुनिया द्वारा आत्मसात करने का यह सही समय है। यह वास्तविकता है कि भारत बुद्ध की भूमि है और हम सभी के लिए एक आकर्षण है।

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