पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
2024-25 के लिए बंदरगाहों का मौद्रीकरण
Posted On:
06 AUG 2024 1:40PM by PIB Delhi
राजस्व हिस्सेदारी/रॉयल्टी पर प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण और रियायतग्राही के बीच खुली प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से एक रियायत समझौते के जरिये विशिष्ट परियोजनाओं/गोदी/टर्मिनलों के लिए प्रमुख बंदरगाहों में एक विशिष्ट अवधि के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी की अनुमति दी गई है। रियायत अवधि की समाप्ति के बाद, परिसंपत्ति बंदरगाह प्राधिकरण को सौंप दी जाती है। वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह (7055 करोड़ रुपये), दीनदयाल बंदरगाह (1880 करोड़ रुपये), श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह (1065 करोड़ रुपये) में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं के माध्यम से 10000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए रखा गया है। इन परियोजनाओं को सरकार द्वारा पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। अधिक स्वायत्तता, लचीलापन प्रदान करने तथा निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए, प्रमुख बंदरगाह ट्रस्ट अधिनियम, 1963 के स्थान पर प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम, 2021 को लागू किया गया है, मॉडल रियायत समझौते (एमसीए) का संशोधन किया गया है, तथा पीपीपी परियोजनाओं के लिए टैरिफ निर्धारण हेतु दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं।
यह जानकारी आज राज्यसभा में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक लिखित उत्तर में दी।
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