सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
मानसून में राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति
Posted On:
07 AUG 2024 1:15PM by PIB Bhopal
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के विकास और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है।
राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास और रखरखाव एक सतत प्रक्रिया है। मंत्रालय और इसकी विभिन्न निष्पादन एजेंसियों जैसे कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) / सड़क निर्माण विभाग (आरसीडी) / राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के निगमों द्वारा समय-समय पर राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति का आकलन किया जाता है। इसे यातायात योग्य स्थिति में रखने के लिए समय-समय पर राष्ट्रीय राजमार्गों पर रखरखाव कार्य किए जाते हैं; ऐसे कार्यों में विभिन्न कारणों से हुई कमियों और क्षति का सुधार, राष्ट्रीय राजमार्गों का पुनरूद्धार और सुदृढ़ीकरण, पर्याप्त जल निकासी प्रणाली प्रदान करना आदि शामिल हैं।
तदनुसार, सड़क के किनारे लाइन वाली/बिना लाइन वाली नालियों, क्रॉस ड्रेनेज संरचनाओं जैसे कलवर्ट, प्राकृतिक धाराओं/जल निकासी आदि पर छोटे और बड़े पुलों का निर्माण, मानक विनिर्देशों और भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) कोड के अनुसार ठेकेदार/रियायतग्राही द्वारा परियोजना के लिए अनुबंध के दायरे के अनुसार किया जाता है।
मंत्रालय ने जवाबदेह रखरखाव एजेंसी के माध्यम से पुलों सहित सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के खंडों के रखरखाव और मरम्मत (एमएंडआर) को सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र विकसित किया है।
राष्ट्रीय राजमार्गों के उन हिस्सों का रखरखाव और मरम्मत, जहां विकास कार्य शुरू हो गए हैं या संचालन, रखरखाव और हस्तांतरण (ओएमटी) रियायतें/संचालन और रखरखाव (ओएंडएम) अनुबंध दिए गए हैं, दोष देयता अवधि (डीएलपी)/रियायत अवधि के अंत तक संबंधित रियायतग्राही/ठेकेदारों की जिम्मेदारी है। इसी प्रकार, टीओटी (टोल ऑपरेट एंड ट्रांसफर) और इनविट (इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) के तहत किए गए राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों के लिए, एमएंडआर जिम्मेदारी रियायत अवधि के अंत तक संबंधित रियायतकर्ता की होती है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के शेष खंडों के लिए, मंत्रालय ने अनुबंध रखरखाव के माध्यम से रखरखाव कार्य करने का नीतिगत निर्णय लिया है, जो या तो प्रदर्शन आधारित रखरखाव अनुबंध (पीबीएमसी) या अल्पकालिक रखरखाव अनुबंध (एसटीएमसी) है, जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों का कोई भी खंड बिना किसी जवाबदेह संविदात्मक रखरखाव एजेंसी के नहीं रह जाएगा।
मंत्रालय ने पिछले वर्ष के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव पर 6,523 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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