शिक्षा मंत्रालय

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में देश भर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों के साथ रक्षा बंधन मनाया


श्री धर्मेंद्र प्रधान ने विद्यार्थियों को आशीर्वाद देने एवं उनका मार्गदर्शन करने तथा उनके इस रक्षा बंधन को विशेष बनाने के लिए राष्ट्रपति के प्रति आभार व्यक्त किया

16 राज्यों के सरकारी स्कूलों के 180 से अधिक विद्यार्थियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की

अमृत उद्यान के एक निर्देशित दौरे से सभी विद्यार्थी लाभान्वित हुए

Posted On: 19 AUG 2024 7:24PM by PIB Delhi

महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज राष्ट्रपति भवन में देश भर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों और विद्यार्थियों के साथ रक्षा बंधन मनाया।

 

2024-08-19 19:02:39.554000

इस कार्यक्रम में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और शिक्षा राज्यमंत्री तथा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) के सचिव श्री संजय कुमार और शिक्षा मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।

श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने विद्यार्थियों को आशीर्वाद देने एवं उनका मार्गदर्शन करने और उनके इस रक्षा बंधन को विशेष बनाने के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के प्रति आभार व्यक्त किया। बाद में, उन्होंने छात्रों के साथ अनौपचारिक बातचीत की और उनके लक्ष्यों एवं आकांक्षाओं के बारे में जानकारी ली।

ओडिशा के संबलपुर की एक छात्रा प्रियांशा प्रधान ने राष्ट्रपति के साथ रक्षा बंधन मनाने से संबंधित अपने उत्साह को साझा किया। उसने कहा कि राष्ट्रपति के इन शब्दों ने उसे काफी हद तक प्रेरित किया है कि रक्षा बंधन के त्योहार की असली भावना केवल भाइयों और बहनों के बीच मनाना नहीं, बल्कि इसे सैनिकों, माता-पिता और दोस्तों के साथ भी साझा करना है। अरुणाचल प्रदेश की एक शिक्षिका ने बताया कि राष्ट्रपति की सादगी और गर्मजोशी ने उनके दिल को छू लिया है।

आज 16 राज्यों के सरकारी स्कूलों के 180 से ज्यादा विद्यार्थियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। सभी विद्यार्थी राष्ट्रपति भवन के भीतर स्थित अमृत उद्यान के निर्देशित दौरे से और भी अधिक लाभान्वित हुए। यह एक ऐसा उद्यान है जो भारत की समृद्ध वास्तुकला एवं बागवानी की विरासत का एक उत्कृष्ट प्रमाण है। राष्ट्रपति के साथ बातचीत करने का यह असाधारण अवसर विद्यार्थियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव था, जिससे उनमें देश की सांस्कृतिक परंपराओं के प्रति गर्व एवं सम्मान की गहरी भावना पैदा हुई।

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