उप राष्ट्रपति सचिवालय

फोरेंसिक विज्ञान न्याय की आधारशिला है, यह सुनिश्चित करता है कि तथ्य अटकलों पर विजय प्राप्त करें, उपराष्ट्रपति ने रेखांकित किया


कानून के शासन में नागरिकों का विश्वास मजबूत करने में फोरेंसिक विज्ञान महत्वपूर्ण है- उपराष्ट्रपति

निर्दोष की आवाज सुनने में असमर्थ समाज का पतन निश्चित है: उपराष्ट्रपति 

श्री धनखड़ ने भविष्य की पीढ़ियों के लिए इस ग्रह की सुरक्षा के महत्व पर बल दिया

उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के संकाय और छात्रों के साथ बातचीत की

Posted On: 23 AUG 2024 5:52PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज न्याय प्रणाली में फोरेंसिक विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा, "फोरेंसिक विज्ञान अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का एक साधन मात्र नहीं है; बल्कि यह बेगुनाही स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जो समाज निर्दोष व्यक्ति की पुकार नहीं सुन पाता, उसका पतन निश्चित है।

फोरेंसिक विज्ञान को न्याय की आधारशिला बताते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि "फोरेंसिक विज्ञान केवल एक तकनीक नहीं है, यह न्याय की आधारशिला है। यह सुनिश्चित करता है कि साक्ष्य राय से ज़्यादा प्रभावी हैं और तथ्य अटकलों पर विजय प्राप्त करते हैं।"

आज राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के संकाय और छात्रों को संबोधित करते हुए, श्री धनखड़ ने न्याय की त्रुटियों को रोकने में फोरेंसिक विज्ञान की अपरिहार्यता पर प्रकाश डाला और कहा कि यह सुनिश्चित करता है कि दोषियों को दंड मिले, और निर्दोषों की रक्षा की जाए।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फोरेंसिक विज्ञान कानून के शासन में नागरिकों के विश्वास को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि न्याय में चूक समाज के लिए बहुत ही निराशाजनक है और इसे केवल फोरेंसिक विज्ञान के अनुप्रयोग के माध्यम से ही टाला जा सकता है।

फोरेंसिक विज्ञान को एक बहुआयामी विषय मानते हुए, श्री धनखड़ ने कहा कि यह हमारी दुनिया के रहस्यों को उजागर करने, हमारे समुदायों की सुरक्षा करने तथा हमारे राष्ट्र के विकास की दिशा तय करने की कुंजी है।

जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी क्षरण जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में फोरेंसिक विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, श्री धनखड़ ने कहा कि फोरेंसिक विज्ञान प्रदूषण स्रोतों की पहचान करने, वन्यजीवों के अवैध शिकार पर नज़र रखने और पर्यावरण नियमों के अनुपालन की निगरानी में विविध सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।

प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के खिलाफ चेतावनी देते हुए, श्री धनखड़ ने भावी पीढ़ियों के लिए इस ग्रह की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया, तथा इसके संरक्षण और सुधार को सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया। उन्होंने आगे कहा कि पर्यावरण को होने वाले नुकसान के कारणों का वैज्ञानिक रूप से पता लगाना, उल्लंघनकर्ताओं को जवाबदेह ठहराने और भविष्य के लिए प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने के लिए आवश्यक है।

युवा पेशेवरों से सरकारी सेवा से परे अवसरों का पता लगाने का आग्रह करते हुए, श्री धनखड़ ने फोरेंसिक विज्ञान जैसे क्षेत्रों में विशाल और फलदायी संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कोचिंग सेंटरों की भागदौड़ या सरकारी नौकरियों तक ही महत्वाकांक्षाओं को सीमित नहीं रखने की सलाह दी, उन्होंने कहा, "अन्य क्षेत्रों में अवसर बहुत अधिक और अधिक फलदायी हैं। वे आपके कौशल और ज्ञान का परीक्षण कर नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देंगे।"

फोरेंसिक विज्ञान का उदाहरण देते हुए श्री धनखड़ ने कैरियर के अवसरों पर व्यापक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करते हुए सवाल उठाया कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के विशेषज्ञ स्वयं को सरकारी भूमिकाओं तक ही क्यों सीमित रखें?

उन्होंने छात्रों और पेशेवरों से नैतिकता और ईमानदारी के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की अपील की, किसी आतंकवादी को भागने देना या किसी निर्दोष व्यक्ति को जेल भेजने जैसी नरमी के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने आग्रह किया, "हमेशा सत्य को अपने काम का मार्गदर्शक बनाएं और सुनिश्चित करें कि न्याय बिना किसी पक्षपात और समझौते के किया जाए।"

इस अवसर पर गुजरात के माननीय राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, गुजरात सरकार के प्रोटोकॉल राज्य मंत्री श्री जगदीश विश्वकर्मा, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जेएम व्यास, संकाय सदस्य, छात्र और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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एमजी/एआर/पीएस



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