प्रधानमंत्री कार्यालय
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस ओलंपिक्स में भाग लेने वाले दल के सदस्यों से साथ बातचीत की
'खेल ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां कभी कोई हारता नहीं बल्कि हर कोई सीखता है'
'हर खिलाड़ी का ख्याल रखा जाता है'
उन्होंने कहा, 'मेरे देश का एक भी खिलाड़ी भारत के नाम पर रत्ती भर भी खरोंच नहीं चाहता। यह हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है।'
'यह पेरिस ओलंपिक्स भारत के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक रहा'
प्रधानमंत्री ने कहा कि विजय हमारा इंतजार कर रही है। हम रुकने वाले नहीं हैं।
'खेलो इंडिया' भारत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम बन गया है और इसे अधिक महत्व और मजबूती देने की आवश्यकता है'
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप मेरी 2036 टीम के योद्धा हैं, आप सभी को मेरी मदद करनी है ताकि हम 2036 में ऐसे ओलंपिक्स खेल का आयोजन और मेजबानी करके दिखा सकें जो दुनिया में अब तक नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर पेरिस ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय दल के साथ संवाद किया।
Posted On:
16 AUG 2024 11:50AM by PIB Delhi
पेरिस ओलंपिक्स दल को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि खेल ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां कोई कभी नहीं हारता और हर कोई सीखता है। उन्होंने कहा कि जो लोग कोई पदक नहीं जीत सके, उन्हें अपने मन से यह विचार निकाल लेना चाहिए कि वे हार गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आपने देश का झंडा ऊंचा रखा और कुछ सीख कर लौटे हैं। जो लोग पदक नहीं जीत सके, उनके लिए हाथ उठाने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने उनसे यह न सोचने का आग्रह किया कि वे पीछे रह गए हैं बल्कि अपने अनुभवों से आपने बहुत कुछ से सीखा है। प्रधानमंत्री की बात पर सभी एथलीट एक सुर में सहमत हुए।
प्रधानमंत्री ने दुनिया भर के खिलाड़ियों से मुलाकात सहित पेरिस ओलंपिक्स के दौरान खिलाड़ियों के अनुभव के बारे में जानना चाहा। इस पर बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने कहा कि भले ही यह लंबे समय तक चलने वाले मैचों के साथ एक लंबा टूर्नामेंट था, लेकिन उन्हें अपने पहले ओलंपिक में सीखने का शानदार अनुभव मिला। उन्होंने अपने खाली समय में टीम के साथ डिनर पर जाने, नए खिलाड़ियों से मिलने और उनसे सीखने का जिक्र किया। उन्होंने एक बड़े स्टेडियम में भारी भीड़ के सामने खेलने के अपने अनुभव को भी साझा किया और कहा कि पहले दो या तीन मैचों में वह थोड़ा घबराए हुए थे, लेकिन जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ता गया उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता चला गया। उन्होंने कहा कि इतने करीब आकर जीत न पाना दिल दुखाने वाला था। लक्ष्य ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि वह आने वाले समय में अपने नतीजों में सुधार करेंगे। प्रधानमंत्री ने अनुशासन की आवश्यकता पर भी बात की। देश में ओलंपिक्स खेलों की बढ़ती दर्शक संख्या पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों के बीच यह भावना विकसित हुई है कि भारतीय बाकी दुनिया के समान स्तर पर खेल सकते हैं और प्रतिस्पर्धा भी कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने पेरिस ओलंपिक्स के दौरान ज्यादा गर्मी पड़ने से खिलाड़ियों को होने वाली तकलीफों को कम करने के लिए एयर कंडीशनर उपलब्ध कराने को लेकर अधिकारियों द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर खिलाड़ी की देखभाल की जाती है।
अपने दूसरे ओलंपिक्स खेल में हिस्सा लेने वाली निशानेबाज अंजुम मोदगिल ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्हें लक्ष्य हासिल करने में अत्यधिक खुशी होती और असफलता के बाद अत्यधिक निराशा का अनुभव होता है। हालांकि इससे हर खिलाड़ी हर दिन गुजरता है। उन्होंने मनु के पदक जीतने की खुशी और कुछ गेम्स में एथलीटों के चौथे स्थान पर रहने के अलावा विनेश के दुखद परिणाम से निराशा छाने और फिर हॉकी में पदक जीतने की खुशी के बीच किस प्रकार का मनोभाव रहा, इससे प्रधानमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जो भावना एथलीट रोजाना महसूस करते हैं, उसे पूरे देश के लोगों ने ओलंपिक्स के दौरान महसूस किया। अंजुम ने इस बात पर जोर दिया कि ओलंपिक्स खेल भारत में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त समय पर आए हैं और इससे लोगों को खिलाड़ियों की खेल यात्रा को समझने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आज जो सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं, उनमें भविष्य में और सुधार ही होगा। प्रधानमंत्री ने उनके विचारों से सहमति जताई और कहा कि पूरे भारत में यही भावना है।
पुरुष हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश के संन्यास लेने के फैसले के बारे में प्रधानमंत्री के पूछने पर श्रीजेश ने प्रधानमंत्री को बताया कि भले ही उन्होंने इसके बारे में कुछ वर्षों से सोचा था, लेकिन वह 20 वर्षों तक देश के लिए खेलने के बाद चाहते थे कि ओलंपिक जैसे भव्य मंच पर इसकी घोषणा करें। प्रधानमंत्री ने टीम द्वारा श्रीजेश को दी गई शानदार विदाई पर प्रकाश डाला और कहा कि टीम उन्हें बहुत याद करेगी। श्रीजेश ने कहा कि सेमीफाइनल हारना निराशाजनक था, लेकिन पूरी टीम उनकी खातिर कांस्य पदक मैच जीतने के लिए खेली। उन्होंने कहा कि ओलंपिक्स जैसे बड़े मंच से टीम को विदाई देने का अवसर मिलने के लिए वह आभारी हैं।
ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ मैच के दौरान आने वाली कठिनाइयों के बारे में प्रधानमंत्री ने पूछा, जहां टीम पहले क्वॉर्टर में दस लोगों से कम थी, इस पर पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कोचिंग स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योजनाओं को पूर्णता के साथ लागू किया गया। इससे टीम में उत्साह बढ़ गया। उन्होंने हॉकी में ग्रेट ब्रिटेन के साथ चल रही प्रतिद्वंद्विता का भी उल्लेख किया, जिस पर प्रधानमंत्री ने हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब दिया और कहा कि यह 150 वर्षों से चल रहा है। हरमनप्रीत ने कहा कि हम परंपरा का पालन कर रहे हैं। उन्होंने 52 साल के लंबे इंतजार के बाद ओलंपिक्स में हॉकी में ऑस्ट्रेलिया को हराने की भी बात कही। प्रधानमंत्री ने उन्हें टीम की सफलता पर बधाई दी और ओलंपिक्स में हॉकी में भारत के लगातार पदक जीतने पर प्रकाश डाला।
पहलवान अमन शेरावत ने 10 साल की छोटी उम्र में अपने माता-पिता के निधन के बाद से आई कठिनाइयों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उन्होंने मेडल जीतकर अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने एक एथलीट के रूप में अपने विकास में योगदान के लिए टोओपीएस, एसएआई और डब्ल्यूएफआई को भी श्रेय दिया।
प्रधानमंत्री ने दल में शामिल एथलीटों से पूछा कि कितने ऐसे हैं, जिनके उपनाम हैं, इस पर निशानेबाज श्रेयसी सिंह ने प्रधानमंत्री को बताया कि कहा कि वह बिहार विधानसभा की सदस्य भी हैं, उनके साथी उन्हें 'विधायक दीदी' कहते हैं।
प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से सोशल मीडिया के उपयोग के बारे में जानना चाहा। इस पर हरमनप्रीत ने प्रधानमंत्री को बताया कि पूरी हॉकी टीम ने पूरे ओलंपिक्स में मोबाइल फोन और सोशल मीडिया का उपयोग करने से बचने का फैसला किया, क्योंकि सकारात्मक और नकारात्मक दोनों टिप्पणियों का प्रभाव पड़ता है। प्रधानमंत्री ने इस दृष्टिकोण की सराहना की और युवाओं को इसका अनुसरण करने की सलाह देने का भी आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने पहली बार की ओलंपियन पहलवान रितिका हुड्डा को प्रोत्साहित किया, जो एक अंक से अपना मुकाबला चूक गईं। श्री मोदी ने कहा कि आपकी उम्र काफी कम है, ऐसे में आपको आगे बहुत कुछ करना है। उन्होंने विश्वास जताया कि वह भविष्य में देश का नाम रोशन करेंगी।
पेरिस ओलंपिक्स के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला ने प्रधानमंत्री को बताया कि खेलों के दौरान एथलीटों को न्यूनतम चोटें आईं। पहले 3-4 इंजरी की तुलना में केवल 1-2 गंभीर चोटें हुईं, जिनके लिए ऑपरेशन की आवश्यकता हुई। उन्होंने बताया कि जहां हम ठहरे थे वहीं पर पॉलीक्लिनिक सहित अन्य सुविधाएं थीं। इससे खिलाड़ियों को आसानी से रिकवरी, चोट प्रबंधन और तैयारी की सुविधा मिलती थी। उन्होंने कहा कि इससे एथलीटों में काफी आत्मविश्वास पैदा हुआ। उन्होंने एथलीटों का सहयोग करने के लिए भविष्य में भी अभ्यास जारी रखने की इच्छा व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने इन प्रयासों की सराहना की और कहा कि इंजरी में कमी से खेल के हर पहलू में विशेषज्ञता प्राप्त होती है। उन्होंने उन एथलीटों के प्रयासों की भी सराहना की जिन्होंने खुद को छोटे झटके या कठिनाइयों का सामना करने के लिए खुद को तैयार किया, जिससे बड़ी चोट लगने की आशंका समाप्त हो गई। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे यकीन है कि आपने अपने शरीर को प्रशिक्षित किया होगा और कड़ी मेहनत की होगी। इसलिए आप सभी प्रशंसा के पात्र हैं।
प्रधानमंत्री ने खेल और युवा कार्यक्रम मामले के मंत्री श्री मनसुख मांडविया, खेल राज्य मंत्री सुश्री रक्षा खडसे और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष सुश्री पीटी उषा की उपस्थिति का उल्लेख किया। श्री मोदी ने पेरिस से लौटने पर खिलाड़ियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने गर्व से कहा कि पूरी दुनिया भारतीय एथलीटों के दृढ़ संकल्प, अनुशासन और उनके व्यवहार की प्रशंसा करती है। प्रधानमंत्री ने पूरे दल को बधाई देते हुए कहा कि मेरे देश का एक भी खिलाड़ी भारत के नाम पर रत्ती भर भी खरोंच नहीं चाहता। यह हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि इस दल ने पूरी दुनिया में भारतीय ध्वज का गौरव बढ़ाया और उसके बाद देश लौटा है। उन्होंने पेरिस ओलंपिक्स की शुरुआत से पहले दल के साथ बातचीत को याद किया और कहा कि सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय खिलाड़ियों की उम्र कम है और ऐसे में अब इस अनुभव के साथ उनके पास और अधिक हासिल करने का समय है। उन्होंने कहा कि इस अनुभव से देश को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने देश के लिए बनाए गए विभिन्न रिकॉर्डों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पेरिस ओलंपिक्स कई मायनों में भारत के लिए ऐतिहासिक रहा है, जो लाखों युवाओं को प्रेरित करेगा। उन्होंने निशानेबाज मनु भाकर का उल्लेख किया, जिन्होंने ओलंपिक्स के लगभग 125 साल के इतिहास में भारतीय खिलाड़ी के रूप में व्यक्तिगत स्पर्धाओं में दो पदक जीतने वाली पहली महिला बनी हैं। उन्होंने ट्रैक एंड फील्ड एथलीट नीरज चोपड़ा के बारे में भी बात की, जो व्यक्तिगत स्पर्धाओं में स्वर्ण और रजत जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। पीएम ने 52 साल बाद हॉकी में लगातार दो पदकों का भी जिक्र किया। महज 21 साल की उम्र में अमन शेरावत का पदक जीतना और पहलवान विनेश फोगाट के कुश्ती में फाइनल में पहुंचने का भी उन्होंने जिक्र किया। उन्होंने भारतीय निशानेबाजों पर भी गर्व महसूस किया, जिन्होंने पहली बार सात निशानेबाजी स्पर्धाओं के फाइनल में जगह बनाई। इसी तरह तीरंदाजी में धीरज और अंकिता पदक के लिए खेलने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बने। लक्ष्य सेन ओलंपिक्स में सेमीफाइनल तक पहुंचने वाले एकमात्र पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बने। अविनाश साबले ने इस प्रारूप में पहली बार स्टीपलचेज के फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।
श्री मोदी ने कहा कि अधिकांश पदक विजेता 20 वर्ष आयु वर्ग के हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टोक्यो और पेरिस ओलंपिक्स चार के बजाय तीन साल के भीतर हुए और अगर एथलीटों को एक साल और मिलता तो वे और बेहतर प्रदर्शन करते। उन्होंने रेखांकित किया कि एथलीट अपने लंबे करियर में कई बड़े टूर्नामेंट खेलेंगे और उन्हें अपनी यात्रा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि आपको एक भी मैच नहीं छोड़ना चाहिए। यह युवा टीम इस बात का सबूत है कि खेलों में भारत का भविष्य कितना उज्ज्वल होने वाला है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि पेरिस ओलंपिक्स भारतीय खेलों की इस उड़ान के लिए एक लॉन्च पैड साबित होने वाला है। उन्होंने आगे कहा कि जीत हमारा इंतजार कर रही है। हम रुकने वाले नहीं हैं।
प्रधानमंत्री ने विश्वस्तरीय खेल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की सरकार की प्राथमिकता पर जोर दिया। उन्होंने जमीनी स्तर से आने वाले खिलाड़ियों को खोजने और तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया और हर गांव एवं शहर से युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए खेलो इंडिया अभियान का उल्लेख किया। पीएम मोदी ने इस बात पर खुशी जताई कि खेलो इंडिया के 28 खिलाड़ी इस ओलंपिक्स ग्रुप का हिस्सा बने। उन्होंने अमन, अनंतजीत, धीरज और सर्वजोत का उल्लेख किया, जिन्होंने खेलो इंडिया एथलीट के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया भारत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम बन गया है और इसे अधिक महत्व और मजबूती देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में खेलो इंडिया के खिलाड़ियों की एक बड़ी फौज तैयार की जा रही है। खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के दौरान सुविधाओं और संसाधनों की कमी का सामना न करना पड़े, इसके लिए बजट भी लगातार बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि ओलंपिक्स से पहले सभी एथलीटों को कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का अनुभव मिला है। प्रशिक्षकों और विशेषज्ञों ने आहार और उपकरणों के साथ ही विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के प्रयासों पर ध्यान दिया है। उन्होंने रेखांकित किया कि खिलाड़ियों को सहयोग देने के लिए एक पूरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया गया है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि यह केवल खेल को लेकर देश की नीतियों में बदलाव नहीं है, यह उस विश्वास का प्रतीक और अभिव्यक्ति भी है जो देश की युवा पीढ़ी में है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी खिलाड़ी देश के युवाओं के लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि ओलंपिक्स के पिछले संस्करण के दौरान तकनीकी समस्याओं का सामना करने के बाद इस बार मनु ने शानदार वापसी की। अंकिता ने इस सत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया और मनिका बत्रा एवं श्रीजा अकुला ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। इसी तरह उन्होंने नीरज की निरंतरता और अनुशासन, स्वप्निल का मुश्किलों से पार पाकर पदक जीतना और हॉकी टीम के प्रदर्शन का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिसने भी पदक जीता या जो भी एक अंक या कुछ सेकंड से चूक गया, सभी ने एक ही संकल्प दोहराया। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि यह सिलसिला गोल्ड से पहले नहीं रुकेगी उन्होंने कहा कि आप सब की मेहनत से देश के युवाओं को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत 2036 ओलंपिक्स की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है और पिछले ओलंपिक्स में भाग लेने वाले एथलीटों की उपलब्धियों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ओलंपिक्स की योजना से लेकर व्यवस्थाओं तक, खेल प्रबंधन से लेकर आयोजन के प्रबंधन तक, आपको अपने अनुभवों और विचारों को लिखना चाहिए और उन्हें सरकार के साथ साझा करना चाहिए ताकि हम 2036 की तैयारी कर सकें। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी कमियां भी 2036 की तैयारी में काम आएंगी। पीएम मोदी ने कहा कि तो एक तरह से आप मेरी 2036 टीम के योद्धा हैं, आप सभी को मेरी मदद करनी होगी ताकि हम 2036 में ऐसे ओलंपिक्स का आयोजन और मेजबानी करके दिखा सकें जो दुनिया में अब तक नहीं हुआ है। उन्होंने खेल मंत्रालय से इसके लिए एक मसौदा तैयार करने और सभी खिलाड़ियों से विस्तृत फीडबैक और प्रतिक्रिया लेने का भी आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से सोशल मीडिया पर युवाओं से जुड़कर भविष्य के अन्य खिलाड़ियों को प्रेरित करने का आग्रह किया। उन्होंने खेल मंत्रालय और अन्य संगठनों से विभिन्न समूहों के लोगों के साथ इस तरह के संवाद सत्र आयोजित करने का भी आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से पर्यावरण की रक्षा के लिए चल रहे 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान में भाग लेने का भी आग्रह किया। उन्होंने पेरिस में किए गए प्रयासों पर भी प्रकाश डाला और पर्यावरण के अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि आपलोग लोगों को इस बारे में जागरूक करें कि वे प्राकृतिक खेती करने पर जोर दें, ताकि हमारी धरती माता की रक्षा हो सके। उन्होंने कहा कि युवाओं को खेल और फिटनेस में शामिल होने के लिए प्रेरित करें।
अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि खिलाड़ी हमेशा देश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि युवा प्रतिभाओं की सफलता से विकसित भारत की यात्रा और अधिक सुंदर होने वाली है। पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए आप सभी अचीवर्स हैं। हर किसी ने कुछ न कुछ हासिल किया है। जब मेरे देश के ऐसे युवा कुछ सफलता प्राप्त करते हैं तो देश भी उन पर भरोसा करके कुछ हासिल करने की तैयारी करता है।
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एमजी/एआर/आरकेजे
(Release ID: 2050559)
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